अब ब्रेन की ब्लीडिंग छोटे से छेद के जरिए रोकी जा सकेगी

Friday, Oct 06, 2017 - 11:02 PM (IST)

चंडीगढ़, (अर्चना) : ब्रेन की ब्लीडिंग को रोकना अब छोटे से छेद के जरिए किए गए ट्रीटमैंट से रोका जा सकेगा। पहले ब्रेन आर्टरी के फटने के बाद दिमाग में होने वाली ब्लीडिंग को रोकने के लिए ब्रेन की ओपन सर्जरी की जाती थी जबकि अब ओपन सर्जरी की जरूरत नहीं रही है।

 टांगों की नस के जरिए दिमाग तक पहुंचकर पेशेंट की ब्लीडिंग को रोका जा सकता है। नई टैक्रिक पर आज से पी.जी.आई. में शुरू हुई इंटरवेंशनल न्यूरोरेडियोलॉजी की कांफ्रैंस में मंथन किया गया। पी.जी.आई. के न्यूरोसर्जरी विभाग के पूर्व हेड और जी.एम.सी.एच.-32 के पूर्व डायरैक्टर प्रो.वी.के.काक ने कांफ्रैंस का उद्घाटन किया। प्रो.एस.एन.मथूरिया ने न्यूरोइंटरवेंशन पर लैक्चर दिया। जर्मनी के प्रोफैसर मार्कस ने ब्रेन एन्यूरिजम में इस्तेमाल किए जाने वाले माइक्रो स्टेंट पर लैक्चर दिया।

यूके से डॉ.आर.पदमानाभान ने बैलून असीसटेड कोएलिंग पर लैक्चर दिया। यू.के. से प्रो.आई ग्रुनवाल्ड ने छोटी-छोटी एन्यूरिज्म की ट्रीटमैंट पर लैक्चर दिया। उन्होंने कहा कि सेरेब्रल एन्यूरिज्म एक ऐसा रोग है जिसमें ब्रेन को खून पहुंचाने वाली आर्टरी कमजोर हो जाती है और एक जगह पर खून से भरे गुब्बारे की तरह प्रतीत होती है।

इस गुब्बारे के फटने के बाद दिमाग में ब्लीडिंग हो जाती है जो पेशेंट की जान के लिए घातक साबित हो सकती है। आमतौर पर ऐसे एन्यूरिज्म को ट्रीट करने के लिए ब्रेन को ओपन किया जाता है और आर्टरी को क्लिप लगा दिया जाता है।

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