लोकतंत्र खत्म करने के लिए 40 जत्थेबंदियों ने किया प्रदर्शन, UT पुलिस ने रोका

Friday, Sep 14, 2018 - 10:21 AM (IST)

मोहाली (नियामियां): लोकतांत्रिक बुद्धिजीवियां एडवोकेट सुधा भारद्वाज, गौतम नवलक्खा, प्रो. वरावरा राव, अरुण फरेरा और वरनोन गोंजालवेज की बिना शर्त रिहाई के लिए आज मोहाली में 40 अलग-अलग जत्थेबंदियों ने रोष प्रदर्शन किया। पंजाब के कोने-कोने से आए लोगों ने केंद्र की सरकार की तानाशाही विरुद्ध जोरदार नारेबाजी की। 

 

फेज-8 में इकठ्ठा हुए अलग-अलग जत्थेबंदियों ने जब चंडीगढ़ की ओर कूच किया तो चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर पर यू.टी. पुलिस ने रोक लिया। पुलिस की तरफ से वहां बाकायदा एक बैनर लगाया गया था, जिस पर यह चेतावनी भी लिखी गई थी कि यहां धारा-144 लगी हुई। इसलिए पांच से अधिक व्यक्ति इकठ्ठा नहीं हो सकते। 

 

इस विशाल रैली में बी.के.यू. एकता (डकौंदा), बी.के.यू. एकता (उगाराहां), श्रम किसान यूनियन, लोकतांत्रिक किसान सभा पंजाब, बी.के.यू. क्रांतिकारी पंजाब, क्रांतिकारी किसान यूनियन पंजाब, पंजाब खेत मजदूर यूनियन, टी.एस.यू. सीटू, पी.एस.यू. और अन्य जत्थेबंदियों ने हिस्सा लिया और गिरफ्तार बुद्धिजीवियों की बिना शर्त रिहाई की मांग की। 

 

हरजिंदर सिंह, हरजिंदर सिंह टांडा, लक्ष्मण सिंह सेवेवाला, हरजीत सिंह जौहल, प्रमोद कुमार, सुरिंदर कौर, राजिंदर सिंह, हरजीत सिंह, जोगिंद्र सिंह आदि ने भी संबोधन किया। प्रवक्तों ने मांग की कि गिरफ्तार किए बुद्धिजीवियों के विरुद्ध दर्ज किए एफ.आई.आर. रद्द करके उनको तुरंत रिहा किया जाए।  इस मौके पंजाब के राज्यपाल के ए.डी.सी. ने आकर धरनाकारियों से मांग पत्र हासिल किया। 

 

मोहाली में पहुंचे धरनाकारियों की संख्या इतनी ज्यादा थी कि ट्रैफिक व्यवस्था पूरी चरमारा गई। मोहाली की ओर जाते सभी ही रास्तों पर जबरदस्त जाम लग गए जिस करके आम जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। लोगों ने सरकार से मांग की है कि चंडीगड़ की तरह मोहाली में भी किसी एक इलाको में धरने और रैलियंा करने की जगा निश्चित की जाए, जिससे मोहाली के आम निवासियों पर इसका प्रभाव न हो।

pooja verma

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