जान से मारने की धमकियां मिल रहीं : काहलों

Sunday, Apr 10, 2016 - 09:06 AM (IST)

चंडीगढ़, (भुल्लर): 25 साल पहले उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में फर्जी पुलिस मुठभेड़ केस को कोर्ट में अंजाम तक पहुंचाने वाले हरजिंद्र सिंह काहलों ने अपनी और अपने पारिवारिक सदस्यों की जान को खतरा बताया है। उन्होंने कहा कि उन्हें लगातार धमकियां मिल रही हैं। शनिवार को चंडीगढ़ पहुंचे हरजिंद्र मीडिया से रू-ब-रू हुए। बता दें कि इस फर्जी मुठभेड़ में 11 सिख श्रद्धालु मारे गए थे। हाल ही में इस मामले में दोषी 47 पुलिसवालों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।

काहलों ने आरोप लगाया कि उन्हें दोषी पुलिसवालों की ओर से धमकियां मिल रही हैं। उनके परिवार के सदस्य की जान को भी खतरा बना हुआ है। उन्होंने केंद्रीय सुरक्षा बल या पंजाब सरकार की ओर से सुरक्षा देने की मांग की, क्योंकि उत्तर प्रदेश पुलिस पर उन्हें विश्वास नहीं है। काहलों ने कहा कि इससे पहले भी उन्हें नुक्सान पहुंचाने के प्रयास हुए हैं।

उनके बच्चे इस समय स्कूल नहीं रहे हैं। उन्होंने कहा कि दोषी करार 47 पुलिसवालों में से 8 भगौड़े हैं। काहलों ने यह भी कहा कि वह पीलीभीत बिल्कुल नहीं छोड़ेंगे। चाहे उसकी जान ही क्यों न चली जाए। काहलों ने इस बात पर भी रोष जताया कि बेशक सी.बी.आई. जांच के आधार पर सजा सुनाई गई है लेकिन पुलिस की चार्जशीट में कई बड़े पुलिस अधिकारियों के नाम शामिल नहीं किए गए थे।  उन्होंने कहा कि ऐसा फर्जी मामला बड़े अधिकारियों के आदेशों के बिना नहीं हो सकता।

 

 उन्होंने विशेषतौर पर तत्कालीन एस.एस.पी. आर.के. त्रिपाठी का नाम लिया हैं। उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार को फैसले के दौरान 14-14 लाख देने के निर्देश दिए गए हैं लेकिन यह काफी नहीं हैं। कम से कम हर 50-50 लाख रुपए मिलने चाहिए।  काहलों ने बताया कि घटना के बाद वह विरोध जताने के लिए एस.एस.पी के पास गए थे लेकिन उन्होंने मुझे ही निशाना बनाने का प्रयास किया। मैं भागकार किसी तरह बचता-बचाता दिल्ली गया।

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