चंडीगढ़ की एयरपोर्ट के साथ बेहतर कनैक्टिविटी के लिए प्रोसैस शुरू

Thursday, Jan 20, 2022 - 12:24 PM (IST)

चंडीगढ़, (राजिंद्र शर्मा): इंटरनैशनल एयरपोर्ट से चंडीगढ़ के बीच की दूरी को कम करने के लिए यू.टी. प्रशासन ने प्रोसैस शुरू कर दिया है, जिसके लिए पूर्व मार्ग सैक्टर-48 के पास से जगतपुरा एरिया से नई रोड पर काम किया जा रहा है। इस काम के लिए इंजीनियरिंग डिपार्टमैंट कंसल्टैंट हायर करने जा रहा है, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर ही रोड का निर्माण कार्य शुरू होगा। प्रशासन ने रिक्वेस्ट फॉर प्रोपोपल जारी करके योग्य एजैंसियों से आवेदन मांगे हैं। बता दें कि पिछले माह सलाहकार ने रोड पर जल्द काम शुरू करने के लिए अधिकारियों को रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए थे। इस संबंध में प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि एयरपोर्ट के साथ बेहतर कनैक्टिविटी के लिए ही वह इस रोड पर काम कर रहे हैं, जिसके लिए योग्य एजैंसियों से आवेदन मांगे गए हैं। उन्होंने बताया कि 25 जनवरी तक इच्छुक एजैंसियां आवेदन कर सकती हैं और इसी दिन बिड ओपन की जाएगी। एजैंसी को 15 दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट सबमिट करनी होगी।

 


चंडीगढ़ एयरपोर्ट के लिए पहले कम दूरी होती थी, लेकिन अब इंटरनैशनल एयरपोर्ट की एंट्री दूसरी तरफ  हो गई है, जिसके चलते एयरपोर्ट पहुंचने के लिए 30 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। इंटरनैशनल एयरपोर्ट के प्रोजैक्ट पर चंडीगढ़ की तरफ  से भी खर्च किया गया है। इसी के चलते  गृह मामलों पर संसद की स्थाई समिति ने भी सिफारिश की थी कि एयरपोर्ट के बीच इस दूरी को कम करने के लिए काम किया जाना चाहिए। इस काम के लिए च ंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा को साथ मिलकर काम करने के निर्देश दिए गए थे।

 


मास्टर प्लान में सुझाए गए थे तीन विकल्प
चंडीगढ़ मास्ट प्लान में भी इसके लिए तीन विकल्प सुझाए गए थे और विभिन्न मीटिंगों में इस पर चर्चा भी की गई। प्रशासन की तरफ से डी.एम.आर.सी. को कंसल्टैंट भी नियुक्त किया गया था। जिसके बाद भी कई विकल्पों पर विचार-विमर्श किया गया। इस सब के उपरांत ही मास्टर प्लान के तहत एक सुझाव दिया गया था कि इंटरनैशनल एयरपोर्ट की चंडीगढ़ से पूर्व मार्ग सैक्टर-48 के पास से जगतपुरा एरिया के जरिए बेहतर कनैक्टिविटी की जा सकती है। कहा गया कि एयरपोर्ट के लिए चंडीगढ़ से ये सबसे छोटा रूट होगा। इस पर फैसला हुआ था कि साइट पर फिजिबिलिटी के अलावा चीफ इंजीनियर यू.टी. पंजाब सरकार से कोआर्डिनेशन के साथ आगे की कार्यवाही के लिए काम करेंगे।

 


11 किलोमीटर होगी नई रोड 
बता दें कि नई रोड करीब 11 किलोमीटर होगी जिसके लिए फाइनल एजैंसी को पहले तो टोपोग्राफ्किल सर्वे करवाना होगा। इसके अलावा साइट पर जाकर काम करना होगा, जिसके बाद रोड को लेकर मैप भी तैयार करने होंगे। साथ ही रास्ते में आने वाले ड्रेनेज लाइन को लेकर भी सर्वे करना होगा, जिसमें उनका लेवल व चौड़ाई आदि शामिल होगा। लैंड रैवेन्यू डिपार्टमैंट के साथ लैंड रैवेन्यू मैप में भी ये सब दिखाना होगा। इसके अलावा प्रस्तावित रूट के बीच में जो भी बाधाएं हैं, उसे भी प्लान में शामिल करना होगा। वर्किंग ड्राइंग्स व सिविक, पब्लिक हैल्थ, इलैक्ट्रिकल वर्क आदि को लेकर डिटेल एस्टिमेट्स भी तैयार करने होंगे। 

Ajay Chandigarh

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