पिता के देहांत के बाद डिप्रेशन में था, ट्यूटर ने मोटीवेट किया

Wednesday, May 08, 2019 - 10:24 AM (IST)

चंडीगढ़(वैभव) : सी.बी.एस.ई. के 10वीं और 12वीं क्लास के बोर्ड एग्जाम के रिजल्ट के बाद मंगलवार को इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ सैकेंडरी एजुकेशन (आई.सी.एस.ई) के रिजल्ट की भी घोषणा की गई। बोर्ड के 10वीं और 12वीं क्लास का एक साथ रिजल्ट निकाला गया। टैंडर हार्ट स्कूल सैक्टर-33 में पढऩे वाले 10वीं क्लास के रोहित वर्मा ने इकोनॉमिकल वीकर सैक्शन कोटे में 88.8 प्रतिशत अंक हासिल किए। 

अगर एक शिष्य को अच्छा गुरू मिल जाए तो वह कामयाबी की हर सीढिय़ों को आसानी से चढ़ जाता है। ऐसा कुछ रोहित के साथ हुआ, जिन्हें शायना शर्मा के रूप में ऐसी ट्यूशन टीचर मिली, जिसने स्टूडैंट्स को सफल करने के लिए कड़ी मेहनत की। शायना, रोहित की ट्यूटर है। उसका रोहित की कामयाबी में बहुत बड़ा हाथ है। 

रोहित को पढ़ाने की पूरी जिम्मेवारी शायना की थी और उन्होंने अपनी जिम्मेवारी को बखूबी समझते हुए रोहित की पढ़ाई में कोई भी कमी नहीं होने दी। इसका नतीजा आज सबके सामने है। रोहित ने बताया कि किस तरह से उन्होंने कामयाबी हासिल की। स्कूल प्रिंसिपल ने बताया कि उसमें चीजों को समझने की शक्ति गजब की है। शायना ने बताया कि पिता के देहांत के बाद वह डिप्रेशन में था। इसके बाद उसे बहुत मोटीवेट किया।

2018 में हुई थी पिता की मौत :
रोहित के पिता हीरा लाल का देहांत 2018 में हुआ था। मां ममता और स्कूल प्रशासन ने रोहित की पढ़ाई में बहुत मदद की। रोहित के पिता मोटर मैकेनिक का काम करते थे। रोहित की मां ममता ने बताया कि पिता की मृत्यु के बाद रोहित की पढ़ाई में बाधा नहीं आने दी। रोहित स्वंय इतना समझदार है कि उसने कभी भी पढ़ाई के मामले में समझौता नहीं किया। 

सिलाई का काम करती है मां :
रोहित की मां सिलाई का कार्य करती है। इस स्टूडेंट ने अपनी मेहनत के दम पर आज यह मुकाम हासिल किया है। रोहित ने बताया कि अपने मां को हर खुशियां देना चाहता है। जिसके लिए उसे कड़ी से कड़ी मेंहनत भी करनी पड़ी वह पीछे नहीं हटेगा। मां ने उन्हें पढ़ाई के लिए बहुत मोटीवेट किया। पिता की मृत्यु के बाद भी उनकी मां ने मां और बाप दोनों का फर्ज निभाया।

नोट्स और यू-ट्यूब से देखकर की पढ़ाई :
रोहित ने बताया कि सोशल मीडिया से दूर रहे तो अच्छे नंबर आते हैं। मैंने नोट्स के अलावा ऑनलाइन और यू-ट्यूब से वीडियो देख कर भी पढ़ाई की है। सोशल मीडिया से मुझे पढ़ाई करने में बहुत मदद मिली। उनकी ट्यूशन टीचर शायना ने उनकी बहुत मदद की। स्कूल में सभी टीचर्स ने उनको बहुत सपोर्ट किया। 

शायना उन्हें नोट्स बना कर देती थी, जिससे प्रश्न हल करने में बहुत मिली। रोहित ने आज अपनी पिता और माता की मेहनत का फल उन्हें दिया है। रोहित ने कहा कि उन्हें अपने पिता की बहुत कमी खल रही है। अगर वह होते तो उनकी यह खुशी दोगुणी से ज्यादा होती। रोहित के पिता उन्हें एक आई.पी.एस. अधिकरी बनाना चाहते थे, लेकिन रोहित एयरोनॉॅटिकल इंजीनियरिंग बनना चाहते हैं।
 

bhavita joshi

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