एस्टेट ऑफिस चंडीगढ़ पुनर्वास योजना के तहत आवंटित मकानों का करेगा सर्वे
punjabkesari.in Sunday, Aug 13, 2023 - 07:24 PM (IST)

चंडीगढ़,(राजिंद्र शर्मा)।चंडीगढ़ पुनर्वास योजना-1979 के तहत जिन-जिन इलाकों में लोगों को मकान दिए गए हैं। अब 16 अगस्त से उनमें रहने वाले लोगों की जानकारी जुटाने के लिए एस्टेट ऑफिस सर्वे करने जा रहा है। मकानों में रहने वाले लोगों को आवंटन पत्र से लेकर कई दस्तावेज दिखाने होंगे। एस्टेट ऑफिस की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार नौ हफ्तों में यह सर्वे पूरा होगा, जिसकी शुरूआत 16 अगस्त को सेक्टर-25 से होगी। सर्वे के लिए विभाग ने दो-दो कर्मचारियों की 15 टीमें बनाई हैं। जो हर हफ्ते अलग-अलग इलाकों में जाकर सर्वे करेंगे। इस सर्वे का उद्देश्य पुनर्वास कॉलोनियों में संपत्ति के स्वामित्व रिकॉर्ड में सटीकता और पारदर्शिता सुनिश्चित करना है।
एस्टेट ऑफिस के अनुसार अनुमान है कि इस पहल से इन कॉलोनियों के संपत्ति रिकॉर्ड को सुव्यवस्थित करने में मदद मिलेगी। सेक्टर-25 में तीन हफ्ते तक सर्वे होगा। इसके बाद चौथे हफ्ते से सेक्टर-26 (फेज-दो, तीन), 29, खुड्डा लाहौरा, रामदरबार, 37, मौलीजागरां, 32, डड्डूमाजरा और 38ए में नौ हफ्ते तक सर्वे का कार्य जारी रहेगा। बता दें कि पिछले साल चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड ने भी शहर के सभी स्मॉल फ्लैट्स में सर्वे कराया था। इस दौरान कई मकान ऐसे मिले थे, जो आवंटित किसी और को किए गए थे लेकिन अब उनमें कोई और रह रहा है। इसके बाद बोर्ड ने इनमें से कई लोगों को नोटिस भी भेजा था।
कई बार बिक चुके हैं मकान
एस्टेट ऑफिस की तरफ से चंडीगढ़ पुनर्वास योजना-1979 के तहत यह मकान 30 से 32 साल पहले आवंटित किए गए थे। जिन इलाकों में सर्वे होना है, उन्हें इलाकों में कई मकान दो से तीन बार तक बिक चुके हैं। ऐसे में सर्वे की खबर से हजारों लोगों में हड़कंप मच गया है, क्योंकि एस्टेट ऑफिस की तरफ से कहा गया है कि लोगों को आवंटन पत्र भी दिखाना होगा। हालांकि विभाग की तरफ से कहा गया है कि वह सिर्फ अपना रिकार्ड दुरुस्त करना चाहते हैं, इसलिए ही यह सर्वे किया जा रहा है।
ये दस्तावेज मांग सकता विभाग
रहने वाले की पहचान और पते का प्रमाण, आवंटन के समय प्राप्त आवंटन पत्र, जीपीए/एसपीए/एटीएस/वसीयत की कॉपी, कोई अन्य दस्तावेज जो मूल आवंटी के साथ संबंध स्थापित करता हो, किरायेदारी स्थल पर स्थायी कब्जे को प्रदर्शित करने वाला कोई भी दस्तावेज, मकान के स्वामित्व का समर्थन करने वाले दस्तावेज, आधार नंबर, वोटर कार्ड, कब्जे के सत्यापन के लिए किराए की रसीदें आदि दस्तावेज मांगे जा सकते हैं।