चंडीगढ़ नगर निगम 6 करोड़ से अधिक के पेवर ब्लॉक्स लगाने की तैयारी में
Monday, Jun 20, 2022 - 07:33 PM (IST)
चंडीगढ़,(राय ):शहर में इस समय नई जगहों पर नए पेवर ब्लॉक लगाने पर पाबंदी है। इसलिए शहर भर में जहां-जहां भी पेवर ब्लॉक्स खराब हो चुके या टूट चुके हंै वहां नगर निगम 6 करोड़ से अधिक के पेवर ब्लॉक्स लगाने की तैयारी कर रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार निगम के पास पिछले एक माह में विभिन्न पार्षदों ने अपने-अपने एरिया में इन पेवर ब्लॉक्स लगवाने के लिए 6 करोड़ से अधिक के अनुमानित लागत के प्रोपोजल भेजे हंै जिन्हें निगम कमिश्नर आनंदिता मित्रा ने खारिज तो नहीं किया बल्कि उन्होंने साइट का निरीक्षण करने के लिए एस.ई.बी. एंड आर. की अध्यक्षता में इंजीनियरों की एक समिति का गठन किया ताकि प्राथमिकता दी जा सके कि कौन सा काम तुरंत किया जाना चाहिए और जो काम कुछ समय तक इंतजार कर सकता है उसे रहने दिया जाए। कमिश्नर ने कहा की उन्होंने पेवर ब्लॉक लगाने के किसी भी प्रोपोजल को खारिज नहीं किया है।
नगर निगम के बी.एंड आर. के एस.ई इंद्रजीत गुलाटी के अनुसार निगम के पास पार्षदों के पेवर ब्लॉक्स लगाए जाने के प्रोपोजल्स आए हैं जिसके बाद कमिश्नर ने एक कमेटी का गठन किया है जो देखेगी की किस जगह पर पेवर ब्लॉक्स की हालत ज्यादा खस्ता है वहां पहले पेवर ब्लॉक्स बदले जाएंगे। उन्होंने बताया की किसी भी नई जगह पेवर ब्लॉक्स नहीं लगाए जाएंगे बल्कि जहां-जहां भी पहले से लगे हुए पेवर ब्लॉक्स टूट चुके हैं या खराब हो चुके हैं केवल उसी जगह पर ही नए पेवर ब्लॉक्स लगाए जाएंगे। गुलाटी ने बताया की कमेटी के सदस्य जाकर निरीक्षण करेंगे उसके बाद ही काम शुरू किया जा सकेगा। उन्होंने बताया की लगभग हर वार्ड मेंं ही पेवर ब्लॉक्स को बदले जाने के बारे में पार्षदों ने प्रोपोजल्स भेजे हैं। उन्होंने बताया की कई जगह बिजली तो कई जगह रोड का काम होने के चलते पेवर ब्लॉक्स टूट जाते हैं जिन्हें बदला जाएगा। जिस जगह ज्यादा डैमेज हुआ होगा उसे पहले ठीक किया जाएगा।
नई जगहों पर पेवर ब्लॉक्स लगाने की है मनाही
पिछले समय में शहर भर में जगह-जगह अंधाधुंध पेवर ब्लॉक्स लगाए गए जिससे हरयाली पर इसका असर तो पड़ा ही साथ ही जमीनी पानी का स्तर भी पहले के मुकाबले और नीचे चला गया जिसे देखते हुए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने अंधाधुंध पेवर ब्लॉक्स लगाए जाने पर रोक लगा दी थी। इससे पूर्व
नगर निगम के सदन में यह निर्णय हुआ था कि जब तक नए सिरे से पॉलिसी नहीं बन जाती, तब तक शहर में नए पेवर ब्लॉक लगाने का प्रस्ताव पास नहीं होगा। इसलिए निगम ने पिछले कुछ समय में पेवर ब्लॉक लगाने के नए प्रस्ताव खारिज कर दिए थे
बताया जाता है कि शहर में लगे पेवर ब्लॉकों पर पर्यावरणविदों की शिकायतों के बाद प्रशासन ने निगम से पेवर ब्लॉक लगाने की नीति की रिपोर्ट भी मांगी थी । उसके बाद ही निगम ने पेवर ब्लॉक्स के सभी कार्य रोककर पहले कमेटी की रिपोर्ट आने व उस पर कोई निर्णय लेने के बाद ही यह कार्य आरंभ करने पर विचार करने को कहा था। पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि पेवर ब्लॉक के अंधाधुंध उपयोग से भूजल में कमी आएगी। पानी भी जमीन तक नहीं पहुंचेगा और इससे शहर का हरित क्षेत्र प्रभावित होगा।