चंडीगढ़ में आर्चरी टूर्नामैंट भविष्य के लिए बड़ा संकेत : दीपिका

Thursday, Apr 18, 2019 - 02:46 PM (IST)

चंडीगढ़ (लल्लन): जिस तरह क्रिकेट और हॉकी के बड़े टूर्नामैंट होते हैं। ऐसे टूर्नामैंट आर्चरी के भी होने चाहिए। चंडीगढ़ में जिस तरह तीन-तीन बार ट्रायल के बाद नैशनल रैंकिंग आर्चरी टूर्नामैंट आयोजित किए जा रहे हैं, यह देश में आर्चरी के भविष्य के लिए बड़ा संकेत है। 

 

इस तरह से बड़े स्तर पर देश में टूर्नामैंट आयोजित होंगे तो यकीनन आर्चरी खेल में सुधार आएगा। नैशनल रैंकिग आर्चरी चैंपियनशिप में हिस्सा लेने पहुंची पद्मश्री तीरंदाज दीपिका कुमारी ने यह बातें कहीं। दीपिका ने कहा कि आर्चरी टूर्नामैंट से नए खिलाड़ी आएंगे और मौजूदा खिलाडिय़ों के खेल में सुधार आएगा। 

 

उन्होंने कहा कि खिलाड़ी मेहनत तो खूब कर रहे हैं, बावजूद हम पिछड़ते हैं तो सिर्फ मैंटल ट्रेनिंग में, इसलिए खिलाडिय़ों को कोचिंग की शुरूआत से ही मैंटल ट्रेनिंग की भी जरूरत है ताकि वह अंतरराष्ट्रीय स्तर के टूर्नामैंट में अपना प्रदर्शन बरकरार रख सकें। 

 

वल्र्ड कप में मैडल जीतना टारगेट
दीपिका ने कहा कि अभी वह वल्र्ड कप की तैयारी कर रही हैं। पहला वल्र्ड कप कोलंबिया में 22 से 28 अप्रैल तक होगा। इस टूर्नामैंट के बाद वह सीधे वल्र्ड कप में हिस्सा लेने जा रही हैं। 

 

इसके बाद 20 से 26 मई को तीसरे वल्र्ड कप-2019 में हिस्सा लेंगी। यह टूर्नामैंट टर्की में होगा। उन्होंने बताया कि यह सब बड़े टूर्नामैंट हैं। फिलहाल मेरी कोशिश यही रहेगी कि मैं इन टूर्नामैंट में मैडल जीतूं। इन जीत से ओलंपिक के लिए आत्मविश्वास बढ़ेगा। मेरा टारगेट ओलंपिक में मेडल जीतने का है।

 

आर्चरी महंगा खेल
दीपिका ने कहा कि आर्चरी महंगा खेल है। ऐसे में खिलाडिय़ों को खासी दिक्कत होती है। प्रैक्टिस के बाद हर टूर्नामैंट में बेहतर प्रदर्शन के लिए नए एक्यूपमैंट की जरूरत होती है। इसलिए खिलाडिय़ों को आर्चरी एक्यूपमैंट खरीदने में रियायत मिलनी चाहिए। 
 

pooja verma

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