सदन की बैठक से पहले गरमाई सियासत,संबोधन सत्र व लंच से आप और कांग्रेसी पार्षदों ने किया किनारा

punjabkesari.in Thursday, Jan 20, 2022 - 01:07 PM (IST)

चंडीगढ़, (राय): निगम सदन की बैठक से ठीक पहले शहर की सियासत इस कदर गरमा गई है कि मेयर सरबजीत कौर की ओर से बुलाए गए सम्बोधन सत्र और लंच से आप और कांग्रेसी पार्षदों ने किनारा कर लिया। कम्युनिटी सैंटर-38 वैस्ट में पार्षदों और अधिकारियों के साथ बुलाए गए सत्र में विपक्षी दल से केवल अकाली दल से एकमात्र पार्षद हरदीप सिंह ही पहुंचे। आप और कांग्रेसी पार्षदों के मेयर के नहीं आने पर भाजपा को भी मौका मिल गया जिसे वह यह कहकर भुना रही है कि समारोह में नहीं आने वाले विपक्षी पार्षदों को शहर के विकास से कोई लेना-देना नहीं है। जिस तरह से आप और कांग्रेसी पार्षदों ने समारोह से किनारा किया उस लिहाज से 24 जनवरी को प्रस्तावित सदन बैठक में हंगामे के संकेत मिल रहे हैं। निगम चुनाव के बाद से सदन त्रिशंकु बन चुकी है। समारोह में भाजपा के 12 में से 11 पार्षद मौजूद रहे, जिनमें एक पार्षद के बारे में बताया गया कि सम्भावित संक्रमण का अंदेशा होने के चलते खुद को एकांतवास में किया हुआ है।

 

 

कुल पांच पार्षदों ने भरा नामांकन
वहीं, निगम में भाजपा की ओर से पार्षद महेश इंदर सिंह सिद्धू, सौरभ जोशी के अलावा आम आदमी पार्टी से तरुणा मेहता और जसबीर सिंह लॉडी ने वित्त एवं अनुबंध समिति के लिए नामांकन भरे। भाजपा और आप के 2-2 पार्षदों के नामांकन पत्र दाखिल किए जाने के अलावा कांग्रेस से एकमात्र पार्षद गुरबख्श रावत ने भी नामांकन भरा। पांच पार्षदों के नामंकन भरे जाने के बाद निगम सदन की बैठक में समिति के लिए सदस्य पार्षदों के नामों का ऐलान कर दिया जाएगा।

 


हमारा केस पेडिंग : आप संयोजक
वहीं, इस संबंधी सवाल के जवाब में आप संयोजक प्रेम गर्ग ने कहा कि यह पहले से तय था कि हमारे पार्षद मेयर के कार्यक्रम में नहीं जाएंगे। उनका तर्क था कि हमारा मेयर चुनाव को चुनौती देने वाला केस हाईकोर्ट में पेडिंग है, ऐसे में अब सार्वजनिक तौर पर क्यों मेयर मानें? मेयर की अध्यक्षता वाली वित्त एवं अनुबंध समिति के चुनाव की प्रक्रिया में पार्टी के पार्षदों को नामांकन कराए जाने के सवाल पर कहा कि सदन बैठक में जाना अनिवार्य है।

 

 

मेयर के कार्यक्रम से कांग्रेस ने भी बनाई दूरी
मेयर चुनाव की मतदान प्रक्रिया से दूर रहने वाली कांग्रेस ने मेयर के कार्यक्रम से भी खुद को दूर रखा। सदन में कांग्रेस के 7 पार्षद हैं। हालांकि वित्त एवं अनुबंध समिति की नामांकन प्रक्रिया में जरूर कांग्रेस के पार्षद ने हिस्सा लिया। खास बात यह थी कि मेयर का प्रोग्राम भी कांग्रेस की एरिया पार्षद गुरबख्श रावत के वार्ड में था। गुरबख्श रावत खुद वित्त समिति के लिए नामांकन भरने निगम पहुंची थी।

 


कार्यक्रम मानो भाजपा का, सभी दलों के साथ पहले बैठक नहीं बुलाई : कांग्रेस
वहीं, कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश शर्मा ने कहा कि शहर के विकास की दिशा में मेयर की ओर से सभी दलों के पदाधिकारियों के साथ बैठक नहीं बुलाई गई। जन हित में कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बनाया जाना चाहिए था। समारोह को निगम और मेयर हाउस में बुलाया जा सकता था, कम्युनिटी सैंटर में प्रोग्राम मानो भाजपा का प्रोग्राम लग रहा था। अगर ऐसे ही रहा तो आगे भी पार्टी इस तरह का बहिष्कार करेगी।


जोड़-तोड़ की राजनीति का भय अभी तक
निगम चुनाव से लेकर शपथ ग्रहण समारोह और फिर मेयर चुनाव के दौरान तक जोड़-तोड़ की राजनीति का भय सभी राजनीतिक दलों में बना हुआ था। अभी तक भी यह स्थिति कायम है। यही वजह है कि आप-कांग्रेस ने मेयर के सर्वाजनिक समारोह से दूरी बनाए रखी।


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News Editor

Ajay Chandigarh

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