इंश्योरैंस पॉलिसी के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के चार सदस्य गिरफ्तार

Wednesday, May 25, 2022 - 10:13 PM (IST)

चंडीगढ़,(सुशील राज):बंद पड़ी इंश्योरैंस पॉलिसी शुरू करवा बुजुर्ग को बोनस दिलाने का लालच देकर ठगी करने वाले गिरोह के चार सदस्य को साइबर सैल ने उतरप्रदेश स्थित नोएडा के सैक्टर-63 से गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए आरोपियों की पहचान दिल्ली के भरमपुरी निवासी दीपक कुमार, उतरप्रदेश के बुलंदशहर निवासी जतिंदर कुमार, गाजियाबाद के प्रताप विहार निवासी रोहित कुमार और दिल्ली के सुदामा पुरी निवासी साकिब खान के रूप में हुई। पुलिस ने बुजुर्ग से साढ़े आठ की ठगी में इस्तेमाल मोबाइल फोन बरामद किया। साइबर सैल ने उक्त पकड़े गए सभी आरोपियों को जिला अदालत में पेश कर पुलिस रिमांड हासिल करेगी। 

 


शिकायतकत्र्ता दिनेश कपूर ने साइबर सैल को दी शिकायत में बताया कि जून, 2022 को उसके पास इंश्यारैंस पॉलिसी करवाने को लेकर फोन आया था। उन्होंने बताया कि इससे पहले उन्होंने श्रीराम लाइफ इंश्योरैंस, पी.एन.बी. मेटलाइफ इंश्योरैंस की बीमा पॉलिसी खरीदी, लेकिन उन्हें कोई बोनस नहीं मिला था। फोन करने वाले ने बंद पड़ी दोनों पॉलिसी को एक्टिव कर बोनस दिलाने की बात कही। अगले दिन उसके पास दोबारा फोन आया। फोन करने वाले ने कहा कि वह बीमा पॉलिसियों पर बोनस दिला सकता है, लेकिन इससे पहले पॉलिसी रिन्यू करवाने के लिए पैसे जमा करवाने होंगे। फोन करने वाले ने उसे अलग-अलग बैंकों के अकाऊंट नंबर दिए तो उसने बंद इंश्योरैंस पॉलिसी शुरू करवाकर बोनस लेने के चक्कर में साढ़े आठ लाख रुपए जमा करवा दिए। इसके बाद फोन करने वालों ने फोन उठाने बंद कर दिए। उसने मामले की शिकायत पुलिस को दी। साइबर सैल इंचार्ज हरीओम ने दिनेश कपूर की शिकायत पर सैक्टर-39 पुलिस स्टेशन में धोखाधड़ी का मामला दर्ज करवाकर गिरोह को पकडऩे के लिए स्पैशल टीम बनाई। पुलिस टीम ने ठगों का सुराग लगाया तो नोएडा के सैक्टर-63 में छिपे होने की जानकारी मिली। साइबर सैल की टीम ने नोएडा स्थित सैक्टर-63 में मंगलवार को छापा मारकर ठगी करने वाले गिरोह के चार सदस्य दीपक, जतिंद्र कुमार, रोहित और साकिब खान को दबोच लिया। 

 


बंद इश्योरैंस पॉलिसी का डाटा कर रखा था एकत्रित
बुजुर्ग लोगों को बंद पड़ी इंश्योरैंस शुरू करवाकर बोनस दिलाने का लालच देने वाले गिरोह ने सभी इंश्यारैंस कंपनी का डाटा हासिल कर रखा था। इसके बाद गिरोह के सदस्य बोनस और मैच्योरिटी राशि के लाभ के साथ गलत या नकली पॉलिसियों को सक्रिय करने के लिए लोगों को कॉल करते थे। बीमा पॉलिसी के सक्रिय होने के बाद वे एन.पी.सी.आई., आई.आर.डी.ए. के अधिकारी बन जाते और पॉलिसी धारक को बुलाते हैं और उसे फिर से अपनी पॉलिसी बोनस जारी कर उन्हें धोखा देकर ठगी करते थे।

Ajay Chandigarh

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