3डी मैपिंग तकनीक से जटिल एरिथमिया का बेहतर उपचार: डॉ. वनिता अरोरा

punjabkesari.in Tuesday, Oct 01, 2024 - 05:47 PM (IST)

नई दिल्ली: 3डी इलेक्ट्रोएनाटॉमिक मैपिंग तकनीक ने जटिल हृदय अतालता (एरिथमिया) के उपचार में बड़ा बदलाव ला दिया है। इस समस्या के उपचार में यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इससे बेहतर चिकित्सा परिणाम और जीवन की गुणवत्ता में सुधार हुआ है।
 
सीनियर कंसल्टेंट कार्डियक इलेक्ट्रोफिजियोलॉजिस्ट और इंटरवेंशन कार्डियोलॉजिस्ट, इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल, नई दिल्ली डॉ. वनीता अरोड़ा का कहना है, ‘3डी इलेक्ट्रोएनाटॉमिक मैपिंग ने कार्डियक एरिथमिया के उपचार को आसान बना दिया है। यह तकनीक असामान्य इलेक्ट्रिकल सर्किट्स की सटीक पहचान करने में सक्षम है, जिससे जोखिम कम होता है और रोगी के लिए चिकित्सा परिणाम बेहतर होते हैं।’
 
कार्डियक एरिथमिया से दुनियाभर में करोड़ों लोग प्रभावित हैं और खासकर इससे जीवन की गुणवत्ता पर असर पड़ रहा है। इसके सामान्य प्रकार में एट्रियल फिब्रिलेशन (एफिब), वेंट्रिकुलर टेचीकार्डिया (वीटी), एट्रियल फ्लटर,  एट्रियल टेचीकार्डिया, लगातार पीवीसी और सुप्रावेंट्रिकुलर टेचीकार्डिया (एसवीटी) शामिल हैं।
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3डी मैपिंग तकनीक हृदय की इलेक्ट्रिकल गतिविधि का विस्तृत, सटीक, वास्तविक समय का नक्शा तैयार करती है, असामान्य सर्किटों को चिन्हित करती है और एब्लेशन को निर्देशित करके उन्हें समाप्त करने में मदद करती है। इसके फायदों में शामिल हैंः
- बेहतर सटीकता
- कम प्रक्रियागत समय लगना
- कम विकिरण जोखिम
- कार्डियक एरिथमिया उपचार में बेहतर परिणाम
 
डॉ. अरोड़ा ने कहा, ‘3डी मैपिंग एफिब और वीटी से निदान में बेहद कारगर साबित हुई है और इससे जिससे लक्षित एब्लेशन और बेहतर सफलता दर में मदद मिली है। यह तकनीक हमें सबसे कठिन और जटिल मामलों में अपने रोगियों को बेहतर परिणाम देने में मदद करती है।’
 
यह महत्वपूर्ण तकनीक कार्डियक एरिथमिया से ग्रहित रोगियों के लिए आशा की नई किरण प्रदान करती है, जीवन की गुणवत्ता में वृद्धि करती है तथा लक्षणों में बड़ी कमी लाती है।


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Ajay kumar

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