डी.एस.पी. के भाई समेत तीनों आरोपी चार दिन के रिमांड पर

Friday, Mar 05, 2021 - 11:19 PM (IST)

चंडीगढ़ (सुशील राज): मालिक का अपहरण करने पर उसे आश्रम में छोडऩे के बाद करोड़ों रुपए की कोठी बेचने के मामले पुलिस ने तीन दिन का रिमांड खत्म होने के बाद प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता, पत्रकार संजीव महाजन और डी.एस.पी. के भाई सतपाल डागर को जिला अदालत में पेश किया।

 

अदालत में सैक्टर-31 थाना प्रभारी नरेंद्र पटियाल ने तीनों आरोपियों का सात दिन का पुलिस रिमांड मांगा। पुलिस ने अदालत से कहा कि मामले में पकड़े गए उक्त आरोपी पुलिस जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। वहीं मामले में पकड़े गए तीनों आरोपियों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करनी है। पुलिस ने कहा कि मामले में मुख्य आरोपी पूर्व पत्रकार है। मामले में आरोपियों को पकडऩे के लिए पूछताछ जरूरी है। पुलिस की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने तीनों को चार-चार दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया।


बाऊंसर सुरजीत ने मिलवाया था डी.एस.पी. के भाई से
पूछताछ में सामने आया कि डी.एस.पी. के भाई सतपाल डागर की पूर्व पत्रकार से मुलाकात बाऊंसर सुरजीत ने करवाई थी। सतपाल डागर का अरोमा लाइट प्वाइंट के पास प्रॉपर्टी विवाद चल रहा है। उस समय सुरजीत बाऊंसर ने ही सतपाल डागर की पत्रकार से मुलाकात करवाई थी। इसके बाद दोनों में दोस्ती हो गई और वो मिलकर विवादित कोठियां खरीदने लगे थे। पुलिस सुरजीत मर्डर केस में भी पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ कर सकती है। वहीं, मलोया थाना पुलिस भी रिमांड ले सकती है।


अफसरों के साथ मिलकर सैटिंग करवाता था महाजन
चंडीगढ़ पुलिस में पूर्व पत्रकार ने जाल बिछा रखा था। वह कई डी.एस.पी., इंस्पैक्टर और थाना प्रभारियों के साथ मिलकर कई अहम केसों की जांच बदल कर आरोपियों को क्लीनचिट या फिर मामले में सेटलमैंट करवाता था। इन कामों में उच्च पद के अधिकारी महाजन का साथ देकर मोटी रकम वसूल करते थे। साइबर सैल ने बिट क्वाइन मामले की जांच की थी लेकिन पूर्व पत्रकार ने उस समय मौजूद साइबर सैल में तैनात अफसरों के साथ मिलकर आरोपियों की सेटिंग करवाई थी।

पूर्व पत्रकार ने इंड स्विफ्ट कंपनी के मालिक नवरत्न मुंजाल की जांच अधिकारी से सेटिंग करवाई थी। इसकी एवज में पूर्व पत्रकार ने पत्नी को डायरैक्टर बनाकर हर महीने डेढ़ लाख रुपए लेने की डील की थी। इसके अलावा एस्टेट आफिस में फाइल जलाने के केस में भी पत्रकार की संदिग्ध भूमिका सामने आ रही है। पुलिस को शक है कि प्रॉपटी विवाद के चलते ही फाइल जलाने के केस को हाईलाइट किया गया था। 

AJIT DHANKHAR

Advertising