सिटी ब्यूटीफुल के चौक बन रहे किलर पॉइंट, 6 माह में 12 घरों के बुझे चिराग

Monday, Aug 08, 2016 - 10:55 AM (IST)

चंडीगढ़, (कुलदीप शुक्ला): शहर को स्मार्ट बनाने की तैयारी में व्यस्त चंडीगढ़ प्रशासन व ट्रैफिक पुलिस का ध्यान लगातार दर्दनाक हादसों में मरने वालों की और नहीं जा रहा है। वर्तमान समय में सिटी के ऐसे 3 चौक किलर प्वाइंट बनकर सामने आ रहे हैं। इन चौकों पर आए दिन हादसा व लोगों की मौत हो रही हैं। इनमें सभी चौक मोहाली व चंडीगढ़ बॉर्डर पर मौजूद लेबर चौक, सैक्टर-45/46/47/48 चौक सहित कालीबॉडी लाइट प्वाइंट शामिल हैं। हालांकि इन सड़कों की बनावट पर प्राथमिक सर्वे के अनुसार इंजीनियरिंग डिपार्टमैंट ने राइट की मोहर लगाई है। विभाग के अनुसार सभी प्वाइंट की लंबाई, चौड़ाई व स्पेस भविष्य में जाम की स्थिति से निपटने के लिए बेहतर हैं। हालांकि उन्होंने सड़कों के आसपास व्यवस्थाओं की कमी जाहिर की है। वहीं इसी रूट पर मोहाली की तरफ से आने वाली स्पाट सड़कों के बेहद करीब बने एक बैरियर्स को भी हादसों का कारण बताया है।
‘पंजाब केसरी’ टीम ने शहर के किलर प्वाइंट का मुआयना कर आसपास के लोगों से हादसा ज्यादा होने के कारणों के बारे में उनकी राय ली। इस दौरान कुछ लोगों ने चालकों की लापरवाही व पुलिस की अनदेखी तो कुछ ने सड़क की बनावट पर सवाल खड़ा किया। सड़क की बनावट व खामियों के बारे में विभाग के सीनियर इंजीनियर्स से सवाल किया तो उन्होंने जवाब से पहले उस रूट की चौक के मैप का सर्वे किया। इसके बाद उन्होंने बताया कि चौक की बनावट में कमियां नहीं हैं। हालांकि, उन्होंने इस बात पर सहमति जताई है कि सड़क के आसपास की अव्यवस्था भी हादसों के कारण में बराबर की भागीदार है। 

झाडिय़ां भी बनती हैं हादसों की वजह 
मोहाली में अंदर चली जाती है। यह सड़क कालोनी को हटाकर बनाई गई है। इसके बाद इस सड़क के दोनों तरफ झाडिय़ां भी हादसों का कारण बनती है। दरअसल, मोहाली व चंडीगढ़ बॉर्डर पर लगती इस रूट पर रात के अंधेरे में वाहन चालक रफ्तार में होते हैं। यह वजह भी हादसों का सबसे बड़ा कारण है। 
 
बैरियर भी बना ‘बैरी’नहीं दिखती सामने की गाड़ी
इंजीनियर के अनुसार सैक्टर-47/48 चौक पर एक बैरियर बना है। सी.आर.पी.एफ. बैरियर की वजह से चंडीगढ़ रूट व सीधे मोहाली रूट से आने वाले वाहन चालकों को एक-दूसरे का लोकेशन पता नहीं चलता है। अब अगर दोनों तरफ से तेज रफ्तार में वाहन आ रहे हैं तो उनका मिलान सड़क के बेहद करीब होगा। इसके बाद गाडिय़ों की रफ्तार संभालना बेहद मुश्किल हो जाता है। 
 
बेधड़क दोनों तरफ सड़कों पर यू-टर्न
इस रूट की सड़क पर सैक्टर-42 की ओर से आने वाले यू-टर्न गौशाला के सामने से मार लेते हैं। रात के अंधेरे में तेज रफ्तार से आने वाली गाडिय़ां अचानक यू-टर्न के बाद असंतुलित होकर हादसे का शिकार बन जाती हैं। 
 
रात में जरा संभलकर 
चंडीगढ़ व मोहाली बॉर्डर रूट पर लेबर चौक, सैक्टर-46/47/48/48 व 49/50 चौक रात में खूनी चौक में तबदील हो जाते हैं। आंकड़ों की मानें तो लगभग 99 प्रतिशत फैटल एक्सीडैंट रात को ही होते हैं। इस रूट पर 3 लड़कों की दर्दनाक मौत, उसके बाद तीन लड़कियों की दर्दनाक मौत हुई। इसके एक हफ्ते बाद ही दिल्ली से लौटी एक छात्रा की हादसे में मौत हुई है।
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