बॉन्ड मैच्योरिटी के बाद भी नहीं दी पूरी राशि, बैंक पर 17 हजार का हर्जाना

punjabkesari.in Sunday, Aug 25, 2019 - 03:23 PM (IST)

चंडीगढ़(राजिंद्र) : स्मॉल इंडस्ट्रीज डिवैल्पमैंट बैंक ऑफ इंडिया से डिस्काउंट बॉन्ड परचेस किया, लेकिन मैच्योरिटी के बाद भी शिकायतकर्ता को पूरी राशि जारी नहीं की। इसके चलते उपभोक्ता फोरम ने बैंक को सेवा में कोताही का दोषी करार दिया है। फोरम ने निर्देश दिए हैं कि शिकायतकर्ता को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 91 हजार 124 रुपए की राशि जारी की जाए। 

मानसिक पीड़ा और उत्पीडऩ के लिए 10 हजार रुपए मुआवजा और 7 हजार रुपए मुकदमा खर्च भी जारी करने के निर्देश दिए हैं। आदेश की प्रति मिलने पर 30 दिन के अंदर इन आदेशों की पालना करनी होगी, नहीं तो बैंक को बॉन्ड राशि और मुआवजा राशि पर 12 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज भी देना होगा। ये आदेश जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम-1 ने सुनवाई के दौरान जारी किए।

25 सौ रुपए के 25 साल में मिलने थे एक लाख :
सैक्टर-63 के बिहारी लाल ने फोरम में स्मॉल इंडस्ट्रीज डिवैल्पमैंट बैंक ऑफ इंडिया, चंडीगढ़, स्मॉल इंडस्ट्रीज डिवैल्पमैंट बैंक ऑफ इंडिया लखनऊ और स्मॉल इंडस्ट्रीज डिवैल्पमैंट बैंक ऑफ इंडिया मुंबई के खिलाफ शिकायत दी थी। उन्होंने बैंक से वर्ष 1993 में 25 सौ रुपए में डिस्काउंट बांड परचेस किया। 

बांड सर्टिफिकेट के तहत बैंक ने 25 साल बाद एक लाख रुपए देने का वायदा किया था। बांड की मैच्योरिटी होने पर उन्होंने कैश के लिए बॉन्ड बैंक के समक्ष पेश किया, लेकिन बैंक की तरफ से एक लाख की जगह उन्हें 8876 रुपए की राशि ही जारी की गई। शिकायतकर्ता ने बैंक को बाकी बची राशि भी जारी करने की अपील की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। 


 


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Priyanka rana

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