5 साल बाद सुखना का वाटर लेवल 1161.90 फीट, खतरे के निशान से अब कुछ ही दूर

punjabkesari.in Sunday, Sep 24, 2017 - 10:51 PM (IST)

चंडीगढ़ (विजय) : सुखना लेक के कैचमैंट एरिया में एक और बारिश हुई तो रेगुलैट्री एंड के गेट खोलने की नौबत आ सकती है। रविवार को सुखना लेक का वाटर लेवल 1161.90 फीट रहा। जो कि खतरे के निशान से अब कुछ ही दूर है। अगर लेक का वाटर लेवल 1163 फीट तक पहुंच गया तो 9 साल बाद रेगुलैट्री एंड के गेट खोलने पड़ सकते हैं।

 रविवार को 2012 के बाद पहली बार रेगुलैट्री एंड का वाटर लेवल काफी अधिक बढ़ गया। पिछले 24 घंटे के दौरान सुखना लेक एरिया में कुल 48.65 एम.एम. बारिश दर्ज की गई है। वहीं, नेपली फॉरेस्ट में 32 एम.एम. बारिश बताई जा रही है। अधिकारियों की मानें तो अगर इतनी ही बारिश और हुई तो लेक का वाटर लेवल अपनी अधिकतम सीमा तक पहुंच जाएगा।

 1163 फीट से अधिक पानी का लेवल सुखना लेक में कभी भी दर्ज नहीं किया गया। रविवार को भी यू.टी. के इंजीनियरिंग और फॉरेस्ट एंड वाइल्ड लाइफ डिपार्टमैंट की नजर सुखना लेक के वाटर लेवल पर ही थी। 2012 में सुखना लेक का वाटर लेवल 1162.9 फीट तक पहुंच गया था। 2015 में लेक का वाटर लेवल 1161.05 फीट दर्ज किया गया था।

फिर भी लगेगा सीवरेज प्लांट

मानसून मेहरबान होते ही सुखना लेक अब पूरी तरह भर चुकी है। इससे अगले साल सुखना लेक के सूखने की कोई गुंजाइश नहीं बची है लेकिन बावजूद इसके चंडीगढ़ प्रशासन लेक के पास ही सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट लगाने की पूरी तैयारी में है। सूत्रों के अनुसार प्रशासन नहीं चाहता है कि भविष्य में सुखना लेक में पानी की कोई कमी रहे। यही वजह है कि कैंबवाला से निकलने वाले सीवरेज के पानी को ट्रीट करने के लिए किशनगढ़ के पास ही ट्रीटमैंट प्लांट लगाने का प्रोपोजल तैयार किया जा रहा है।


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