सुखना लेक के विदेशी मेहमानों से नहीं खतरा, 50 बर्ड के सैंपल में नहीं मिला फ्लू

punjabkesari.in Friday, Nov 17, 2017 - 02:03 AM (IST)

चंडीगढ़, (विजय गौड़): सुखना लेक में आए विदेशी ‘मेहमानों’ से फिलहाल कोई खतरा नहीं है। 10 नवम्बर को एनिमल, हजबैंड्री एंड फिशरीज डिपार्टमैंट की तरफ से भेजे गए 50 माईग्रेटरी बर्ड के सैंपल से बर्ड फ्लू के कोई संकेत नहीं मिले हैं। डिपार्टमैंट ने ये सैंपल रीजनल डिजीज डायग्नोस्टिक लैब्रोटरी, जालंधर भेजे थे, लेकिन वहां से बर्ड फ्लू से संबंधित कोई अलर्ट जारी नहीं किया है। इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने भी राहत की सांस ली है।

 हालांकि यह शुरूआती जानकारी ही है। अभी फाइनल रिपोर्ट भोपाल की लैब्रोटरी से भी आनी है, जिसके बाद ही पूरी तरह से स्थिति साफ हो पाएगी। अभी तक की रिपोर्ट में यह ही खुलासा हुआ है कि शुरूआती रिपोर्ट बेशक नैगेटिव आई हो लेकिन बावजूद इसके प्रशासन के सभी विभागों ने अपनी ओर से सर्विलांस का काम और तेज कर दिया है।

खासकर उन एरिया को ज्यादा अहमियत दी जा रही है जो सुखना लेक के आसपास आते हैं। डिपार्टमैंट के ज्वाइंट डायरैक्टर डॉ. कंवरजीत सिंह का कहना है कि जालंधर से कोई कम्युनिकेशन न आने की वजह से हम रिपोर्ट को नैगेटिव लेकर चल रहे हैं।

माइग्रेटरी बडर्स को न किया जाए फीड

प्रशासन द्वारा सुखना लेक पर जल्द ही जागरूकता अभियान भी शुरू किया जाएगा, जिसके तहत लोगों को बताया जाएगा कि लेक के किसी भी हिस्से से माइग्रेटरी बर्ड्स को फीड न किया जाए। हालांकि इसके लिए बकायदा बोर्ड भी लगाए गए हैं। अब प्रशासन लोगों तक यह बात पहुंचाने की प्लानिंग कर रहा है कि फीड करने के क्या-क्या नुक्सान हो सकते हैं।

पानी के सैंपल में भी नहीं कोई खतरा

यू.टी. के एनिमल एंड हजबेंड्री डिपार्टमैंट द्वारा भी इसी महीने सुखना लेक के पानी के सैंपल लैब्रोटरी में भेजे गए थे। इसके बारे में भी कोई अलर्ट नहीं आया है। डिपार्टमैंट ने अहतियात के तौर पर अब हर 15 दिन बाद सैंपल लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

अधिकारियों का कहना है कि कुछ दिनों में बार हेडिड गीज काफी संख्या में सुखना लेक में आना शुरू हो जाएंगे। जो कि एवियन इंफ्लूएंजा की कैरियर होती है। इसलिए इनके लेक में आते ही सैंपलिंग का काम तेज कर दिया जाएगा।


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