हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक: हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति (वार्ड परिसीमन तथा निर्वाचन) नियम, 2023 को मंजूरी
punjabkesari.in Tuesday, Jul 04, 2023 - 07:48 PM (IST)

चंडीगढ़,(बंसल): मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में मंगलवार को चंडीगढ़ में हुई हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति (वार्ड परिसीमन तथा निर्वाचन) नियम, 2023 को मंजूरी प्रदान की गई। हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के कार्यों के प्रबंधन और निगरानी के लिए गठित एडहॉक कमेटी का कार्यकाल 18 महीने बाद समाप्त होने जा रहा है, इसलिए हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के सदस्यों के निर्वाचन के लिए हरियाणा में गुरुद्वारों का चुनाव कराना आवश्यक है और इसी उद्देश्य के लिए, उपरोक्त नियमों को अधिनियमित किया गया है। हरियाणा राज्य में सिख गुरुद्वारों और गुरुद्वारा संपत्तियों के बेहतर स्वतंत्र प्रबंधन और प्रभावी पर्यवेक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से हरियाणा राज्य द्वारा 14 जुलाई, 2014 को अधिसूचना के माध्यम से हरियाणा सिख गुरुद्वारा (प्रबंधन) अधिनियम, 2014 (अधिनियम की संक्षिप्तता के लिए) अधिनियमित किया गया था।
हरियाणा सिख गुरुद्वारा (प्रबंधन) अधिनियम, 2014 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष रिट याचिका (सिविल) संख्या 735/2014 दाखिल करके चुनौती दी गई थी। उक्त याचिका में सुप्रीम कोर्ट ने 7 अगस्त, 2014 के आदेश के जरिए निर्देश दिए थे कि गुरुद्वारा मामले के संबंध में सभी संबंधित द्वारा यथापूर्व स्थिति बनाई रखी जानी चाहिए। उक्त निर्देशों को ध्यान में रखते हुए उक्त अधिनियम की धारा 16 की उप-धारा (8) के अधीन 18 महीने की अपनी सीमा की अवधि के बाद भी एडहॉक कमेटी जारी रही। बाद में, 20 सितम्बर, 2022 को उक्त रिट याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया।
चूंकि हरियाणा में गुरुद्वारा चुनाव करवाने के लिए अधिनियम की धारा 52 के अधीन अपेक्षित नियम, अनुबद्ध नहीं बनाए गए थे, ताकि विभिन्न वार्डों से सदस्यों का चुनाव किया जा सके। इसलिए, अधिनियम की धारा 16 के खंड (8) में संशोधन करने के बाद हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के कार्यों के प्रबंधन और पर्यवेक्षण करने के लिए एडहॉक कमेटी गठित की गई थी, जब तक अधिनियम की धारा 3 और 4 के अधीन चुनाव करवाकर नई समिति का गठन नहीं किया जाता।
लॉजिस्टिक्स, वेयरहाऊसिंग एंड रिटेल पॉलिसी 2019 में संशोधन को मंजूरी
मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा लॉजिस्टिक्स, वेयरहाऊसिंग एंड रिटेल पॉलिसी 2019 में संशोधन को मंजूरी दी है। हरियाणा लॉजिस्टिक्स, वेयरहाऊसिंग और रिटेल पॉलिसी 2019 और टाऊन एंड कंट्री प्लाङ्क्षनग डिपार्टमैंट पॉलिसी में आई.सी.डी./वेयरहाऊस/कोल्ड स्टोरेज/लॉजिस्टिक्स पार्क आदि की स्थापना के लिए उल्लिखित विभिन्न पात्रता शर्तों के कारण संशोधन की आवश्यकता है। इसके अलावा, वेयरहाऊस /आई.सी.डी./कोल्ड स्टोरेज की स्थापना के लिए आवश्यक भूमि का न्यूनतम क्षेत्र और न्यूनतम पहुंच मार्ग का क्षेत्र भी दोनों नीतियों में अलग-अलग थे। मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि न्यूनतम क्षेत्र और न्यूनतम पहुंच मार्ग के साथ विभिन्न व्यवसाय और विभिन्न श्रेणी के वेयरहाऊस के पैरामीटर निम्न अनुसार होंगे। इनलैंड कंटेनर डिपो (आई.सी.डी.) अब न्यूनतम 20 से 25 एकड़ क्षेत्र में स्थापित किया जाएगा, आवश्यक न्यूनतम पहुंच सडक़ 50 फीट होगी जो कि पहले 2 एकड़ और 30 फीट की पहुंच सड़क की शर्त थी।
संशोधन के बाद 25 एकड़ से अधिक क्षेत्र में आई.सी.डी. स्थापित करने के लिए आवश्यक न्यूनतम पहुंच सड़क 60 फीट होगा। कोल्ड चेन स्थापित करने के लिए न्यूनतम निवेश रुपए 15 करोड़ और न्यूनतम क्षेत्र की आवश्यकता 0.5 एकड़ होगी और न्यूनतम पहुंच सड़क 33 फीट होगी। आगे यह निर्णय लिया गया कि संशोधन के बाद मौजूदा हरियाणा लॉजिस्टिक्स, वेयरहाऊसिंग एंड रिटेल पॉलिसी 2019 से रिटेल हब की श्रेणी को हटा दिया जाएगा।
अधिसूचित माल ढुलाई सहायता योजना में संशोधन मंजूर
बैठक में हरियाणा उद्यम और रोजगार नीति (एच.ई.ई.पी.) - 2020 के तहत अधिसूचित माल ढुलाई सहायता योजना में संशोधन को मंजूरी प्रदान की गई। राज्य के विभिन्न औद्योगिक संघों और निर्यातकों ने राज्य सरकार से सभी एम.एस.एम.ई. के लिए योजना को संशोधित करने और निर्यातकों को प्रेरित करने के लिए ब्लॉक वाइज कैपिंग की समीक्षा करने का अनुरोध किया था। नए संशोधनों के अनुसार, वैश्विक बाजार में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एम.एस.एम.ई.) के निर्यात को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए अन्य गैर-वित्तीय प्रोत्साहनों सहित इकाई के परिसर से बंदरगाह / एयर कार्गो / अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं तक परिवहन लागत की अदायगी के लिए माल ढुलाई सबसिडी के रूप में 25 लाख रुपए प्रदान किए जाएंगे। योजना की शुरूआत और लागू होने की प्रभावी तिथि में बदलाव के साथ एजैंडे को स्वीकृति दी गई। योजना की लागू होने की प्रभावी तिथि 1 जुलाई, 2023 होगी जिसका अर्थ है कि वास्तविक निर्यात 1 जुलाई, 2023 को या उसके बाद किया जाना चाहिए, यह उठान के बिल के आधार पर निर्धारित किया जाएगा।
गांवों में पानी के शुल्क के संग्रह व अन्य संबंधित सेवाओं के लिए स्वयं सहायता समूहों को जोडऩे की नई योजना को मिली अनुमति
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने स्वयं सहायता समूहों (एस.एच.जी.) की महिलाओं को अधिक सशक्त व आॢथक रूप से और स्थिर बनाने की दिशा में एक और कदम आगे बढ़ाते हुए जल जीवन मिशन (जे.जे.एम.) के तहत ग्रामीण जल आपूॢत योजना में सेवा प्रदाताओं के रूप में स्वयं सहायता समूहों को शामिल करने के लिए एक नई योजना शुरू करने का निर्णय लिया है। बैठक में ग्रामीण क्षेत्रों में पानी के शुल्क के संग्रह और अन्य संबंधित सेवाओं के लिए एस.एच.जी. को शामिल करने-जल आपूॢत योजना के लिए प्लाङ्क्षनग, कार्यान्वयन, संचालन और रखरखाव नीति के लिए शक्तियां ग्राम पंचायतों के पास निहित, से संबंधित एक प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई।
बिङ्क्षलग ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों द्वारा किए जाने का प्रस्ताव
इस योजना के तहत, पानी के शुल्क की बिङ्क्षलग ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों (वी.डब्ल्यू.एस.सी.-जी.पी.) द्वारा किए जाने का प्रस्ताव है, जो बिङ्क्षलग इन्फॉर्मेशन सिस्टम फॉर वाटर एंड सीवर (बिसवास) पोर्टल पर ऑनलाइन बिल भेजने के लिए स्वयं सहायता समूह (एस.एच.जी.) की महिला सदस्यों को जोड़ेगी। पानी के बिलों के वितरण और शुल्क का संग्रहण एस.एच.जी. सदस्यों द्वारा समय-समय पर राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एस.आर.एल.एम.) के दिशा-निर्देशों के अनुसार किया जाएगा। योजना के नियमों और शर्तों के अनुसार, जिला स्तर पर जल जीवन मिशन के तहत विभिन्न आई.ई.सी. गतिविधियों को करने के लिए कलस्टर लैवल फैडरेशन (सी.एल.एफ.) को एक सेवा प्रदाता के रूप में नियुक्त किया जाएगा। इसके अलावा, जल जीवन मिशन के तहत ग्राम स्तर पर 1 या 2 एस.एच.जी. महिलाओं को जोड़ा जाएगा। ये महिलाएं ग्राम स्तर पर रिसोर्स पर्सन के रूप में काम करेंगी और वी.डब्ल्यू.एस.सी., वाटर एंड सैनीटेशन स्पोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यू.एस.एस.ओ.) और जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के समन्वय से चयनित गतिविधियां करेंगी। चयनित फील्ड गतिविधियों के लिए सेवा प्रदाता के रूप में स्वयं सहायता समूह के सदस्यों की भागीदारी के संबंध में उक्त योजना हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एच.एस.आर.एल.एम.) के समन्वय से तैयार की गई है।
3 लाख रुपए प्रति वर्ष से कम आय वाली विधवा एवं निराश्रित महिलाओं को मिलेगी पैंशन
मंत्रिमंडल की बैठक में विधवा एवं निराश्रित महिला पैंशन योजना के आय मानदंडों में बदलाव और 60 वर्ष या उससे अधिक आयु वाले लाभाॢथयों को वृद्धावस्था सम्मान भत्ता योजना में संशोधन को मंजूरी प्रदान की गई। वर्तमान में, हरियाणा विधवा एवं निराश्रित महिला पैंशन योजना के तहत लाभार्थी महिला को उसकी मृत्यु की तारीख तक लाभ मिलता है। नए संशोधनों के अनुसार, 60 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद महिलाओं को पात्रता के अधीन वृद्धावस्था सम्मान भत्ता योजना के तहत लाभ मिलेगा। पैंशन के लिए अपेक्षित शर्तों के अनुसार, 18 वर्ष की आयु से अधिक, हरियाणा का डोमिसाइल, आवेदन जमा करवाने के समय पिछले 15 वर्षों से राज्य में रहना और सभी स्रोतों से आय 3 लाख रुपए प्रति वर्ष से कम होनी चाहिए। विधवा पैंशन 60 वर्ष की आयु तक स्वीकृत की जाएगी और उसके बाद, विधवा पैंशन को पात्रता के अधीन वृद्धावस्था सम्मान भत्ता योजना में परिवर्तित कर दिया जाएगा और लाभार्थी जीवन भर भत्ता प्राप्त करता रहेगा। हालांकि, यदि किसी भी स्तर पर यह पाया जाता है कि पैंशन गलत आधार पर या गलत जानकारी पर स्वीकृत की गई थी या जिस शर्त पर पैंशन दी गई थी, वह अब मौजूद नहीं है, तो जिला समाज कल्याण अधिकारी को पैंशन का भुगतान रोकने का अधिकार होगा।
हरियाणा उत्कृष्ट खिलाडिय़ों (समूह ए, बी और सी) सेवा नियम, 2021 में संशोधन के संबंध में स्वीकृति प्रदान
मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा उत्कृष्ट खिलाडिय़ों (समूह ए, बी और सी) सेवा नियम, 2021 में संशोधन के संबंध में स्वीकृति प्रदान की गई। नए संशोधनों के अनुसार, अब ‘स्पोटर््स इवैंट्स’ का अर्थ खेलों की सभी प्रतियोगिताएं हैं, जो भार वर्ग तक सीमित नहीं होंगी। पहले विभाग की किसी भी नीति/नियम में ‘इवैंट’ की परिभाषा स्पष्ट नहीं थी। यह संशोधन ‘स्पोटर््स इवैंट्स’ की परिभाषा को स्पष्टï करके उन खिलाडिय़ों को लाभ पहुंचाने के लिए किया गया है जिनकी प्रतियोगिताएं ओलिम्पिक/राष्ट्रमंडल/एशियाई खेलों में नहीं खेली जाती हैं लेकिन राष्ट्रीय खेलों/राष्ट्रीय चैंपियनशिप में भी नहीं खेली जाती हैं। ऐसे खिलाड़ी अब खेल में उत्कृष्ट उपलब्धियों के आधार पर सरकारी नौकरियों में नियुक्ति के लिए आवेदन करने के पात्र होंगे।
हरियाणा सूक्ष्म और लघु उद्यम सुविधा परिषद (संशोधन) नियम, 2023 के संबंध में मंजूरी
बैठक में हरियाणा सूक्ष्म और लघु उद्यम सुविधा परिषद (संशोधन) नियम, 2023 के संबंध में मंजूरी दी है। जिला स्तरीय परिषदें विशेष जिले के उद्योगपति का समय और लागत बचाएंगी और यह प्रत्येक जिले और ब्लॉक में उद्योगों की वृद्धि को देखते हुए निकट भविष्य के लिए बहुत उपयोगी है। यह भी बताया गया है कि अधिकांश सामान्य और महत्वपूर्ण सेवाएं डी.सी./ए.डी.सी. कार्यालयों में प्रदान की जा रही हैं और विलंबित भुगतान विवाद एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, जिसे जिला स्तर पर हल किया जा सकता है जहां आम नागरिक की पहुंच आसान होती है। तदनुसार, हरियाणा में डिस्ट्रिक्ट फेसिलिटेशन काऊंसिल की संरचना आदि को शामिल करने के लिए मसौदा नियम हरियाणा सूक्ष्म और लघु उद्यम सुविधा परिषद (संशोधन) नियम, 2023 तैयार किए गए हैं। हरियाणा सूक्ष्म और लघु उद्यम सुविधा परिषद (संशोधन) नियम, 2023 की मुख्य बातें स्पष्ट करती हैं कि परिषद का अर्थ उन मामलों से निपटने के लिए अधिनियम की धारा 20 के तहत राज्य सरकार द्वारा स्थापित हरियाणा सूक्ष्म और लघु उद्यम सुविधा परिषद है जहां मूल राशि 20 लाख रुपए से अधिक है। डिस्ट्रिक्ट काऊंसिल में ए.डी.सी. चेयरपर्सन होंगे, जबकि जस्टिस विभाग के प्रशासन से एक अधिकारी (जो असिस्टैंट डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी से कम रैंक का न हो) तथा डी.सी. ऑफिस से एक अधिकारी (जो अकाऊंट ऑफिसर रैंक से कम न हो) सदस्य होंगे।
इसी प्रकार, नॉन-ऑफिशियल सदस्य के तौर पर माइक्रो और स्माल इंडस्ट्री एसोसिएशन के सदस्य (राज्य सरकार द्वारा मनोनीत) एवं सदस्य -सचिव के तौर पर एम.एस.एम.ई. की जिला इकाई के अधिकारी (जो असिस्टैंट डायरैक्टर रैंक से कम न हो) को नियुक्त किया जाएगा। काऊंसिल या डिस्ट्रिक्ट काऊंसिल, जैसा भी मामला हो, इस उद्देश्य के लिए बनाए गए आधिकारिक वेब पोर्टल पर वाॢषक प्रगति रिपोर्ट सहित अपने कामकाज से संबंधित बुनियादी जानकारी अपलोड करेगी। काऊंसिल या डिस्ट्रिक्ट काऊंसिल, जैसा भी मामला हो, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम के लिए राष्ट्रीय बोर्ड के सदस्य सचिव को अधिनियम में परिभाषित तरीके और समय-समय पर आवश्यक रूप में जानकारी प्रदान करेगी।
हरियाणा पंचायती राज नियम 1995 में संशोधन को मंजूरी
बैठक में हरियाणा पंचायती राज नियम 1995 में संशोधन को मंजूरी दी गई। संशोधन के अनुसार, अब से इन नियमों को हरियाणा पंचायती राज (संशोधन) नियम 2023 के रूप में जाना जाएगा। मौजूदा हरियाणा पंचायती राज नियम, 1995 में धारा 28ए-धारा 21, 75, 100, 137, 146 और 209 के अंतर्गत ग्राम निधि, समिति निधि और जिला परिषद निधि का लागू होना जोड़ी गई है। इस नए नियम के अनुसार ग्राम पंचायत, पंचायत समिति या जिला परिषद हरियाणा पंचायती राज अधिनियम के तहत सौंपे गए कार्यों और दायित्वों के लिए अपने फंड का उपयोग करने के लिए अधिकृत होंगी। हालांकि, यह अनिवार्य है कि राज्य सरकार द्वारा ग्राम पंचायत, पंचायत समिति या जिला परिषद को प्रदान की गई किसी भी तरह की ग्रांट-इन-ऐड का उपयोग विशेष रूप से राज्य सरकार द्वारा सौंपे गए विशिष्ट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा। संशोधन के अनुसार, राज्य सरकार के पास ग्राम पंचायत, पंचायत समिति या जिला परिषद को विशिष्ट कार्यों, कत्र्तव्यों को पूरा करने या अपने संबंधित धन का उपयोग करके विकास कार्यों को क्रियान्वित करने का निर्देश देने का अधिकार है। यह निर्देश केवल तभी जारी किया जा सकता है जब सौंपे गए विकास कार्य का अनुरोध संबंधित ग्राम पंचायत, पंचायत समिति या जिला परिषद के किसी निवासी द्वारा किया गया हो और राज्य सरकार द्वारा इसे सार्वजनिक हित में माना गया हो।
हरियाणा पिछड़ा वर्ग (सेवाओं और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश में आरक्षण अधिनियम) अधिनियम 2016 में संशोधन से संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी
बैठक में हरियाणा पिछड़ा वर्ग (सेवाओं और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश में आरक्षण अधिनियम) अधिनियम 2016 में संशोधन से संबंधित एक प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। केंद्र सरकार ने हरियाणा की 7 जातियों (अहेरिया अहेरी, हेरी हरि, थोरी तुरी और राय सिख) को हरियाणा राज्य से संबंधित अनुसूचित जातियों की सूची में शामिल करने के लिए अनुसूचित जाति आदेश, 1950 (9 मई, 2016 को अधिसूचना के माध्यम से) में संशोधन किया था। चूंकि इन जातियों को हरियाणा पिछड़ा वर्ग (सेवाओं और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश में आरक्षण अधिनियम) अधिनियम 2016 में बी.सी. ए श्रेणी में भी सूचीबद्ध किया गया था, इसलिए इन 7 जातियों को हरियाणा पिछड़ा वर्ग (सेवाओं और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश में आरक्षण अधिनियम) अधिनियम 2016 की बी.सी. ए श्रेणी की सूची से हटाया जा रहा है। साथ ही जंगम-जोगी जाति (बी.सी. ए सूची में क्रम संख्या 31 पर सूचीबद्ध) को भी उक्त अधिनियम से हटाया जा रहा है क्योंकि जोगी और जंगम अलग-अलग जातियां हैं। जोगी जाति क्रम संख्या 31 पर यथावत रहेगी जबकि जंगम जाति क्रमांक 72 पर नई प्रविष्टि के माध्यम से जोड़ी जाएगी।