गिफ्ट कार्ड फ्रॉड से बचें: जानें कि जानकारी कब साझा करनी चाहिए?

punjabkesari.in Wednesday, Jun 18, 2025 - 11:39 AM (IST)

चंडीगढ़। गिफ्ट कार्ड, खासकर ई-गिफ्ट कार्ड, आजकल जन्मदिन, शादी या किसी भी मौके के लिए एक आसान और सुविधाजनक तोहफा बन गए हैं। लेकिन इसमें एक खतरा भी छुपा है: क्योंकि गिफ्ट कार्ड किसी एक व्यक्ति से लिंक नहीं होते और गुमनाम होते हैं, ठगों ने इन्हें लोगों से पैसे ठगने का जरिया बना लिया है।

गिफ्ट कार्ड से जुड़ी ठगी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, इसलिए यह समझना ज़रूरी है कि ये कैसे काम करते हैं ताकि आप अपने पैसे और निजी जानकारी की सुरक्षा कर सकें।

गिफ्ट कार्ड धोखाधड़ी में, ठग ऐसे लोगों से संपर्क करते हैं जिन्हें वो फँसा सके और उन्हें गिफ्ट कार्ड खरीदने के लिए मजबूर करते हैं। खरीदारी के बाद, वे झूठे बहाने और धोखे से उस गिफ्ट कार्ड से जुड़ी जानकारी जैसे नंबर, कोड, पिन आदि हासिल कर लेते हैं। जैसे ही उन्हें ये जानकारी मिलती है, वे तुरंत उस राशि को रिडीम कर लेते हैं, जिससे पीड़ित के पास अपने पैसे वापस पाने का कोई मौका नहीं बचता।

गिफ्ट कार्ड धोखाधड़ी अक्सर एक तय स्क्रिप्ट के अनुसार होती है, जिसका मकसद आपको फंसाना होता है। इसकी शुरुआत आमतौर पर एक ऐसे व्यक्ति के रूप में होती है जिस पर आप भरोसा करते हैं — जैसे कोई सहकर्मी, परेशान परिजन, सरकारी अधिकारी, टेक्निकल सपोर्ट या फिर नौकरी देने वाला कोई व्यक्ति। वे हड़बड़ी का माहौल बनाते हैं और आप पर दबाव डालते हैं-जैसे यह कहना कि किसी मीटिंग के लिए तुरंत गिफ्ट कार्ड चाहिए, अकाउंट सस्पेंड होने से बचाना है, कोई कानूनी मामला सुलझाना है या नौकरी से जुड़ा कोई किट पूरा करना है। इस तरह की हड़बड़ी और डर पैदा करके वे यूज़र्स से धोखे से गिफ्ट कार्ड खरीदवाते हैं और फिर उसका कोड ले लेते हैं। एक बार जब वे आपको मना लेते हैं, तो वे खास ब्रांड के महंगे गिफ्ट कार्ड खरीदने को कहते हैं। फिर वे आपसे तुरंत 16-अंकों का गिफ्ट कार्ड नंबर, पिन या रिसीप्ट से जुड़ी जानकारी मांगते हैं। जैसे ही उन्हें यह जानकारियाँ मिल जाती है, वे अपने पर्सनल उपयोग के लिए उस कार्ड की राशि को रिडीम कर लेते हैं या छूट पर बेच देते हैं - और आपको अपना पैसा वापस पाने का कोई मौका नहीं मिलता।

इन धोखाधड़ियों के कुछ आम संकेतों में ये चीज़ें शामिल होती हैं — जब आपसे किसी अजीब वजह से गिफ्ट कार्ड के ज़रिए पेमेंट मांगा जाए, ऐसे मैसेज जिनमें तुरंत कार्रवाई करने को कहा जाए, इमोशनल हो, बात को सीक्रेट रखने को कहा जाए, किसी ऑफिशियल चैनल की जगह पर्सनल नंबर या ईमेल से बात की जाए, और मैसेज में खराब ग्रामर या गलत स्पेलिंग साफ़ दिखाई दे रहा हो या मैसेज अजीब तरह का हो।
PhonePe के साइबर सुरक्षा एक्सपर्ट्स ने यूजर को गिफ्ट कार्ड स्कैम से बचाने के लिए कुछ ज़रूरी सुझाव शेयर किए हैं। ऐसी धोखाधड़ियों से बचने के लिए सबसे पहले यह याद रखें कि किसी भी गिफ्ट कार्ड का कोड किसी ऐसे व्यक्ति के साथ कभी शेयर न करें जिसे आप पूरी तरह से नहीं जानते या जिस पर भरोसा नहीं करते। अगर कोई सहकर्मी या परिवार का सदस्य जल्दबाज़ी में या अजीब कारण से गिफ्ट कार्ड मांग रहा है, तो पहले उसकी सच्चाई की अच्छी तरह से जाँच करें। गिफ्ट कार्ड हमेशा किसी ऑफिसियल और भरोसेमंद सोर्स से ही खरीदें और सिर्फ अपने निजी इस्तेमाल के लिए लें। साथ ही, अपने दोस्तों, परिवार और सहकर्मियों को भी इस तरह की धोखाधड़ी के बारे में जागरूक करें, क्योंकि ठग अक्सर ऐसे लोगों को निशाना बनाते हैं जो बुजुर्ग हैं या जिन्हें टेक्नोलॉजी की ज़्यादा जानकारी नहीं हैं।

अगर आप PhonePe पर इस तरह के किसी धोखाधड़ी का शिकार होते हैं, तो आप तुरंत PhonePe ऐप पर या कस्टमर केयर नंबर 080–68727374 / 022–68727374 पर कॉल करके या PhonePe के ऑफिशियल सोशल मीडिया हैंडल पर इस तरह की धोखाधड़ी की रिपोर्ट कर सकते हैं। अंत में, आप निकटतम साइबर क्राइम सेल में धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कर सकते हैं या https://www.cybercrime.gov.in/ पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते हैं या 1930 पर साइबर क्राइम सेल हेल्पलाइन से संपर्क कर सकते हैं। आप संचार साथी पोर्टल पर चक्षु सुविधा के माध्यम से संदिग्ध मैसेज, कॉल या व्हाट्सएप धोखाधड़ी की रिपोर्ट करके डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशंस (DOT) से भी संपर्क कर सकते हैं। आप PhonePe शिकायत पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।


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Content Editor

Diksha Raghuwanshi

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