यू.आई.पी.एस. में एक करोड़ से तैयार होगी आर्ट लैबोरेटेरी

Saturday, Dec 04, 2021 - 04:45 PM (IST)

चंडीगढ़,(रश्मि हंस): पंजाब यूनिवर्सिटी (पी.यू.) के फार्माश्यूटिकल विभाग में जल्द स्टेट ऑफ द आर्ट लैबोरेटेरी बनाई जाएगी। विभाग की बिल्डिंग के फोर्थ फ्लोर पर सफोस्टिीकेटिड इंस्ट्रूमैंट्स रखे जाएंगे। यह यग मॉड्यूलर लैब होगी, जो इंडस्टरी के लिए भी खोली जाएगी। यानि लैब से पी.यू.के लिए फंड जैनरेट होंगे। वहीं, विभाग में अपना ऑडिटोरियम भी बनाया जाएगा।


पी.यू. के फार्माश्यूटिकल विभाग में लैब बनाने के लिए मल्टीनैशनल फार्माश्यूटिकल कंपनी मायलान लैबोरटेरी लिमिटेड ने एक करोड़ की ग्रांट दी है। यह ग्रांट पी.यू. के एलुमनी और वीयाटरिस यू.एस.ए. के अध्यक्ष राजीव मलिक और चीफ ऑप्रटिंग ऑफिसर संजीव के. सेठी ने दी है। यह ग्रांट विभाग की सी.एस.आर. के तहत मिली है। 
इससे पहले सत्र 2015 में कैलीफोर्निया के एलुमनाई जसवंत सिंह गिल ने डेढ़ करोड़ रुपए की ग्रांट दी थी। यानि विभाग को एलुमनी की ओर से ढाई करोड़ की गं्राट मिल चुकी है। जबकि अॅाडिटोरियम बनाने के लिए ग्रांट नार्थ अमेरिकन एसोसिएशन की ओर से दी जाएगी।  


60 फीसदी की प्लेसमैंट, 15 लाख तक के पैकेज
सत्र 2022 में जिन स्टूडैंट की एम. फार्मा की पढ़ाई पूरी होने जा रही है, उनमें से 60 फीसदी की प्लेसमैंट हो चुकी है। जबकि सत्र 2021 के एम.फार्म के स्टूडैंट को  करीबन 15 लाख रुपए तक के पैकेज मिल चुके हैं। यह पैकेज बेन कंपनी की ओर से पी.यू. को मिले हैं। वहीं, बी.फार्मा के दो स्टूडैंट को साढ़े आठ लाख रुपए के पैकेज मिल चुके है। यह पैकेज डा. रेडीज कंपनी की ओर से दिए गए हैं। 


विभाग की एसोसिएशन करवाई जाएगी रजिस्टर्ड
प्रो. भूपिंद्र सिंह भूप ने बताया कि विभाग की सत्र 1961 से पी.यू. फार्माश्यूटिकल सोसायटी (पी.एफ.एस.) बनी हुई है जिसे अब तक रजिस्टर नहीं करवाया गया था। अब सोसयाटी को रजिस्टर करवाया जा रहा है जिसके तहत विभाग को डायरैक्ट विदेशी फंड मिल जाएंगे। पी.यू को हाल ही में नेवेडा कार इंक की ओर से पांच हजार डॉलर मिले हैं, लेकिन यह फंड फिलहाल विभाग को एफ.सी.आर.ए. की अप्रूवल से मिलते हैं, लेकिन रजिस्टर होने के बाद फंड डायरैक्ट ही विभाग को मिलेंगे। उममीद है कि विभाग को जल्द 50 हजार डॉलर के  विदेशी फंड भी मिलेंगे। 

रैगुलर फैकल्टी केआधे पद खाली
विभाग में 20 रैगुलर फैकल्टी मैंबर हैं, जिनमें से 9 साइंटिस्ट को वल्र्ड लेवल का आवार्ड दिया गया था। विभाग में कु ल 36 फैकल्टी के लिए पद हैं, जिनमें से 20  रैगुलर फैकल्टी ही काम कर रही है। बाकी फैकल्टी रिटायर हो चुकी है। जबकि 3 और फैकल्टी मैंबर जल्द ही रिटायर हो जाएंगे जिसके बाद विभाग में सिर्फ 17 फैकल्टी मैंबर ही रह जाएंगे। 

Ravi Pratap Singh

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