‘बुडै़ल मॉडल जेल में हुई बायोगैस प्लांट, आर्ट गैलरी और बैरकों के नामकरण की शुरूआत’
punjabkesari.in Tuesday, Sep 21, 2021 - 01:39 AM (IST)

चंडीगढ़ (संदीप): बुडै़ल मॉडल जेल में सोमवार को 3 योजनाओं का शुभारंभ किया गया। जेल में बायो गैस प्लांट, बैरकों का नामकरण और आर्ट गैलरी शुरू हुई। प्रशासक के सलाहकार धर्मपाल ने जेल में इन तीनों योजनाओं की विधिवत तौर से शुरूआत की। बायोगैस प्लांट शुरू होने से जेल में प्रयोग की जाने वाली एल.पी.जी. की खपत में कमी आएगी।
इसके अलावा जेल में सकारात्मक माहौल बनाने के लिए बैरकों का नामकरण महापुरुषों के नाम पर किया गया है। वहीं, कैदियों की प्रतिभा को मंच प्रदान करने के लिए पर आर्ट गैलेरी शुरू की गई। इस अवसर पर गृह सचिव नितिन कुमार यादव, सैक्रेटरी कम सी.ई.ओ. क्रेस्ट देवेंद्र दलाई, डिप्टी कमिश्नर मनदीप बरार, आई.जी. जेल ओमवीर सिंह बिश्नोई, ज्वाइंट आई.जी. जेल विराट व अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
आर्ट गैलेरी में संजोई कैदियों द्वारा तैयार की गई कलाकृतियां
इस आर्ट गैलरी में कैदियों द्वारा तैयार की गई पैंटिंग्स और अन्य कलाकृतियों को संजोया जाएगा। इसमें 200 फ्रेम्ड पैंटिंग और 150 अनफ्रेड पैंटिंग हैं। प्रत्येक वर्ष प्रकाशित की जाने वाली जेल की पुस्तिका में भी इस कला कृतियों को स्थान दिया जाएगा। ताकि कलाकृतियों को तैयार करने वाले कैदियों के मनोबल को बढ़ाया जा सके। अधिकारी भी कैदियों द्वारा तैयार की गई कलाकृतियों को देख कर उनकी तरीफ किए बगैर नहीं रह सके। इसके साथ ही बुडै़ल जेल के बैंड मल्हार की धुनों से भी वे मोहित हो गए।
बायोगैस प्लांट से जेल प्रबंधन को होगा लाभ
जेल प्रबंधन की तरफ से जेल में 19 लाख 25 हजार रुपए से बायोगैस प्लांट लगाया गया है। इस प्लांट में तैयार होने वाले बायोगैस की सप्लाई सीधे तौर पर जेल की रसोई घर को दी गई है, जिससे खाना बनाया जाएगा। इस परियोजना के शुरू किए जाने से जहां एक तरफ प्राकृतिक गैस के संसाधन का संरक्षण किया जाएगा, वहीं दूसरी तरफ एल.पी.जी. की खपत में कटौती आने से जेल प्रबंधन को आॢथक लाभ भी होगा।
महापुरुषों के नाम पर हुआ बैरकों का नामकरण
जेल में सभी बैरक अब नबंर नहीं, महापुरुषों के नाम से जानी जाएंगी। सैक्टर-10 स्थित आर्ट्स कॉलेज के छात्रों की सहायता से उन सभी महापुरुषों के बुत तैयार कर उस बैरक के बाहर लगाए गए हैं, जिनके नाम पर उस बैरक का नाम रखा गया है। बुत के नीचे ही महापुरुषों की जीवनी का वृतांत दिया गया है। इस पहल का मकसद है कैदियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना।