बजट सत्र के दौरान विधानसभा परिसर में मुख्यमंत्री मनोहर लाल पर हमले के प्रयास का मामला

Friday, Jul 16, 2021 - 08:53 PM (IST)

चंडीगढ़, (बंसल): हरियाणा विधानसभा बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सुरक्षा में चूक के मामले में पुलिस महानिदेशक (डी.जी.पी.) मनोज यादव द्वारा सौंपी गई दूसरी रिपोर्ट से विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता संतुष्ट नहीं हैं। वि.स. अध्यक्ष ने इस रिपोर्ट को पहले से भी कमजोर बताया है। विधानसभा परिसर में मुख्यमंत्री के सामने हुई अभद्रता का मामला अब विधानसभा की विशेषाधिकार कमेटी के सम्मुख रखा जाएगा। यह कमेटी पुलिस विभाग के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करेगी। विधानसभा अध्यक्ष इस संदर्भ में आज पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। 

 


दूसरी रिपोर्ट में उन अधिकारियों को बचा लिया गया है, जिनके खिलाफ पहली रिपोर्ट में कार्रवाई करने की बात कही गई थी। पहली रिपोर्ट में आई.पी.एस. अधिकारी पंकज नैन समेत घटना के लिए जिम्मेदार 9 अफसरों व कर्मचारियों के खिलाफ शीघ्र अनुशासनात्मक कार्रवाई की बात कही गई थी। इनमें से 8 को कारण बताओ नोटिस भी जारी कर दिया गया था। विधानसभा अध्यक्ष पहली रिपोर्ट और उस पर की गई कार्रवाई से संतुष्ट नहीं थे। उन्होंने पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर 7 ङ्क्षबदुओं पर जवाब तलब किया था। इतना ही नहीं उन्होंने डी.जी.पी. से विस्तृत एक्शन टेकन रिपोर्ट भी मांगी थी। 


पुलिस महानिदेशक मनोज यादव ने दूसरी रिपोर्ट में आई.पी.एस. अधिकारी पंकज नैन को क्लीनचिट देते हुए लिखा है कि उन्होंने अपनी ड्यूटी संतोषजनक ढंग से निभाई है। रिपोर्ट में यहां तक कहा गया कि मुख्यमंत्री का सुरक्षा घेरा नहीं टूटने दिया गया था। रिपोर्ट में विभाग के 3 मुलाजिमों के खिलाफ विभागीय जांच की बात कही गई है। इन कर्मचारियों में एस.आई. गंगाजल, ए.एस.आई. सुबे सिंह, हैड कांस्टेबल प्रवीण कुमार शामिल हैं।
इतना ही नहीं पुलिस विभाग ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए चंडीगढ़ पुलिस के सिर ठीकरा फोडऩे का प्रयास किया है। रिपोर्ट में सिफारिश की गई है चंडीगढ़ पुलिस के डी.पी.जी. को उनके अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। 


‘10 मार्च को पंजाब के अकाली विधायकों ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल पर हमले का प्रयास किया था’
गौरतलब है कि हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के दौरान 10 मार्च को पंजाब के अकाली विधायकों ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल पर हमले का प्रयास किया था। इस मामले में वि.स. अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने हरियाणा पुलिस महानिदेशक से रिपोर्ट मांगी थी। 


पुलिस महानिदेशक की ओर से भेजी गई पहली रिपोर्ट में बताया गया था कि मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच के लिए विभाग ने 7 अप्रैल और 10 जून को बैठकें बुलाई थीं। पुलिस विभाग ने हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के लिए जारी विस्तृत सुरक्षा कार्यक्रम के साथ-साथ पार्किंग और आसपास के क्षेत्र में तैनात कर्मियों का विवरण भी तैयार कर लिया है। विभाग ने चूक के लिए 9 कर्मचारियों और अधिकारियों को जिम्मेदार माना था। इनमें से 8 कर्मियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए। रिपोर्ट में आश्वासन दिया गया था कि दोषी अधिकारियों की ओर से लिखित जवाब मिलने और विश्लेषण के बाद उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। वहीं, दूसरी रिपोर्ट में ऐसी किसी कार्रवाई का उल्लेख नहीं है। इसके विपरीत अधिकारियों को क्लीनचिट दे दी गई है। बता दें कि पहली रिपोर्ट में आई.पी.एस. अधिकारी पंकज नैन का नाम प्रमुखता से लिया गया था। नैन वर्तमान में खेल एवं युवा मामले विभाग में निदेशक और इसी विभाग में विशेष सचिव के पद पर कार्यरत हैं। उक्त घटना के वक्त वे विधानसभा के पार्किंग क्षेत्र में व्यवस्था संभालने के प्रभारी थे।  


 

Vikash thakur

Advertising