आर्चरी सैंटर में अभ्यास करने वाले खिलाडिय़ों के पास नहीं है टारगेट

Wednesday, Jul 27, 2016 - 03:18 AM (IST)

 चंडीगढ़, (लल्लन): शहर में स्पोटर्स को बढ़ावा देने के लिए केन्द्र सरकार की ओर से करोड़ों रुपए की ग्रांट दी जाती है। लेकिन यहां आर्चरी का हाल बेहाल है। खेल विभाग की ओर से शहर में एक ही आर्चरी सैंटर चलाया जाता है। यहां खिलाडिय़ों को अभ्यास करने के लिए पूरे इक्यूपमैंट नहीं मिलते हैं। जिस कारण खिलाडिय़ों को परेशानी झेलनी पड़ रही है या फिर कई-कई घंटे तक इंतजार करना पड़ता है। इसी कारण यहां के खिलाड़ी अब दूसरे राज्यों में अभ्यास करने के लिए जाने के लिए मजबूर हैं। गौरतलब है कि सैंटर में अभ्यास करने वाले खिलाडिय़ों के पास 18 ही धनुष (बो) हैं जबकि अकादमी में अभ्यास करने वाले खिलाडिय़ों की संख्या तकरीबन 40 है। ऐसे में विभाग के पास रिकर्व 4 व कम्पाऊंड 2 ही धनुष (बो) हैं। इन दोनों की मार्कीट में वैल्यू ज्यादा है। जिसे जूनियर खिलाड़ी खरीदने में असमर्थ हैं। इसके अलावा यदि ग्रास रूट पर बात करें तो इंटर स्कूल में सिर्फ 3 टीमों ने ही आवेदन भेजा था। जब हम ग्रास रूट पर मजबूत नहीं होंगे तो देश को ओलिम्पिक और वल्र्ड चैम्पियनशिप के लिए बेहतरीन खिलाड़ी कहां से मिलेंगे।

ऐरो और टारगेट का बनाकर भेजा प्रोपोजल

इक्यूपमैंट के अभाव की देखते हुए एसोसिएशन की ओर से खेल विभाग को खिलाडिय़ों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए इक्यूपमैंट का प्रोपोजल बनाकर भेजा है। विभाग की ओर से पास कर दिया गया है लेकिन अकादमी को अभी तक सामान उपलब्ध नहीं हो सका। अकादमी ओर से 12 टारगेट स्टैंड, 100 ऐरो व 10 धनुष (बो)का प्रपोजल भेजा।

खिलाडिय़ों को करना पड़ता कई घंटे इंतजार

अकादमी में अभ्यास करने के लिए खिलाडिय़ों को कई-कई घंटे इंतजार करना पड़ता है। इक्यूपमैंट का अभाव होने के कारण कई बार तो खिलाडिय़ों की पारी भी नहीं आ पाती है। जानकारी के अनुसार इंडियन राऊंड की 12 बो, रिकर्व की 4 तथा कम्पाऊंड की 2 बो ही विभाग के पास हैं। इन दिनों विभाग के पास पांच ही टारगेट हैं। ऐसे में रोजाना अकादमी में 40 के आसपास खिलाड़ी अभ्यास करते हैं।

Advertising