29 वर्षीय रवि ने दी 5 लोगों को नई जिंदगी

Friday, Jul 19, 2019 - 04:30 PM (IST)

चंडीगढ़(पाल) : 13 जुलाई को रात करीब 1.30 बजे एक्टिवा से घर जा रहे रवि के सामने एक आवारा पशु आ गया और वह उससे बचते-बचते गिर गया। हादसे में उसे गंभीर चोटें आईं। उसे सिविल अस्पताल पहुंचाया गया, जहां से डॉक्टरों ने उसे जी.एम.सी.एच.-32 रैफर कर दिया। फिर यहां से उसे पी.जी.आई. रैफर कर दिया गया, लेकिन इलाज के दौरान कोई सुधार नहीं हुआ।

बुधवार सुबह डॉक्टरों ने 29 साल के रवि कपूर को ब्रेन डैड डिक्लेयर कर दिया। तीन भाई बहनों में रवि सबसे छोटा था। पिता कुलदीप कपूर सदमे में है। विश्वास नहीं हो रहा कि उनका बेटा अब नहीं रहा। बावजूद इसके पिता ने बेटे के ऑर्गन पी.जी.आई. में डोनेट करने का फैसला लिया। रवि करियर को लेकर बहुत पैशनेट था। डेराबस्सी में प्राइवेट नौकरी कर रहा था, लेकिन वह खुद का बिजनैस करना चाहता था। इसी को लेकर वह पिछले कुछ दिन से बिजी था।

दूसरों की मदद के लिए हमेशा आगे रहता था :
रवि काम के  साथ-साथ सोशल वर्क व दूसरों की मदद के लिए हरदम तैयार रहता था। वह दोस्तों के साथ मिलकर अक्सर ब्लड डोनेशन कैंप भी लगवाता था। बचपन के दोस्त हरीश ने बताया कि अपने ब्लड डोनेशन कैंप में उसने इच्छा जाहिर की थी कि उसका मन है कि वह अपने ऑर्गन प्लेज करे। ताकि दुनिया से जाते-जाते वह किसी और के काम आ सके। ऑर्गन डोनेशन को लेकर रवि की फैमिली काफी अवेयर थी। 

जब ट्रांसप्लांट कोर्डिनेटर्स ने उनसे बात की तो वह ऑर्गन डोनेट करने के लिए राजी हो गए। पी.जी.आई. के पांच मरीजों को रवि के ओर्गन ट्रांसप्लांट किए गए हैं। एक को लीवर, 2 को किडनी लगाई गई है, जबकि 2 मरीजों को कॉर्नियां ट्रांसप्लांट किया गया है। इस महीने का पी.जी.आई. का यह दूसरा ब्रेन डेड ओर्गन ट्रांसप्लांट हैं। इस साल पी.जी.आई. अब तक 15 ब्रेन डेड मरीजों की बदौलत मिले र्ओगन को जरूरतमंद मरीजों में ट्रांसप्लांट कर चुका है। 

सबक : हैल्मेट जरूर पहनें 
जिस वक्त रवि के साथ यह हादसा हुआ उसने हैल्मेट नहीं पहना था। इसी कारण उसे हैड में गंभीर इंजरी हुई। मौत और जिंदगी भले किसी के हाथ में नहीं है।  पी.जी.आई. में ज्यादातर मरीज जो ब्रैन डैड होते हैं उनमें एक्सीडैंटल वाले मामलों में व्यक्ति ने हैल्मेट नहीं पहना होता। 

Priyanka rana

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