सभी रूट पर चल सकें बसें, सी.टी.यू. ने सेप्ट यूनिवर्सिटी से मांगा प्लान

punjabkesari.in Sunday, Oct 17, 2021 - 06:04 PM (IST)

चंडीगढ़ (राजिंद्र शर्मा): चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग (सी.टी.यू.) लोगों की सुविधा के लिए शहर के अधिकतर रूट पर बसें चलाने के लिए प्रयास कर रहा है। जिसके लिए विभाग ने सैंटर ऑफ  इन्वायरमैंट प्लानिंग एंड टैक्नोलॉजी (सेप्ट) यूनिवर्सिटी से शॉर्ट टर्म प्लान मांगा है, जिसे शहर में 40 इलैक्ट्रिक बसें मिलने के बाद लागू किया जाएगा। ट्रांसपोर्ट सिस्टम में सुधार के लिए प्रशासन ने सेप्ट यूनिवर्सिटी से सर्वे भी करवाया था, जिसमें सामने आया था कि शहर में सिर्फ कुछ रूट पर ही अधिक फोकस होने के चलते बसों की ओवर सप्लाई हो रही है, जिस कारण बसों में नियमित रूप से सफर नहीं करने वाले यात्रियों में कंफ्यूजन होती है। इस समस्या का हल करने के लिए ही विभाग शॉर्ट टर्म प्लान लागू करने की तैयारी कर रहा है। 

 


इस संबंध में प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि उन्होंने सेप्ट यूनिवर्सिटी से शार्ट टर्म प्लान मांगा है, ताकि शहर के जिन रूट पर बसें नहीं चल रही है, वहां पर भी बस सेवा शुरू की जा सकें। 40 इलैक्ट्रिक बसें मिलने के बाद ही इस प्लान को लागू किया जाएगा। बता दें कि अभी शहर में केवल एक ही इलैक्ट्रिक बस ही आई है, जो पिछले दो महीने से ट्रायल पर चल रही है। बीते 11 अगस्त को तत्कालीन प्रशासक वी.पी. सिंह बदनौर ने पहली इलैक्ट्रिक बस को हरी झंडी दिखाई थी। दो महीने के ट्रायल के बाद परिवहन विभाग के अधिकारी इस बस से संतुष्ट हैं। 19 ई-बसें 15 नवम्बर तक ही शहर पहुंच जाएंगी। पहले 30 सितम्बर और फिर 10 अक्तूबर तक इन बसों के आने की उम्मीद थी, जिसमें अब समय लग रहा है। सभी 40 बसों के दिसम्बर के आखिर तक पहुंचने की उम्मीद है। 


36 लोगों के बैठने की जगह, एक दिन में 200 से 300 कि.मी. तक चलेगी बस 
40 इलैक्ट्रिक बसों के लिए सी.टी.यू. का अशोक लेलैंड कंपनी के साथ करार हुआ है। बस में 36 लोगों के बैठने की जगह है और अधिकतम एक समय में 54 लोग सफर कर सकेंगे। बस दो से तीन घंटे में फुल चार्ज हो जाएगी और एक बार चार्ज होने के बाद बस करीब 140 किलोमीटर चलेगी। एक दिन में बस 200 से 300 कि.मी. तक चलेगी। इसमें फास्ट चार्जिंग बैटरी है। सैक्टर-25 के डिपो नंबर-3 में चार्जिंग स्टेशन बनाया गया है। इस बस में आग का पता लगाने और अलार्म सिस्टम (एफ.डी.एस.एस.) भी लगाया गया है।


सेप्ट की रिपोर्ट में ये भी आया था सामने 
सेप्ट की रिपोर्ट में सामने आया था कि शहर में सर्विस का लोड फैक्टर (बसों में कितनी सीटें भरी) 22 प्रतिशत है, जो काफी कम है, जबकि अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार 65 से 75 प्रतिशत होनी चाहिए। इसे भी बढ़ाने की जरूरत है। परिवहन विभाग के इंटेलीजैंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम (आई.टी.एस.) का भी जिक्र किया गया है। कहा गया है कि इससे लोगों को सहूलियत हो रही है, लेकिन बसों की संख्या बढ़ेगी तभी लोग इसका लाभ ले पाएंगे। इसके अलावा सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करने के लिए लोगों को प्रेरित करना होगा। सिस्टम के विश्वसनीयता में कम विश्वास होने के चलते भी ऐसा हो रहा है, क्योंकि साल भर चले सर्वे के बाद रिपोर्ट के अनुसार पूर्व सूचना के बिना एवरेज 8 प्रतिशत ट्रिप कैंसिल हो जाते हैं। साथ ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट प्रमुख रूप से आई.एस.बी.टी.-43, आई.एस.बी.टी.-17 और पी.जी.आई. पर केंद्रित है। रूट और कनैक्टिविटी के हिसाब से शहर के 45 प्रतिशत एरिया को ही कवर किया जाता है। रिपोर्ट के अनुसार सिर्फ 11 प्रतिशत जनसंख्या ही चंडीगढ़ में रैगुलर बसों का इस्तेमाल कर रही है, जबकि सी.टी.यू. की एवरेज 80 प्रतिशत बसें खाली चल रही हैं। 


कम दूरी के लिए कम किराया करने का प्रस्ताव 
रिपोर्ट के अनुसार शहर में सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल कम लोग कर रहे हैं, जिसके चलते ही अधिकतर बसें खाली चलती हैं। अगर कुल सार्वजनिक परिवहन की बात करें तो लोग ऑटो-टैक्सी व अन्य को अधिक प्राथमिकता दे रहे हैं। रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि कम दूरी दो किलोमीटर तक के लिए बसों में किराया पांच रुपए कर देना चाहिए, इससे ज्यादा लोग बसों में सफर करना शुरू कर देंगे। वहीं दो से चार किलोमीटर के लिए 10 रुपए और चार से छह किलोमीटर के लिए 15 रुपए किराया होना चाहिए। 


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News Editor

Vikash thakur

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