आकांक्ष मर्डर केस : आखिरी सांस तक जेल में रहेगा हरमेहताब

Thursday, Nov 21, 2019 - 08:36 AM (IST)

चंडीगढ़(संदीप) : हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी के भतीजे आकांक्ष सेन की हत्या के मामले में दोषी हरमेहताब उर्फ फरीद को जिला अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। हरमेहताब को ताउम्र सलाखों के पीछे रहना होगा। अदालत ने उस पर 3 लाख रुपए जुर्माना भी लगाया है। 

अदालत ने सोमवार को हरमेहताब को आई.पी.सी. की धारा-302 व 34 के तहत दोषी करार दिया था। बुधवार को कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए लिखा कि केस में सभी गवाह और सबूत इस केस को साबित करने के लिए काफी थे। हरमेहताब और बलराज रंधावा दोनों की आकांक्ष सेन को मारने की मंशा थी, जिसके चलते उन पर रहम नहीं बरता जाना चाहिए। 

उन्होंने तीन बार आकांक्ष पर गाड़ी चढ़ाई, जिस कारण ही वह पी.जी.आई. में जिंदगी और मौत से जूझता रहा और बाद में उसने दम तोड़ दिया। कहा गया कि यह केस रेयरेस्ट ऑफ रेयर की कैटेगरी में नहीं आता, इसलिए हरमेहताब को फांसी की सजा नहीं दी जा सकती, लेकिन फिर भी किसी की जान लेना बेहद संगीन जुर्म है।

मेरा कोई कसूर नहीं, चाहे तो नार्काे टैस्ट करवा लो :
हरमेहताब को सुबह ही जेल से जिला अदालत में लाया गया था। अदालत में उसका छोटा भाई व रिश्तेदार मौजूद रहे। हरमेहताब ने भाई से कहा कि मेरा कोई कसूर नहीं था। मुझे फंसाया गया है। मैं कार चला भी नहीं रहा था और न ही मैंने बलराज को आकांक्ष पर कार चढ़ाने के लिए उकसाया। मेरे खिलाफ जितने भी लोगों ने गवाही दी है उन सभी का और मेरा चाहे तो नार्काे टैस्ट करवा लें। उसने कहा कि मुझे अदालत से न्याय नहीं मिला है।

बी.एम.डब्ल्यू. कार से कुचल दिया था :
9 फरवरी, 2017 की रात को आकांक्ष ने अपने सैक्टर-9 स्थित बूम बॉक्स कैफे एवं डिस्को में भाई अदम्य, करण व राजन सहित पार्टी आयोजित की थी। रात 12 बजे उन्होंने डिस्को बंद कर दिया था। फिर आकांक्ष दोस्त दीप सिद्धू के पास सैक्टर-9 स्थित कोठी नंबर-165में पार्टी के लिए चला गया था। यहां आकांक्ष के साथ उसका दोस्त शेरा भी आया था। दूसरी ओर दीप ने बलराज व हरमेहताब को बुला रखा था। शेरा का बलराज व हरमेहताब से पुराना झगड़ा था। 

पार्टी में बलराज और शेरा में मारपीट हो गई। करीब तीन बजे अदम्य, आकांक्ष, करण और राजन वहां से उन्हें छुड़ाकर सैक्टर-18 स्थित राजन की कोठी में चले गए। आकांक्ष ने साथियों को सैक्टर-9 में शेरा की जानकारी लेने को कहा। गाड़ी में सवार होकर आकांक्ष, अदम्य, करण और राजन सैक्टर-9 पहुंचे। आकांक्ष अभी कोठी की घंटी बजाने ही वाला था कि शेरा, हरमेहताब सिंह, बलराज सिंह कोठी से बाहर आए। 

यहां उनकी फिर से आकांक्ष से बहस हो गई। इसके बाद बलराज सिंह ने बी.एम.डब्ल्यू. से आकांक्ष को कुचल दिया। बाद में दोनों फरार हो गए थे। अदम्य, राजन और शेरा ने आकांक्ष को पी.जी.आई. में दाखिल कराया, जहां उसकी मौत हो गई थी। पुलिस ने हरमेहताब को 16 फरवरी को गिरफ्तार कर लिया था।

हाईप्रोफाइल केस : कब क्या हुआ
9 फरवरी, 2017 को सुबह बलराज ने आकांक्ष पर अपनी बी.एम.डब्ल्यू. चढ़ा दी थी। हरमेहताब भी साथ था, उस पर बलराज को कार चढ़ाने के लिए उकसाने के आरोप लगे।
10 फरवरी, 2017 को पी.जी.आई. में आकांक्ष ने दम तोड़ दिया।
16 फरवरी, 2017 को पुलिस ने हरमेहताब को हरिद्वार से गिरफ्तार किया था। 
5 अप्रैल, 2017 को कोर्ट ने केस में मुख्य आरोपी बलराज सिंह को भगौड़ा करार दिया। 
6 मई, 2017 को पुलिस ने अदालत में 446 पेज का चालान दाखिल किया था। 
7 नवम्बर, 2017 को हरमेहताब के खिलाफ आरोप तय किए। 
15 नवम्बर, 2017  को हरमेहताब के खिलाफ अदालत में ट्रायल शुरू हुआ था।
15 अक्टूबर, 2019 को दोनों पक्षों की दलीलें खत्म हुई थी।
18 नवम्बर 2019 को अदालत ने हरमेहताब को केस में दोषी करार दिया।
20 नवम्बर 2019 को अदालत ने दोषी हरमेहताब को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। 

Priyanka rana

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