कहीं मंदी की मार से बंद न हो जाए व्यापार

punjabkesari.in Sunday, Sep 08, 2019 - 01:13 PM (IST)

पंचकूला(मुकेश) : मुर्गी की खुराक महंगी होने और अंडे के दाम कम होने के कारण इन दिनों देश के दूसरे नंबर की बरवाला पोल्ट्री फार्म बैल्ट बुरे दौर से गुजर रही है। यदि हालात लंबे समय तक ऐसे ही रहे तो पोल्ट्री फार्म का व्यवसाय बंद होने की कगार पर पहुंच जाएगा। इस समय अंडे का दाम तो 2 रुपए 80 पैसे के आसपास है और उस पर करीब 4 रुपए खर्च आ रहा है। 

ऐसी सूरत में पोल्ट्री फार्म संचालक सरकार से राहत की उम्मीद लगाएं बैठे हैं। बरवाला पोल्ट्री बैल्ट और कुछ अंबाला जिला के फार्मों में करीब 2.5 करोड़ मुर्गियां हैं, जो 80 प्रतिशत अंडा देती हैं। रोजाना एक रुपए घाटा पड़ रहा है, जो पोल्ट्री फार्मों के लिए असहनीय होता जा रहा है। इस क्षेत्र में करीब 152 पोल्ट्री फार्म हैं। हरियाणा में अंडे पर मार्कीट फीस भी पोल्ट्री व्यापार को काफी चुभ रही है, जिसका बड़ा कारण यह है कि दूसरे राज्यों जिनमें पंजाब में अंडे पर मार्कीट फीस नहीं है। 

वहीं पोल्ट्री फार्म एसोसिएशन प्रधान के अनुसार पोल्ट्री फार्म एग्रीकल्चर में आते हैं, जिस प्रकार से सरकार ने फसलों पर मिनीमम सपोर्ट प्राइज (एम.एस.पी.) तय किया है। उसी प्रकार अंडे पर भी न्यूनतम समर्थन मूल्य होना चाहिए, ताकि मंदी की मार में एम.एस.पी. राहत के रूप में पोल्ट्री जगत की नींव को हिलने से बचा सकें।

रोजाना हो रहा एक करोड़ का घाटा :
मुर्गी की खुराक महंगी होने के चलते पोल्ट्री फार्म संचालकों की ऐसी हालत हो गई है, उनकी नजर में बंद हो जाएगा व्यापार, अगर मदद नहीं करेगी सरकार। चूंकि आज की स्थिति की बात करें तो इस वक्त प्रति अंडे पर करीब 4 रुपए खर्च आ रहा है और अंडा 2 रूपये 80 पैसे में बिक रहा है, जिसके चलते 1 रुपए 20 पैसे प्रति अंडा नुक्सान हो रहा है और बरवाला पोल्ट्री बैल्ट में रोजाना 90 लाख से ज्यादा अंडा का उत्पाद होता है, जिसके चलते करीब 1 करोड़ का रोज घाटा पड़ रहा है।

मिड-डे-मील में शामिल करने की उठी मांग :
हरियाणा के सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों को मिड-डे मील में मिलने वाले भोजन के साथ अंडे में ज्यादा प्रोटीन होने के कारण इसे पोल्ट्री फार्म एसोसिएशन ने दूसरे राज्यों की तर्ज पर मिड-डे मील में शामिल करने की मांग की। 

एक तरफ मंदी की मार झेल रहे पोल्ट्री फार्मर किसी भी क्षेत्र से राहत की उम्मीद लगाए बैठे हैं। ऐसे में यदि सरकार अंडे का सही रेट तय कर उसके मिड-डे मील में शामिल कर लेती है तो फिर इस मंदी के दौर में थोड़ी राहत जरूर मिल सकती है। 


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Priyanka rana

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