हाईकोर्ट की टाइपिंग मिस्टेक के कारण पंजाब में मचा रहा हड़कंप, कुमार को लिख दिया कौर, आनंद कारज करवाने वाले पाठी पर कार्रवाई
punjabkesari.in Thursday, Oct 26, 2023 - 09:50 PM (IST)

चंडीगढ़,(रमेश हांडा): हाईकोर्ट के एक आदेश में गलती से पंजाब में हड़कंप मचा रहा। जालंधर के एक प्रेमी जोड़े ने खरड़ के गुरुद्वारे में विवाह रचा कर हाईकोर्ट में सुरक्षा की मांग को लेकर याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने याचिका का निपटारा करते हुए जालंधर के एस.एस.पी. को दोनों के जीवन व स्वतंत्रता की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आदेश दिया था। दरअसल याचिकाकत्र्ता प्रेमी जोड़ा, जिसमें लड़की का नाम रणजीत कौर था और लड़के का नाम मंदीप कुमार था लेकिन हाईकोर्ट द्वारा जारी आदेश में गलती से लड़के का नाम मंदीप कौर लिख दिया गया।
वीरवार को समाचार प्रकाशित होने के बाद इस बात की चर्चा आग की तरफ फैल गई कि कैसे एक गुरुद्वारे में 2 लड़कियों का विवाह करवा दिया गया। आनन-फानन में आनंद कारज करवाने वाले पाठी के खिलाफ कार्रवाई हो गई, जिसे सामाजिक प्रताडऩा का शिकार होना पड़ा। पाठी का कहना था कि उसने लड़के व लड़की का विवाह करवाया था जो बालिग थे। उनके आधार कार्ड भी रिकॉर्ड में हैं। बात फैली कि विवाह होने के बाद कागजों में छेड़छाड़ कर लड़कियों ने हाईकोर्ट जाकर सुरक्षा मांगी है। इंटैलीजैंस भी सक्रिय हो गई और यहां-वहां से पूछताछ होने लगी। मामला मीडिया में आने के बाद याचिकाकत्र्ता के वकील को इस बात की जानकारी मिली। उन्होंने वीरवार को जारी आदेश पढ़े तो उसमें नाम की मिस्टेक थी, जिसके कारण मामला संवेदनशील हो गया है।
वकील बोले-क्लैरिकल मिस्टेक ठीक करवाने के लिए अर्जी दायर करेंगे
याची के वकील संजीव कुमार विर्क ने बताया कि वो इस क्लैरिकल मिस्टेक को ठीक करवाने के लिए हाईकोर्ट में अर्जी दायर करेंगे। उनके अनुसार जोड़े ने खरड़ के गुरुद्वारे में विवाह करवाया था और गुरुद्वारे के रिकॉर्ड में लड़के व लड़की के आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज दिए गए थे। विर्क ने बताया कि प्रेमी जोड़ा उनकी सुरक्षा की याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट में मौजूद था लेकिन वह कोर्ट रूम के बाहर था।
घरवालों से जान का खतरा बताया था
25 साल की लड़की व 29 साल के प्रेमी लड़के ने याचिका दाखिल करते हुए जोड़े ने हाईकोर्ट को बताया था कि वे एक-दूसरे को पसंद करते हैं और 18 अक्तूबर को उन्होंने खरड़ के गुरुद्वारे में विवाह रचाया है। इस विवाह से उनके घरवाले खुश नहीं हैं और याचिकाकत्र्ताओं को जीवन का खतरा है। उन्होंने जालंधर के एस.एस.पी. को मांगपत्र भी दिया था लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ। ऐसे में उन्होंने हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट ने याचिका का निपटारा करते हुए जालंधर के एस.एस.पी. को इस मामले में याची के मांगपत्र पर विचार कर उचित निर्णय लेने का आदेश दिया था। साथ ही जोड़े के जीवन व स्वतंत्रता की रक्षा सुनिश्चित करने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट ने आदेश में यह स्पष्ट किया था कि यदि याचिकाकत्र्ताओं के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई होती है तो यह आदेश उसके मार्ग में बाधा नहीं होगा।