विवाद के बाद अभ‍िनव अरोड़ा और स्वामी रामभद्राचार्य की सौहार्दपूर्ण मुलाकात — "तुम मेरे पोते हो", संत का स्नेहभरा संदेश

punjabkesari.in Tuesday, May 20, 2025 - 03:59 PM (IST)

चंडीगढ़। सोशल मीडिया और धार्मिक मंचों पर चल रही बहसों के बीच एक महत्वपूर्ण और भावुक क्षण सामने आया जब युवा आध्यात्मिक वक्ता अभ‍िनव अरोड़ा ने जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य जी से विकासपुरी में उनकी रामकथा के अंतिम दिन मुलाकात की। यह भेंट उस समय हुई है जब दोनों के बीच पहले के एक विवाद को लेकर लंबे समय से चर्चा बनी हुई थी।

स्वामी जी ने इस निजी मुलाकात के दौरान अभ‍िनव से स्नेहपूर्वक कहा, “तुम मेरे पोते हो।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि “संतों में कोई द्वेष नहीं होता,” एक ऐसा वक्तव्य जिसे धार्मिक सौहार्द और क्षमा की मिसाल के रूप में देखा जा रहा है।

अभ‍िनव ने विनम्रता के साथ उत्तर दिया, “आप मेरे बड़े हैं और मुझे डाँटना आपका अधिकार है। मेरे मन में आपके लिए सिर्फ़ गुरु भाव है।” यह संवाद एक गहरे सम्मान और गुरु-शिष्य संबंध की भावना को दर्शाता है।

बता दें कि अभ‍िनव अरोड़ा एक युवा आध्यात्मिक प्रवचनकर्ता हैं जो हाल के वर्षों में विशेष रूप से युवाओं के बीच लोकप्रिय हुए हैं। दो वर्ष पूर्व, जब अभ‍िनव ने स्वामी जी की कथा के दौरान "राम जी का जयकारा" कहा था, तब स्वामी रामभद्राचार्य ने मंच से सार्वजनिक रूप से उन्हें डाँटा था, यह कहते हुए कि “मेरी एक मर्यादा है।”

इस प्रकरण के काफी समय बाद, जब पिछले वर्ष अक्टूबर में यह मुद्दा एक बार फिर चर्चा में आया, तब अभ‍िनव ने ANI को दिए इंटरव्यू में स्पष्ट कहा था:
"वो मेरे गुरु हैं और उनका मुझे डाँटना पूर्ण अधिकार है। कौन बच्चा 8 वर्ष की उम्र में अपने गुरु से डाँट नही खाता? इस बात को देश का मुद्दा क्यों बनाया जा रहा है?"

हालाँकि विकासपुरी की इस भेंट से जुड़ी कोई तस्वीर या वीडियो सामने नहीं आई है, प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार स्वामी जी ने अपनी माला स्वयं अभ‍िनव के गले में पहनाई और उन्हें मिठाई का प्रसाद भेंट किया — जो इस पूरी स्थिति को एक आध्यात्मिक समाधान की ओर ले जाता है।

गौरतलब है कि अभ‍िनव अरोड़ा को हाल ही में जनकपुरी में रामकथा करते हुए भी देखा गया था, जिससे यह सिद्ध होता है कि वे धार्मिक संवाद और कथा मंचों पर निरंतर सक्रिय हैं।

इस मुलाकात ने यह स्पष्ट संकेत दिया है कि व्यक्तिगत मतभेदों को सार्वजनिक विवाद बनाने के बजाय आपसी संवाद और गुरु-शिष्य परंपरा की गरिमा को बनाए रखना अधिक महत्वपूर्ण है। 

गौरतलब है कि स्वामी जी को हाल ही में ज्ञानपीठ पुरुस्कार दिया गया  और अभिनव अरोड़ा हाल ही में टेलीविज़न के लोकप्रिय शो ‘लाफ्टर शेफ’ में नजर आए|


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Diksha Raghuwanshi

Related News