लुधियाना-रूपनगर हाईवे में जमीन अधिग्रहण या स्ट्रक्चर तोडऩे पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

Thursday, Dec 22, 2022 - 08:22 PM (IST)

चंडीगढ़,(रमेश हांडा): लुधियाना से रोपड़ तक बनने वाले हाईवे प्रोजैक्ट को लेकर एक किसान की जमीन अधिग्रहण की राशि दिए बिना उसकी जमीन में हुए निर्माण को तोडऩे की कार्रवाई पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। कोर्ट ने नैशनल हाईवे के प्रोजैक्ट निदेशक के.एल. सचदेवा व संबंधित जिले के पुलिस कमिश्नर को इस मामले में 23 जनवरी तक जवाब दाखिल करने को कहा है। 

 

 


याचिकाकर्ता अशोक कुमार गर्ग के वकील चरणपाल सिंह बागड़ी व गुरजीत कौर बागड़ी की ओर से दाखिल हुई याचिका में बताया गया कि वर्ष 2021 में याची की जमीन अधिग्रहण करने के लिए अवार्ड जारी हुआ था, जिसकी जमीन में फार्महाऊस बना हुआ था, जो कि गैर-मुमकिन जमीन की कैटागिरी में आती है और उसका अवार्ड अधिक होता है। सरकार की ओर से नियुक्त किए गए कॉम्पिटैंट अथॉरिटी ऑफ अवार्ड की ओर से जमीन का निरीक्षण कर उसे गैर-मुमकिन श्रेणी में रखते हुए अवार्ड जारी करने की रिपोर्ट हाईवे के प्रोजैक्ट डायरैक्टर को भेजी थी, जिन्होंने उक्त रिपोर्ट को वापस भेजते हुए जमीन को कृषि भूमि घोषित कर नए सिरे से अवार्ड करने को कहा, जिस पर कॉम्पिटैंट अथॉरिटी ने इनकार कर दिया। जिनका कहना था कि वह ऐसा नहीं कर सकते क्योंकि उक्त जमीन पर निर्माण हुआ है। प्रोजैक्ट डायरैक्टर ने उक्त जमीन में बने निर्माण को गिराने के आदेश पारित कर दिए, वह भी बिना जमीन का अधिग्रहण किए। 

 


अशोक गर्ग ने अथॉरिटी की मनमानी के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी थी। जिस पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए जमीन पर हुए निर्माणों को तोडऩे पर अगली सुनवाई तक रोक लगाते हुए नैशनल हाईवे अथॉरिटी के प्रोजैक्ट डायरैक्टर के.एल. सचदेवा को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है, जिन्हें मामले में नाम से प्रतिवादी बनाया गया है। 

Ajay Chandigarh

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