शहर के बुक सेलर्स अभिभावकों की आखों में झोंख रहे धूल
punjabkesari.in Sunday, May 21, 2017 - 08:24 AM (IST)

चंडीगढ़(रश्मि) : जहां सी.बी.एस.ई. द्वारा बोर्ड से संबंधित स्कूलों में एन.सी.ई.आर.टी. की पुस्तकें पढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं, वहीं दूसरी ओर शहर के बुक सेलर्स सी.बी.एस.ई. बोर्ड व अभिभावकों की आखों में धूल झोंकते हुए एन.सी.ई.आर.टी. द्वारा प्रकाशित की जा चुकी पुरानी पुस्तकों को स्कैन कर बेच रहे हैं और लाखों के वारे-न्यारे कर रहे हैं। इस वर्ष शिक्षकों को एन.सी.ई.आर.टी की पुस्तकों से पढ़ाई करवाने में दिक्कत आ रही है क्योंकि उनके पास नए सत्र की पुस्तक होती है और छात्रों के पास पुराने सत्र की जिनमे कई परिवर्तन हो चुके हैं।
यह जानकारी यू.टी. के एस.सी.ई.आर.टी. डायरैक्टर सुरेंद्र सिंह दहिया द्वारा दी गई। उन्होंने बताया कि शनिवार को अचीवमैंट सर्वे के तहत स्टूडैंट लर्निंग, लर्निंग स्टैंडर्ड एंड असेस्टमैंट से सम्बंधित सुझाव जानने के लिए एन.सी.ई.आर.टी. की टीम ने शहर के स्कूलों का दौरा किया गया था जिस दौरान यह बात सामने आई कि बुक्स सेलर्स पुराने सैशंस की किताबों को ही फॉटो कॉपी करवा कर पुस्तकों के रूप में बेच रहे हैं, जिसके चलते छात्र व टीचर्स दोनों ही परेशान हैं।
सैशन 2009 की बुक्स से छात्र कर रहे पढ़ाई :
डायरैक्टर सुरेंद्र सिंह दहिया ने बताया कि एन.सी.ई.आर.टी. टीम द्वारा के.बी.डी.ए.वी. स्कूल, चितकारा स्कूल, सैक्टर-16 स्थित गवर्नमैंट मॉडल सीनियर सैकेंडरी स्कूल व सैक्टर-18 के मॉडल सीनियर सैकेंडरी स्कूल का दौरा किया गया था। वहां छात्रों के पास वर्ष 2009 को प्रकाशित पुस्तकें पाई गईं जोकि टीचर्स के पास मौजूद पुस्तक से भिन्न थीं। उन्होंने अपील की है कि पुस्तकें खरीदते वक्त प्रकाशन वर्ष जरूर देखें।
एस.सी.ई.आर.टी के सदस्यों द्वारा उक्त दौरा यहां संपन्न हुई दो दिवसीय नेशनल वर्कशाप के दौरान किया गया था इस वर्कशॉप के दौरान नैशनल अचीवमैंट सर्वें में असेस्मैंट को बढ़ाने के तरीकों पर भी विचार किया गया 7 एस .सी.इ.आर.टी. सितंबर 2017 में स्टूडैंटूस के लर्निंग प्रोग्राम को लेकर नैशनल सर्वे करने जा रहा है।