अंधेरा होते ही सड़कों पर मौत बन दौड़ रही गाडिय़ां

Tuesday, Mar 13, 2018 - 12:57 PM (IST)

चंडीगढ़ (सुशील): अंधेरा होते ही सड़कों पर बेखौफ होकर गाड़ी दौड़ाने वालों पर चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस शिकंजा नहीं कस पा रही है। इसी के चलते ही कई लोग रात को तेज रफ्तारी के कारण सड़क हादसों में अपनी या दूसरों की जान लेने में लगे हुए हैं। तेज रफ्तारी के चलते ही मार्च में 10 दिन के भीतर नौ लोग सड़क हादसों में अपनी जान गंवा चुके हैं। 

 

ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की ड्यूटी समाप्त होते ही कार चालक गाडिय़ों से रेस लगाते हैं। रेस लगाने के चक्कर में कई वाहन चालक अपनी जान गंवा चुके हैं। सैक्टर 48/49 की विभाजित सड़क पर रेस लगा रही रेंज रोवर गाड़ी ने हाल ही में कोटकपूरा निवासी अमन की जान ले ली थी। 

 

क्रिकेट स्टेडियम चौक से पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की ओर जाने वाली सड़क और चंडीगढ़ -अंबाला हाईवे पर अक्सर अमीरजादे गाडिय़ों की रेस लगाते हैं। रात के समय अगर ट्रैफिक पुलिस ओवरस्पीड के नाके लगाए तो इन पर काबू किया जा सकता है। जनवरी में हुए सड़क हादसों मेें 6 और फरवरी में 4 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। 


सिर्फ दिन में लगते हैं ओवरस्पीड के नाके 
तेज रफ्तार वाहनों को पकडऩे के लिए ट्रैफिक पुलिस अलग-अलग जगह स्पेशल नाके लगाकर चालान काटती है लेकिन रात के समय 10 बजे के बाद ट्रैफिक पुलिसकर्मी लाइट प्वाइंट और चौराहे से गायब हो जाते हैं। 

 

ट्रैफिक पुलिस की माने से चार मार्च 2018 तक तेज रफ्तार में गाड़ी चलाने वाले 2263 वाहन चालकों के चालान काट जा चुके हैं। इसके अलावा पिछले साल 2017 में ट्रैफिक पुलिस ने ओवरस्पीड के 4583 चालान काटे थे। पुलिस की माने से सड़क हादसे रोकने के लिए 2017 में ट्रैफिक पुलिस ने लोगों का काफी जागरूक किया है। 


 

ड्यूटी खत्म करने के बाद ट्रैफिक लाइट्स कर देते हैं बंद
ट्रैफिक पुलिस कर्मियों की रात दस बजे ड्यूटी समाप्त हो जाती है। ज्यादात ट्रैफिक लाइट को पुलिसकर्मी बंद करके चले जाते हैं। ब्लिकंर ऑन र रहते हैं। लाइट बंद होने से ज्यादातर हादसे ट्रांसपोर्ट चौक पर होते हैं। 

 

चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस ने सड़क हादसे रोकने के लिए कुछ साल पहले शहर के मुख्य लाइट प्वाइंट्स पर रात एक बजे तक ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की थी। ट्रांसपेार्ट लाइट प्वाइंट, रेलवे लाइट प्वाइंट, अरोमा लाइट प्वाइंट, पिकाडली लाइट प्वाइंट और टिब्यून चौक पर रात एक बजे तक ट्रैफिक पुलिसकर्मी रहते थे।  

 

मार्च में इनकी गई सड़क हादसे मेें जान 
2 मार्च: सैक्टर-42 स्थित फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट के पास तेज रफ्तार कार की टक्कर से ऑटो सवार धनास निवासी रामकिशोर की मौत।
2 मार्च: आई.टी.बी.पी. बस स्टॉप के पास सड़क क्रास कर रहे नेपाल निवासी धनबहादुर की तेज रफ्तार कार की चपेट में आने से मौत। 
2 मार्च: सैक्टर-29 निवासी सूरज भारद्वाज की सैंट्रा मॉल लाइट प्वाइंट के पास हादसे में मौत। 
3 मार्च: ट्रांसपोर्ट एरिया में पिंजौर के रणधीर की ट्राला की चपेट मेें आने से मौत हो गई थी। 
4 मार्च: तेज रफ्तार कार ने डड्डूमाजरा डपिंग ग्राऊंड के पास बाइक सवार को टक्कर मार दी थी। इसमें इंदिरा कालोनी के सन्नी की मौत हो गई थी। 
5 मार्च: सैक्टर-20 में सड़क क्रास करते समय तेज रफ्तार वाहन की टक्कर से कारपेंटर की मौत। 
9 मार्च: रेस लगाते हुए रैंज रोवर गाड़ी ने सैक्टर 48/49 के लाइट प्वाइंट पर बाइक सवार अमन को टक्कर मार दी थी। अमन की मौत हो गई थी। 
10 मार्च: मुल्लांपुर बैरियर के पास सड़क क्रास कर रहे बेलदार सुरिंद्र कुमार की तेज रफ्तार कार की टक्कर से मौत। 
 रात के समय हुए सड़क हादसे 
- मोहाली से दोस्त की पार्टी में शामिल होकर मनीमाजरा जा रहे बुलेट सवार छात्र की सैक्टर 34/35 की विभाजित सड़क पर लोहे की ग्रिल से टकराने से मौत हो गई थी। 
- नयागांव जा रहे छात्र की चलती बाइक सैक्टर 14/15 की विभाजित सड़क पर लगे खंभे से जा टकराई और उसकी मौत हो गई थी। 

Advertising