मरीज परेशान, कैसे जाएं पंचकूला और पीजीआई नहीं कोई समाधान

Thursday, Jul 28, 2016 - 01:56 PM (IST)

रायपुररानी, (रामेन्द्र): प्रदेश सरकार जहां  मुख्यमंत्री की गाड़ी 3 लाख किलोमीटर चलने पर ही बदल कर डेढ़ करोड़ की गाड़ी का प्रबंध करा रही है, वहीं दूसरी ओर हरियाणा के सरकारी अस्पतालों की एम्बुलैंस चार से पांच लाख कि.मी. चलने पर भी नहीं बदली जा रही है। ‘पंजाब केसरी’ की टीम ने बुधवार को रायपुर रानी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की एम्बुलैंस के बारे में जांच की तो केन्द्र में मौजूद एम्बुलैंस 4,17,000  कि.मी. चल चुकी है।
 
2009 में खरीदी थी एम्बुलैंस, अब हालत खस्ता
 रायपुर रानी समुदायिक केंद्र आसपास के 75 गांवों का एकमात्र प्राथमिक उपचार केंद्र है।  केंद्र में इस्तेमाल की जा रही एम्बुलैंस 2009 में खरीदी गई थी जिसकी मौजूदा हालत बिल्कुल खराब है। एम्बुलैंस की हालत खस्ता होने के कारण कुछ समय पहले कोट-बिल्ला में नदी पुल के पास इसी एम्बुलैंस के ब्रेक फेल हो गए थे। उस समय ड्राइवर की सुझबुझ से ड्राइवर सहित 5 मरीजों की जान बच  गई थी। 
 
एक एम्बुलैंस से चलाया जा रहा है काम
जानकारी के अनुसार जब रायपुर रानी में सी.एच.सी. केंद्र बना था उस समय समुदायिक केंद्र में दो एम्बुलैंस थीं, लेकिन एक एम्बुलैंस खराब होने के बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक ही एम्बुलैंस से काम चलाया जा रहा है।
 
केन्द्र में स्टाफ की भी कमी
रायपुररानी समुदायिक केंद्र में एम्बुलैंस के साथ साथ स्टाफ की भी भारी कमी है। कई बार तो अस्पताल के अंदर मरहम-पट्टी का कार्य चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को करना पड़ता है। और तो और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की ओर से मरीजों की मरहम-पट्टी करने में बरती कोताही की शिकायतें भी कई बार  उच्चाधिकारियों तक हो चुकी हैं।
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