चंडीगढ़ दौरे पर पहुंचे रक्षा मंत्री, कहा-भारत कमजोर नहीं रहा, ताकतवर बन गया : राजनाथ सिंह

Monday, May 08, 2023 - 09:08 PM (IST)

चंडीगढ़,(रॉय/राजिंद्र):चंडीगढ़ के दौरे पर आए केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह चंडीगढ़ भाजपा प्रदेश कार्यालय कमलम् में भी पधारे व पार्टी के पदाधिकारियों व वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के साथ मुलाकात की तथा कार्यसमिति की बैठक ली। बैठक में प्रदेश अध्यक्ष अरुण सूद, पूर्व अध्यक्ष संजय टंडन, मेयर अनूप गुप्ता, प्रदेश महामंत्री रामवीर भट्टी, चंद्रशेखर के अलावा सभी प्रदेश पदाधिकारी, मनोनीत पार्षद, जिला मोर्चा अध्यक्ष महामंत्री, मण्डल अध्यक्ष व सभी प्रकोष्ठ-विभाग संयोजक उपस्थित रहे। इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आज अंतरराष्ट्रीय प्लेटफार्म पर भारत कुछ बोलता है, सारी दुनिया कान खोलकर सुनती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने अपनी अलग पहचान बनाई है, आज भारत कमजोर भारत नहीं रहा है, ताकतवर भारत बनकर उभरा है। प्रधानमंत्री की काल्पनिक क्षमता बहुत अधिक है और इसी की बदौलत हमने हर क्षेत्र में तरक्की के नए आयाम हासिल किए हैं देश की अर्थव्यवस्था 11वें स्थान से बढ़कर 5वें स्थान पर पहुंच गई है और शीघ्र ही दुनिया की टॉप 3 अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होगी।

 

 

 

रूस और यूक्रेन युद्ध के समय यूक्रेन से भारत वासियों को निकालना करिश्मा था। उन्होंने कहा कि भारत अब हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो रहा है, रक्षा के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर है। उन्होंने कार्यकर्ताओं को पार्टी के लिए जी जान से कार्य करने की प्रेरणा दी। इससे पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण सूद ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का भाजपा कार्यालय पहुंचने पर स्वागत किया जबकि मेयर अनूप गुप्ता ने सभी का धन्यवाद किया।

 

 

 

चंडीगढ़ टूरिज्म ऐप से भी की जा सकेगी बुकिंग 
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को सैक्टर-18 स्थित गवर्नमैंट प्रैस बिल्डिंग के ग्राऊंड फ्लोर पर 15,600 स्क्वेयर फीट में बने एयरफोर्स हैरीटेज सैंटर का उद्घाटन किया। सैंटर में लोग भारतीय वायु सेना के गौरवशाली इतिहास को देख सकेंगे, जो हमारे वीर योद्धाओं की वीरगाथाओं का बखान करती हैं। चित्र में वायुसेना के कारगिल युद्ध, बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक से लेकर वायु सेना द्वारा आपदाओं में की गई मदद को भी विस्तार से बताया गया है। सोमवार को वायुसेना ने यू.टी. प्रशासन को ये सैंटर हैंडओवर कर दिया, जिसे टूरिज्म डिपार्टमैंट की तरफ से चलाया जाएगा। सैंटर मंगलवार से लोगों के लिए भी खोल दिया जाएगा। चंडीगढ़ टूरिज्म ऐप पर जाकर टिकट की बुकिंग की जा सकती है और सैंटर पर जाकर भी लोग टिकट खरीद सकेंगे। प्रति व्यक्त 50 रुपए टिकट निर्धारित की गई है, जबकि 18 वर्ष की आयु से कम बच्चे बिना टिकट के सैंटर देख सकेंगे। अगर कोई सिमुलेटर, थिएटर और ऑगमेंटेड रियलिटी (ए.आर.) और वर्चुअल रियलिटी (वी.आर.) का आनंद लेना चाहता है, तो प्रति व्यक्ति 295 रुपए का प्रवेश टिकट है। इन सबके लिए तीन स्लॉट सुबह 10, दोपहर 12 और दोपहर बाद 3 बजे निर्धारित किए गए हैं और अधिकतम 75 लोग एक साथ इसके अनुभव कर सकेंगे। 

 

 

 

रक्षामंत्री ने सिम्युलेटर के लिया अनुभव, विमान में भी बैठे
प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि रक्षामंत्री ने सिम्युलेटर के अनुभव के साथ ही मिग 21 कॉकपिट में बैठकर भी देखा। सिम्युलेटर में उन्होंने सात मिनट बिताए। उन्होंने पूरे सैंटर का जायजा लिया और साथ ही वर्चुअल रियलिटी का भी अनुभव लिया। सैंटर में सभी विभाग व उपकरण वायुसेना की तरफ से स्थापित किए गए हैं, जबकि प्रशासन के टूरिज्म विभाग की तरफ से इसका रखरखाव किया जाएगा। इस मौके पर यू.टी. प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित, एयर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी, सांसद किरण खेर, मेयर अनूप गुप्ता व यू.टी. प्रशासन के अन्य अधिकारी उपस्थित थे। 

 

 

 

 

वायु सेना ने हमारे देश की संप्रभुता की रक्षा करने में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका : राजनाथ 
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह भारतीय वायु सेना के उन बहादुर युद्धाओं के लिए एक विनम्र श्रद्धांजलि है, जिन्होंने वीरता और समर्पण के साथ हमारे देश की सेवा की है। लगभग 1 साल हुए होंगे, जब मेरे पास इस सैंटर को बनाने के लिए प्रस्ताव आया था। उन्हें वायुसेना के युद्धाओं के प्रति सम्मान का एक अनोखा तरीका नजर आया, जिसके लिए उन्होंने तुरंत हां कर दी। साथ ही ये भी कहा कि वह खुद इसके उद्घाटन के लिए चंडीगढ़ आएंगे और आज यहां पहुंचकर उन्हें बहुत अच्छा लग रहा है। भारतीय वायु सेना ने हमारे देश की संप्रभुता की रक्षा करने में बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हमारे देश को आजादी मिलने के साथ ही अनेक संकटों का सामना करना पड़ा है, जिसमें हमारी वायुसेना एक मजबूत दीवार की तरह इस देश की सुरक्षा में खड़ी रही है। 1948 का युद्ध हो, 1961 का गोवा मुक्ति संग्राम हो, 1962 की जंग हो या 1965 की इंडो-पाक जगह हो, हमारी वायुसेना ने जिस मजबूती के साथ देश की सुरक्षा और सेवा में अपना योगदान दिया है, उसकी जितनी सराहना की जाए कम है।

 

 

 

 

1971 में तो हमारी वायुसेना ने एक नया इतिहास ही लिख दिया। इस जंग में हमारी तीनों सेनाओं ने जो काम किया, यह इतिहास के उन कुछ चुनिंदा युद्धों में से एक था, जो न जमीन के लिए लड़ा गया, न किसी संसाधन पर हक जमाने के लिए, न किसी तरह की सत्ता हासिल करने के लिए। इस युद्ध के पीछे जो मुख्य उद्देश्य मानवता और लोकतंत्र की गरिमा की सुरक्षा था। इस युद्ध ने यह सिद्ध किया कि किसी भी प्रकार के अन्याय के खिलाफ खड़ा होना हमारा कर्तव्य है। उन्होंने आगे कहा कि भारतीय वायु सेना की एक समृद्ध विरासत है और यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम इस विरासत को भावी पीढिय़ों के लिए संरक्षित और प्रदर्शित करें। यह सैंटर भारतीय वायु सेना के इतिहास को संरक्षित करने और युवाओं को प्रेरित करने का महत्त्वपूर्ण माध्यम बनेगा, ऐसा मेरा विश्वास है।
 

 

 

 

सैंटर में ये सब होगा खास
सैंटर में कई विमान भी रखे गए हैं। पहले तो 1971 में पाकिस्तानी हवाई हमलों के खिलाफ कश्मीर घाटी की हवाई रक्षा के लिए फ्लाइंग ऑफिसर निर्मल जीत सिंह सेखों द्वारा उड़ाए गए एक विमान को लाइट प्वाइंट के पास केंद्र के बाहर स्थापित किया गया है। फाइटर एयरक्राफ्ट मिग 21 और ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट एचपीटी 32 में व्यक्ति कॉकपिट में बैठकर विमान को चलाने जैसा जीवंत अनुभव ले पाएंगे। केंद्र में पायलट के प्रशिक्षण के समय प्रयोग होने वाले 3 फ्लाइट सिम्युलेटर लगाए गए हैं, जिससे व्यक्ति कंप्यूटर की 3डी स्क्रीन पर पायलट होने का अनुभव ले सकते हैं। केंद्र में कंप्यूटर का प्रबंधन किया गया है। जिसमें वायुसेना संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। वर्चुअल रियलिटी में व्यक्ति 3डी चश्मा पहनकर खुद युद्ध के मैदान में अपने आप को देख सकते हैं। इसमें लोग खुद को स्क्रीन पर युद्ध के परिवेश में देख सकेंगे। व्यक्ति के ऊपर लगा कैमरा उसकी फोटो स्क्रीन पर दिखाएगा। जिससे उसे महसूस होगा कि वह युद्ध के मैदान में है। गैलरी में प्रवेश लेने से पहले तेजस फाइटर एयरक्राफ्ट को रखा गया है।

 

 

केंद्र में मिनी ऑडिटोरियम बनाया गया है, जिसमें कुल 20 सीटें हैं। ऑडिटोरियम में एयरक्राफ्ट की होलोग्राफिक तस्वीर का प्रदर्शन भी किया गया है। गैलरी में प्रवेश लेने से पहले तेजस फाइटर एयरक्राफ्ट को रखा गया है। सैंटर में वायु सेना के अब तक के एयर चीफ मार्शल के बारे में भी लोगों को तस्वीरों के माध्यम से जानने का मौका मिलेगा। बता दें कि 27 अगस्त, 2021 को पूर्व प्रशासक वी.पी. सिंह बदनौर की उपस्थिति में चंडीगढ़ प्रशासन और वायु सेना के बीच इस विरासत केंद्र को बनाने के लिए सहमति बनी थी। 

Ajay Chandigarh

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