लाखों का लोन पास करवाने के नाम पर रिश्वत लेने वाले चार्टर्ड अकाऊंटैंट को 3 साल कैद

Friday, Sep 30, 2016 - 11:16 AM (IST)

चंडीगढ़ (बृजेन्द्र): सी.बी.आई. की स्पैशल कोर्ट ने 1.50 लाख रुपए रिश्वत मामले में पेशे से चार्टर्ड अकाऊंटैंट व लुधियाना के एडवोकेट हरविंद्र सिंह बहल को भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 8 के तहत दोषी पाते हुए 3 साल कैद व 20 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। जुलाई, 2012 में उसके खिलाफ सी.बी.आई. की एंटी करप्शन टीम ने संबंधित केस दर्ज किया था। उसे सैक्टर-17 स्थित महफिल होटल के पास से रिश्वत की रकम समेत रंगे हाथों काबू किया गया था। अमेरिका से लौटे एन.आर.आई. भूपिंद्र सिंह मामले में शिकायतकर्ता थे। 

यह था मामला
उन्होंने रोपड़ में मशरू म की खेती करनी थी, जिसे लेकर आंध्रा बैंक में उन्होंने 68 लाख रुपए का लोन अप्लाई किया था। लोन में देरी होने की स्थिति में हरविंद्र सिंह ने लोन पास करवाने के नाम पर आंध्रा बैंक के डी.जी.एम. के नाम पर 1.50 लाख रुपए रिश्वत की मांग की थी। इसके पीछे उसने बैंक अधिकारियों से अपनी अच्छी जान-पहचान का हवाला दिया था। भूपिंद्र सिंह ने हरविंद्र से हुई बातचीत को रिकार्ड कर ली। 26 जुलाई, 2012 को रिश्वत की रकम में से एक लाख रुपए देने की बात तय हुई थी। बाकी बचे 50 हजार रुपए बाद में देना तय हुआ था। बहल ने भूपिंद्र को आश्वस्त किया था कि उसने बैंक के डी.जी.एम. से इस बारे में बात कर ली है। इसके बाद भूपिंद्र ने सी.बी.आई. से इसकी शिकायत की। 

सैक्टर-17 स्थित होटल के पास से किया था गिरफ्तार 
जांच में शिकायत की पुष्टि होने पर सी.बी.आई. ने 28 जुलाई, 2012 को ट्रैप लगाया और बहल को सैक्टर-17 स्थित महफिल होटल के पास से गिरफ्तार कर लिया था। बहल के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 8 के तहत केस दर्ज किया गया था। हालांकि सी.बी.आई. जांच में डी.जी.एम. अश्विनी मित्तल को क्लीन चिट दी गई थी। वहीं बचाव पक्ष के मुताबिक हरविंद्र सिंह शिकायतकर्ता व उसके परिवार का पुराना जानकार था व चार्टर्ड अकाऊंटैंट होने के नाते उनकी फाइलें भरता था। उसने 1.50 लाख रुपए अपनी फीस के रूप में मांगे थे, जिसे रिश्वत बता झूठा केस दर्ज कर दिया गया था।

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