PGI के सामने खड़ा बॉयो-मैडिकल वेस्ट को डिस्पोज करने का संकट

Monday, Feb 19, 2018 - 10:41 AM (IST)

चंडीगढ़(पाल) : पुराने इंसिनिरेटर्स खराब होने और नए इंसिनिरेटर्स लगाने की परमिशन न मिलने की वजह से पी.जी.आई. के सामने बॉयो-मैडिकल वेस्ट को डिस्पोज करने का संकट अब भी खड़ा है। हाल ही में पी.जी.आई. ने एक बार फिर मैडिकल वेस्ट को बाहर से डिस्पोज करवाने के लिए टैंडर कॉल किया था, लेकिन कोई भी कंपनी टैंडर नहीं भर रही है। 

 

पी.जी.आई. ने कुछ वक्त पहले संस्थान में नया इंसिनिरेटर्स लगाने के लिए पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी से परमिशन भी मांगी थी लेकिन पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी ने पी.जी.आई. को इसकी परमिशन नहीं दी। इसको देखते हुए पी.जी.आई. प्रशासन ने मैडीकल वेस्ट को बाहर डिस्पोज करने का फैसला लिया है। इसे देखते हुए टैंडर निकाला गया था।

 

टैंडर में रखी शर्तों के कारण कोई कंपनी नहीं दिखा रही दिलचस्पी :
प्रशासनिक अधिकारियों की माने तो टैंडर को लेकर कई शर्तें प्रशासन ने रखी हुई हैं जिस कारण कोई भी कंपनी इसमें दिलचस्पी नहीं दिखा रही है। एक वर्ष से पी.जी.आई. बाहरी कंपनी की मदद से मैडीकल वेस्ट को संस्थान से बाहर डिस्पोज करने की कोशिश कर रहा है। 

 

जी.एम.एस.एच. खुद कर रहा वेस्ट डिस्पोज :
जी.एम.एस.एच सैक्टर-16 अस्पताल और जी.एम.एस.एच सैक्टर-32 अस्पताल में रोजाना 400 किलो मैडिकल वेस्ट पैदा होता है। जी.एम.एस.एच. अपना मैडिकल वेस्ट खुद डिस्पोज कर रहा है। अस्पताल का मैडिकल वेस्ट ट्रीटमैंट प्लांट बीच में खराब हो गया था लेकिन उसकी मुरम्मत करवा दी गई है। शहर की सभी डिस्पैंसरीज और सिविल अस्पतालों का डिस्पोज भी जी.एम.एस.एच. में डिस्पोज हो रहा है। 

 

आए दिन खराब हो रहे इंसिनिरेटर्स :
वर्ष-1997 से अस्पताल में दो इंसिनिरेटर्स लगे हुए हैं, जिसमें से एक ही काम करता है, जबिक दूसरा खराब होने की वजह से बंद है। कई वर्षों से लाखों रुपए खर्च कर अस्पताल के एक इंसिनिरेटर्स की मुरम्मत करवा उससे काम लिया जा रहा है। 

 

पी.जी.आई. में हर रोज होता है 1200 किलो बॉयो-मैडीकल वेस्ट डिस्पोज :
पी.जी.आई. में रोजाना 1200 किलो बॉयो-मैडिकल वेस्ट डिस्पोज किया जाता है। एक्सपर्ट्स की मानें तो एक इंसिनिरेटर्स से आप 4 से 5 वर्ष तक ही काम ले सकते हैं। पुराने होने के कारण इंसिनिरेटर्स आए दिन खराब हो रहा है। 

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