ट्रेनिंग खत्म, नए तेवर में दिखेंगे ‘खट्टर’

punjabkesari.in Sunday, Apr 26, 2015 - 02:50 AM (IST)

चंडीगढ़ (अविनाश पांडेय): हरियाणा की पहली भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के 6 माह का ट्रेनिंग पीरियड आज पूरा हो रहा है। अब मुख्यमंत्री अपने प्रशासनिक तजुर्बे के साथ नए तेवर में नजर आएंगे।
 
6 माह का कार्यकाल पूरा होने को लेकर गत दिनों मुख्यमंत्री ने अपने आधिकारिक ट्वीटर अकाऊंट पर ट्वीट के जरिए भ्रष्टाचार पर अपनी प्राथमिकता दोहराई थी। उक्त ट्वीट में खट्टर ने कहा कि ‘भ्रष्ट अधिकारी एवं कर्मचारी या तो वह अपने आपको सुधार लें अन्यथा सरकार के 6 माह के कार्यकाल के बाद नियमानुसार उनसे निपटा जाएगा’। मसलन ट्वीट के माध्यम से खट्टर ने इस बात के साफ संकेत दिए थे कि वह 27 अप्रैल के बाद 7वें महीने में अब नए ढंग से काम करेंगे। मुख्यमंत्री के इस रुख से अफसरशाही की बेचैनी भी बढ़ गई है।
 
बीते 26 अक्तूबर को सत्तासीन होने के बाद से ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भ्रष्टाचार पर नकेल कसने की कवायद में जुट गए थे। पिछले 6 महीने में भ्रष्टाचार रोकने को लेकर सरकार ने कई अहम भी फैसले भी लिए, लेकिन सरकार की नजर में अभी तक अफसरशाही व कर्मचारियों में भ्रष्टाचार पूरी तरह से समाप्त नहीं हो सका है। सरकार का आरोप है कि पिछली सरकार के कार्यकाल में बेलगाम हुए अधिकारी व कर्मचारी खुलेआम भ्रष्टाचार कर रहे थे। 
 
इसको लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर समय-समय पर भ्रष्ट अधिकारियों व कर्मचारियों को सांकेतिक रूप से चेतावनी देते रहे हैं, जिसमें विजीलैंस की कार्यप्रणाली भी काफी बेहतर बनाई गई और सैंकड़ों कर्मचारियों को पकड़ा गया। लेकिन मुख्यमंत्री अभी भी सिस्टम से खुश नहीं है। माना जा रहा है इसी कवायद में ही मुख्यमंत्री ने बीते 7 अप्रैल को ट्वीट कर अपने मन की बात को व्यक्त किया था। वैसे तो भ्रष्टाचार के इस मुद्दे को मुख्यमंत्री जनसभाओं में भी जोर-शोर से उठाते रहे हैं, लेकिन उनके ट्वीट से साफ है कि वह अब किसी भी तरह से भ्रष्टाचार पर समझौते के मूड में नहीं हैं। 
 
माना जा रहा है कि आज 6 महीने पूरे होने के बाद अब वह नए सिरे से अफसरशाही के कार्यों की समीक्षा करेंगे। मुख्यमंत्री के इस ट्वीट के बाद से सत्ता के गलियारे में खासी चर्चा है और मंत्रियों व अफसरों को भी मुख्यमंत्री के अगले कदम का इंतजार है। मुख्यमंत्री कार्यालय के सूत्रों की मानें तो अब मुख्यमंत्री ने भ्रष्ट अधिकारियों व कर्मचारियों से निपटने की रणनीति तैयार कर ली है। इस रणनीति को अमलीजामा पहनाने से पहले ट्वीटर के माध्यम से चेतावनी दी थी। लेकिन रविवार से शुरू हो रहे 7वें महीने में मुख्यमंत्री की कार्यप्रणाली नए तरीके से सामने आएगी।
 
मंत्रिमंडल विस्तार के साथ बदलेगी अफसरशाही 
सरकार के 7वें महीने के शुरूआत में मुख्यमंत्री का सबसे पहला काम मंत्रिमंडल विस्तार और अफसरशाही में फेरबदल हो सकता है। चर्चा है कि अगले कुछ दिनों में जिलों के करीब एक दर्जन उपायुक्तों से लेकर पुलिस अधीक्षकों पर ट्रांसफर की गाज गिर सकती है। 
 
माना जा रहा है कि उपायुक्तों व पुलिस अधीक्षकों की तैनाती में मुख्यमंत्री अब अपने मातहत अफसरों की सिफारिश के बजाय खुद निर्णय ले सकते हैं। वजह साफ है कि पिछले 6 महीने में मुख्यमंत्री ने स्वयं सभी अफसरों के बारे में गहनता से जानकारी जुटाई हैं। वहीं इस महीने में ही ही खट्टर मंत्रिमंडल का विस्तार तय हैं और पार्टी कार्यकत्र्ताओं का समायोजन भी खट्टर के लिए अहम चुनौती रहेगा। 

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