जल्द मिलेगा चंडीगढ़ को एक और टूरिस्ट स्पॉट, सिंगापुर की तर्ज पर बनेगी बर्ड सैंक्चुरी

punjabkesari.in Saturday, Aug 24, 2019 - 11:31 AM (IST)

चंडीगढ़(साजन) : चंडीगढ़ में सुखना लेक के पास सिंगापुर की बर्ड सैंक्चुरी की तर्ज पर तैयार होने जा रही बर्ड सैंक्चुरी का काम जल्द शुरू हो सकता है। वन एवं पर्यावरण विभाग के चीफ कंजरवेटर देबेंद्र दलाई ने सिंगापुर का दौरा कर पूरी तरह से जान लिया कि इसे कैसे विकसित किया गया है और सुखना लेक पर बनने वाली बर्ड सैंक्चुरी में कौन-कौन सी सुविधाएं पक्षियों के लिए जुटानी हैं और इसे किस तरह से विकसित किया जाना है। मुख्य तौर पर यह जाना गया है कि सुखना लेक पर किस तरह से पर्यटकों को इस बर्ड सैंक्चुरी के जरिये लुभाया जा सकता है।

अध्ययन कर लौटे :
सिंगापुर बर्ड सैंक्चुरी के दौरे के दौरान देबेंद्र दलाई ने ये भी जाना कि कौन-कौन से पक्षी इस बर्ड सैंक्चुरी में शोभा बढ़ा रहे हैं। बर्ड सैंक्चुरी का पूरा अध्ययन कर वहां के अधिकारियों से तमाम जानकारियां जुटाने के बाद कुछ रोज पहले देबेंद्र दलाई ने एडवाइजर मनोज परिदा को रिपोर्ट सौंप दी है। अभी फाइनल रिपोर्ट नहीं मिली है। जैसे ही रिपोर्ट को मंजूरी मिलेगी सुखना लेक पर आठ एकड़ में बर्ड सैंक्चुरी बनाने पर काम शुरू कर दिया जाएगा। 

एक हिस्सा एविएरी के लिए, जबकि दूसरा हिस्सा वॉटर बॉडी के तौर पर होगा विकसित :
सबसे अहम हिस्सा बर्ड सैंक्चुरी का एविएरी बर्ड्स जुटाने का रहेगा। विदेशी पक्षी जिन्हें देखकर पर्यटक आकर्षित होंगे। देबेंद्र दलाई ने बताया कि सुखना लेक पर बनने वाली बर्ड सैंक्चुरी में एक हिस्सा एविएरी जबकि दूसरा हिस्सा ओपन रहेगा, जहां पक्षियों के लिए वॉटर बॉडी भी रहेगी। जानकारी के अनुसार जल्द ही इस पर काम शुरू हो सकता है और चंडीगढ़ को एक और पर्यटक स्थल हासिल हो सकता है।

रिपोर्ट में बताया, कितना बजट चाहिए :
देंबेंद्र दलाई को सिंगापुर की सबसे फेमस बर्ड सैंक्चुरी का अध्ययन करने को भेजा गया था। हाल ही में वह दौरा कर लौटे हैं, जिसकी विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर एडवाइजर को दे दी है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि सुखना लेक के पास आठ एकड़ में ये बर्ड सैंक्चुरी बन सकती है। 

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सिंगापुर बर्ड सैंक्चुरी की तर्ज पर क्या क्या चीजें बर्ड सैंक्चुरी बनाने के लिए जुटाई जानी है, इस बाबत भी बता दिया गया है। इसके लिए कितने बजट की आवश्यकता है यह भी रिपोर्ट में जानकारी दी गई है। जल्द ही इस पर फाइनल अप्रूवल मिल सकता है। बजट तय होते ही इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा। 

टूरिस्ट स्पॉट कम होने का लिया संज्ञान :
बता दें कि शहर में ज्यादा टूरिस्ट स्पॉट न होने का बीते दिनों खुद एडवाइजर ने संज्ञान लिया। उनका कहना था कि चंडीगढ़ जैसे खूबसूरत शहर में टूरिस्ट को आकर्षित करने के लिए बहुत ही कम जगहें हैं। 

सुखना लेक, रॉक गार्डन, रोज गार्डन के अलावा पियरे जेनरे का म्यूजियम इत्यादि ही हैं, जहां टूरिस्ट जा सकते हैं। शहर में टूरिस्ट को आकर्षित करने के लिए कुछ नए टूरिस्ट स्पॉट विकसित करने बहुत जरूरी हैं। इसके तहत मनोज परिदा ने शहर का दौरा किया और कलाग्राम सहित शहर में कुछ अन्य जगहों को देखा।

मारनी पड़ी थी बत्तखें :
भले ही सुखना लेक पर प्रशासन बर्ड सैंक्चुरी बनाने का सपना देख रहा हो लेकिन अभी तक एडवाइजर को शायद इस तथ्य से किसी ने अवगत नहीं कराया है कि सुखना लेक पर बर्ड फ्लू फैलने की आशंका के चलते कुछ साल पूर्व सैंकड़ों बत्तखों को मारना पड़ गया था। 

चूंकि लेक पर प्राकृतिक तौर पर प्रवासी पक्षी आते रहते हैं और सुखना वैटलैंड पर इनका हर साल एक खास मौसम में जमावड़ा होता है। ये विदेशी पक्षी बर्ड फ्लू जैसी बीमारियां भी अपने साथ विदेश से लाते हैं। स्थानीय पक्षियों जिसमें सुखना में प्रशासन की ओर से छोड़ी गई बत्तखें शामिल थी को बर्ड फ्लू की आशंका के चलते बीते कुछ साल पहले मारना पड़ गया था। इस बर्ड सैंक्चुरी को प्रशासन को इस खतरे से बचाना होगा। 


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Priyanka rana

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