चंडीगढ़ में पांच सितारा होटल बने घाटे का सौदा

punjabkesari.in Monday, Aug 22, 2016 - 11:13 AM (IST)

चंडीगढ़, (राय): अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को देखते हुए चंडीगढ़ में खोले गए बड़े-बड़े होटलों को अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों में हो रही देरी के चलते घाटा सहना पड़ा रहा है। शहर के पर्यटन एवं औद्योगिक विकास निगम का सैक्टर-10 में स्थित माऊंटव्यू शहर का पहला पांच सितारा होटल है व वह पिछले लंबे समय से घाटे से नहीं उभर पा रहा है। सैक्टर-17   में स्थित ताज होटल भी क्रिकेट टीमों व फिल्म सितारों के अतिरिक्त टूरिस्टों का आकर्षित नहीं कर पाता। बताया जाता है कि औद्योगिक क्षेत्र में हाल ही में चालू हुआ होटल हयात रिजेसी भी अभी तक कस्टमर खींच नहीं पाया है। पर्यटन उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि यह सभी होटल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को देखते हुए खोले गए थे पर अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों में हो रही देरी के चलते चंडीगढ़ में खोले गए बड़े-बड़े होटलों को घाटा सहना पड़ा।
 सूत्रों का कहना है कि वह लोग भी हवाई अड्डे के पूरी तरह चालू होने के बाद होटलों की स्थित को देख कर ही अपना यूनिट चालू करने वाले हैं। सैक्टर-17 के पार्क प्लाजा होटल ने तो पी.एन.बी. सहित पांच विभिन्न बैंकों से ऋण लिया लिया था व वर्ष 2014 से किश्तों का भुगतान बंद कर दिया था। वैसे भी उक्त साइट की अलॉटमैंट के बाद से यहां होटल के निर्माण में 27 वर्ष लग गए। अभी भी होटल प्रबंधकों ने पी.एन.बी. का 115 करोड़ रुपए का ऋण चुकाना है व वर्ष 2014 से उन्होंने एक भी किस्त अदा नहीं की है।
चंडीगढ़ प्रशासन अपने पांच सितारा होटल माऊंटव्यू को घाटे से उभारने के लिए अनेक योजनाए बना रहा है। सिटको की अपनी रिपोर्ट के अनुसार माऊंटव्यू को लगभग 80 लाख रुपए का घाटा है। इस संबंध में सिटको वर्कर्ज यूनियन के अध्यक्ष कश्मीर चंद का कहना था कि जब सरकारी समारोह ही प्रशासन सिटको के होटलों की बजाय निजी पांच सितारा होटलों में आयोजित करेगा तो होटलों को घाटे से उभारने की योजनाएं कैसे कारगर होंगी। उनका कहना था कि आज तक सिटको कर्मचारियों की मेहनत से ही होटल इस स्तर तक पहुंचे हैं पर पिछले कुछ वर्षों से कर्मचारी विरोधी नीतियों के चलते कर्मचारी परेशान हैं। इससे भी होटल की परफॉर्मेंस पर फर्क पड़ता है।

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