रद्द होगी 222 औद्योगिक प्लॉट की अलॉटमेंट!

punjabkesari.in Saturday, Mar 28, 2015 - 03:47 PM (IST)

चंडीगढ़ (विवेक): रोहतक में इंडस्ट्री स्थापित करने के लिए सरकार द्वारा बनाई गई योजना के तहत अलॉट किए गए 222 प्लाट अयोग्य व्यक्तियों को सौंपने के मामले में गत शुक्रवार को हाईकोर्ट ने 3 आई.ए.एस. अधिकारियों की जांच कमेटी गठित की।

इस कमेटी को 4 माह के भीतर अपनी जांच को पूरी कर बताना होगा कि कितने मामलों में धांधली पाई गई और कितने मामलों में अयोग्य लोगों को प्लाट आबंटित किए गए। काबिलेगौर है कि याची की ओर से दलील दी गई थी कि चुनाव से ठीक पहले की गई इस अलॉटमैंट में कई खामियां हैं।

इसके तहत जो विज्ञापन जारी किया गया था उसमें प्लाटों की संख्या 202 बताई गई थी, लेकिन सरकार ने 222 प्लाट अलॉट कर दिए। वहीं इस अलॉटमैंट के लिए 3 आधार बनाए गए थे, पहला आधार तकनीकी क्षेत्र, दूसरा आधार आर्थिक क्षेत्र और तीसरा आधार आवेदन करने वालों का बैकग्राऊंड था।

याची ने हाईकोर्ट में आर.टी.आई. के माध्यम से मिली जानकारी पेश करते हुए कहा था कि जिन लोगों को प्लाटों की अलॉटमैंट की गई है उनमें से कई हरियाणा सरकार की सॢवस में हैं, कई उसी एरिया में चाय की दुकान चलाने वाले हैं ऐसे में इस बात से साफ स्पष्ट होता है कि अलॉटमैंट मैरिट के आधार पर नहीं की गई है।

साथ ही याची ने दलील देते हुए कहा कि 2009 के चुनाव से ठीक पहले की गई अलॉटमैंट के पीछे राजनीतिक लाभ प्राप्त करने की मंशा प्रतीत होती है। प्रतिवादियों की ओर से कहा गया कि कई प्लाटों में निर्माण हो चुका है और वे अभी वर्किंग कंडीशन में हैं। हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई पर हरियाणा सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि 222 में से यदि 10 प्रतिशत में निर्माण हो गया है तो क्या सभी को योग्य ठहराया जाए। ऐसा रवैया ठीक नहीं है।


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