स्मॉल फ्लैट्स स्कीम: सी.एच.बी. ने जारी की रैंट डिफाल्टरों की नई सूची,जल्द बकाया राशि क्लीयर करने के दिए निर्देश

Thursday, Aug 04, 2022 - 07:54 PM (IST)

चंडीगढ़,(राजिंद्र शर्मा)। चंडीगढ़ हाऊसिंग बोर्ड ने स्मॉल फ्लैट्स स्कीम के तहत अलॉट किए फ्लैट्स के उन डिफाल्टरों को सख्त निर्देश दिए हैं, जो नियमित रूप से अपना रैंट जमा नहीं करवा रहे। बोर्ड ने ऐसे सभी अलाटियों की फ्रैश लिस्ट जारी की है और निर्देश दिए हैं कि वह अपनी बकाया राशि जल्द जमा करवा दें, नहीं तो बोर्ड की तरफ से अलॉटमेंट कैंसल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

 


इस संबंध में बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि स्मॉल फ्लैट्स की बकाया राशि को पहले काफी हद तक अलॉटियों ने क्लीयर कर दिया था। लेकिन अब फिर अलॉटी  नियमित रुप से रैंट जमा नहीं करवा रहे, जिसके चलते यह बकाया राशि बढ़ती चली जा रही है। यही कारण है कि उन्होंने ऐसे सभी अलॉटियों की लिस्ट जारी करते हुए उन्हें रैंट जमा करवाने के लिए बोला है। उन्होंने कहा कि वह पहले ऑनलाइन रैंट जमा करवाने की भी सुविधा दे चुके हैं, ताकि लोग घर बैठे ही अपना रैंट जमा करवा सकें। बोर्ड ने जो लिस्ट जारी की है, उसमें 15 मई  2022 तक के डिफाल्टर शामिल हैं। बोर्ड ने इससे पहले जो लिस्ट जारी की थी, उसके तहत अलाटियों से 40 करोड़ रुपए के करीब राशि रिकवर करनी है।
 

 

डिफाल्टरों की लिस्ट में ये अलॉटी हंै शामिल 
सी.एच.बी. ने 8 कॉलोनियों के अलॉटियों की लिस्ट जारी की है, जिसमें अधिक अलॉटी धनास फ्लैट्स से हंै। धनास में 7603, सैक्टर-38वैस्ट में 983, मौलीजागरां में  1415, राम दरबार में 555, सैक्टर-56 में 759 के करीब अलॉटी शामिल हंै। इसके अलावा इंडस्ट्रीयल एरिया फेज-1, सैक्टर-49 और मलोया के अलॉटी भी शामिल हंै।  इनमें से अधिकतर अलॉटी ऐसे भी हैं, जो पिछले काफी समय से रैंट जमा नहीं करवा रहे, जिसके चलते उनकी बकाया राशि लाखों रुपए में पहुंच गई है। यही कारण है कि अलॉटियों की एक से डेढ़ लाख व उससे ऊपर भी बकाया राशि बाकी है। इनमें से सभी को अलग-अलग वर्षों के दौरान बोर्ड की ओर से अलॉटमैंट की गई है। बोर्ड ने स्कीम के तहत कई सैक्टरों में इन फ्लैट्स का निर्माण करवाया है। बोर्ड ने रैंट को लेकर रिकॉर्ड भी ऑनलाइन कर दिया है, जिससे लोग ऑनलाइन रैंट जमा करवा सकते हैं। इससे बोर्ड के पास रिकॉर्ड भी उपलब्ध रहता है। इससे अलॉटी भी घर बैठे ही अपनी बकाया राशि चैक कर सकते हैं, जिसके चलते उन्हें सी.एच.बी. ऑफिस के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है।
 

 

कम किराया होने के बावजूद नहीं करवा रहे जमा 
इन फ्लैट्स का किराया काफी कम है। बोर्ड इनसे मासिक किराए के रूप में 800 से 1000 हजार रुपए की किस्त वसूलता है, लेकिन बावजूद इसके इतनी कम राशि भी  कई अलॉटी जमा नहीं करवा रहे हैं। बोर्ड ने पुनर्वास योजना के तहत ही इन लोगों को अलॉटमैंट की है। योजना के तहत वर्ष 2006 में बायोमैट्रिक सर्वे करवाया गया था। बता दें कि आदेशों में स्मॉल फ्लैट्स के अलावा अफोर्डेबल रैंटल हाऊसिंग स्कीम के अलॉटियों को भी रैंट जमा करवाने के लिए कहा है। 

Ajay Chandigarh

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