बंदर बना मौत की वजह तो कोर्ट ने निगम को सुनाया ये सख्त फरमान

Sunday, Jun 04, 2017 - 04:48 PM (IST)

चंडीगढ़ : शहर में आवारा कुत्तों का आतंक खत्म नहीं हो रहा तो वहीं अब बंदरों ने भी नाक में दम कर दिया है। शहर में बंदरों के कारण मारे गए युवक के मामले में नगर निगम को हाईकोर्ट की डबल बेंच से भी राहत नहीं मिली है। निगम को पीड़ित परिवार को दो लाख रुपये का मुआवजा देना होगा।

शनिवार को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की डबल बेंच ने इस मामले में सिंगल बेंच के आदेश को बरकरार रखते हुए यह आदेश सुनाया। बंदरों के उत्पात के चलते वर्ष 2015 में एक युवक की मृत्यु हो गई थी। हाईकोर्ट की सिंग बेंच ने उसके परिजनों को तत्काल दो लाख रुपये मुआवजा जारी करने के निगम को आदेश दिए थे। इसके खिलाफ निगम ने डबल बेंच में अपील की थी, जो खारिज हो गई है। जस्टिस महेश ग्रोवर एवं जस्टिस शेखर धवन की बेंच ने कहा है कि सिंगल बेंच के आदेशों में वे दखल नहीं देना चाहते। 

बंदरों ने युवक के सिर पर मारी थी स्लैब : 
भूपिंदर कौर एवं अन्य ने हाईकोर्ट में दायर याचिका में बताया था कि उनका पुत्र अमरजीत सिंह जोकि सेक्टर-22 के शोरूम में काम करता था। एक दिन शाम को घर आने के लिए शोरूम के बाहर खड़ा था। तभी शोरूम की छत पर बैठे बंदरों ने छत से एक बड़ी पत्थर की स्लैब नीचे फेंक दी जो इस युवक के सिर पर लगी। गंभीर रूप से जख्मी हुए युवक को पीजीआइ ले जाया गया जहां चार दिनों बाद उसकी मृत्यु हो गई थी। उनके पुत्र के इलाज में उनका एक लाख रुपये खर्च आया है, जिसके लिए निगम ही जिम्मेदार है। 25 लाख रुपये के मुआवजे की हाई कोर्ट से मांग की थी।

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