बायोमीट्रिक मशीनें खराब, अटैंडैंस कैसे लगाएं जनाब

punjabkesari.in Thursday, Aug 09, 2018 - 11:31 AM (IST)

चंडीगढ़ (रोहिला): सरकारी स्कूलों में रिजल्ट खराब आने के बाद शिक्षा विभाग ने जहां अध्यापकों पर सख्ती कर उन्हें एक्स्ट्रा टाइम स्कूल को देने के निर्देश दिए, वहीं स्कूलों में जो बायोमीट्रिक मशीनें शिक्षा विभाग की ओर से लगाई गई हैं, उनमें से कई वर्किंग में नहीं हैं। ऐसे में टीचर कैसे अटैंडैंस लगाएंगे। 

 

हर रोज स्कूलों से बायोमीट्रिक मशीनें ठीक होने के लिए शिक्षा विभाग के पास आ रही हैं। किसी स्कूल में अगर एक आध मशीन ठीक है भी तो वहां अध्यापकों को लंबी कतारों में अटैंडैंस लगाने के लिए इंतजार करना पड़ता है। 

 

वहीं स्कूलों में बी.एस.एन.एल. का ब्राडबैंड है, जिसमें 2जी स्पीड से मात्र 30 जी.बी. ही डाटा मिलता है, जिसमें ऑफिस के अन्य कार्यों से लेकर अटैंडैंस, फीस डिपोजिट आदि सभी काम लिए जाते हैं। इंटरनैट स्पीड कम होने के चलते शिक्षकों को लंबा इंतजार करना पड़ता है। 

 

जी.एम.एस.एस.एस.-20: यहां हाजिरी लगाने के लिए तो शीर्षासन करना पड़ेगा
गवर्नमैंट मॉडल सीनियर सैकेंडरी स्कूल सैक्टर-20 में तो जो नई और अपग्रेड बायोमीट्रिक मशीन भेजी गई है, वह उलटी है। यहां तो शिक्षकों को अटैंडैंस लगाने के लिए शीर्षासन ही करना पड़ेगा। इसके चलते शिक्षक अटैंडैंस ही नहीं लगा रहे हैं। हालांकि इस संबंध में शिक्षा विभाग को भी शिकायत दी गई थी, लेेकिन उसके बावजूद उस मशीन को ठीक करने के लिए शिक्षा विभाग की ओर से कोई इंजीनियर नहीं भेजा गया।

 

हैंग भी होती हैं मशीनें: यूनियन
बुधवार को यू.टी. कैडर एजुकेशनल इंप्लाइज यूनियन ने मीटिंग की। सदस्यों ने कहा कि सभी गवर्नमैंट मॉडल सीनियर सैकेंडरी स्कूलों में 80 से 100 के शिक्षक हैं। इंटरनेट सिस्टम कम होने के चलते एक शिक्षक को हाजिरी लगाने में एक मिनट लगता है, क्योंकि यह बायोमीट्रिक मशीन आधार कार्ड के साथ लिंक की गई है और आधार कार्ड के आखिरी 8 अंक  डालने होते हैं और फिर अपनी फिंगर पंच करनी होती है। 

 

इंटरनैट कमजोर होने से मशीन हैंग हो जाती है और फिर एरर लिखा आता है और सभी की हाजऱी नहीं लग पाती। फिर सभी को लिखत रजिस्टर पर हाजिरी लगानी पड़ती है। सैक्रेटरी सोहन लाल ने बताया कि यूनियन जल्द ही सी.बी.आई. जांच की भी मांग करेगी। 


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pooja verma

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