फायर सर्विस को राजस्व विभाग में शामिल करने का ब्लूप्रिंट तैयार

Monday, Aug 02, 2021 - 08:37 PM (IST)

चंडीगढ़, (अविनाश पांडेय): हरियाणा फायर सर्विस को अब शहरी स्थानीय निकाय विभाग से अलग कर राजस्व विभाग में शामिल करने का ब्लूप्रिंट तैयार कर लिया गया है। सरकार में उच्च स्तर पर इस काम को तेजी से फाइनल किया जा रहा है। आगामी कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है। वहीं इस प्रस्ताव को सिरे चढ़ाने के लिए सरकार ने पहली बार शहरी स्थानीय विभाग के निदेशक को फायर सर्विस का अतिरिक्त कार्यभार देने के बजाए दूसरे आई.ए.एस. अशोक मीणा को फायर सर्विस का निदेशक नियुक्त किया है। एक दिन पहले ही मीणा को निकाय विभाग से बदलकर कार्मिक विभाग में नियुक्ति दी गई थी। बताया गया कि निकाय विभाग में निदेशक पद पर रहने के दौरान मीणा ने फायर सर्विस को राजस्व विभाग में शामिल करने संबंधी बैठकों पर काफी काम किया है, ऐसे में सरकार ने उन्हें यह अहम जिम्मेदारी सौंपी है। 

 


गौरतलब है कि वर्ष 2009 में हरियाणा फायर सर्विस को निकाय विभाग से निकालकर अलग निदेशालय का दर्जा दिया गया था। उसके बाद से फायर विभाग अलग से काम कर रहा है, लेकिन इसकी कमान शहरी निकाय विभाग के निदेशक के पास ही होती रही है। इस विभाग में अलग से किसी निदेशक की तैनाती नहीं की गई थी, लेकिन सरकार की नई कवायद के बाद अब फायर सर्विस निदेशक की कमान आई.ए.एस. अफसर को दे दी गई है। 


‘आपदा प्रबंधन के अधीन होगी फायर सर्विस’ 
सरकार की ओर से फायर सर्विस को राजस्व विभाग में शामिल करने के साथ ही उसे आपदा प्रबंधन विभाग में शामिल किया जाएगा। अफसरों ने मुख्यमंत्री को जो तर्क दिया है उसमें साफ है कि फायर सर्विस भी आपदा प्रबंधन की श्रेणी में आती है ऐसे में इसे निकाय विभाग के बजाए राजस्व विभाग में रखना ज्यादा बेहतर है।  


‘राजस्व विभाग में शामिल करने से फायर कर्मी मुखर’
फायर सर्विस को राजस्व विभाग में शामिल करने की तैयारियों से फायर कर्मियों में रोष है। बीते दिनों फायर कर्मियों ने शहरी निकाय मंत्री अनिल विज को मांगपत्र भी सौंपा था, जिसमें फायर सर्विस को राजस्व विभाग में शामिल नहीं करने के बजाए स्वतंत्र विभाग बनाने की मांग की गई थी। फायर अफसरों ने मंत्री से आग्रह किया था कि दिल्ली, केरल और पश्चिम बंगाल में फायर सर्विस स्वतंत्र तौर से गृह विभाग के अधीन है। यही नहीं इनके निदेशक भी दमकल विभाग के तकनीकी अधिकारी होते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा होने से हरियाणा फायर सर्विस की कार्यशैली व अनुशासन में अति उन्नति होगी। जो फायर सर्विस स्वतंत्र काम कर रही है वह न केवल देश में बल्कि विदेशों में अपना नाम रोशन कर रही है।


‘फायर विभाग के पास संसाधनों का टोटा’
प्रदेश की फायर सर्विस को भले ही राजस्व विभाग के अधीन करने का तानाबाना तैयार कर लिया गया हो पर अभी भी प्रदेश में फायर उपकरणों का टोटा है। राज्य के गुरुग्राम और फरीदाबाद सरीखे बड़े शहरों के लिए भी पर्याप्त उपकरण नहीं है। हालांकि पिछले दिनों हाई परचेज पावर कमेटी के जरिए दर्जनों छोटी दमकलें खरीदी गई थी, लेकिन अत्याधुनिक उपकरणों का अभी भी अभाव है।

Vikash thakur

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