250 बैड अस्पताल के कार्य को दिसम्बर तक पूरा करने के दिए निर्देश
punjabkesari.in Wednesday, Jun 28, 2017 - 09:01 AM (IST)

चंडीगढ़(अर्चना) : पी.जी.आई. की स्टैंडिंग फाइनांस कमेटी ने आज करोड़ों रुपए के बजट को मंजूरी दे दी। एडवांस न्यूरोसाइंस सैंटर और एडवांस मदर एंड चाइल्ड केयर सैंटर को 50 करोड़ के बजट से शुरू करने का फैसला लिया गया है। बेशक दोनों सैंटर्स का बजट 1000 करोड़ से अधिक है, परंतु यूनियन हेल्थ सैक्रेटरी सी.के.मिश्रा की अध्यक्षता में हुई बैठक में फैसला लिया गया है कि दोनों एडवांस सैंटर्स के निर्माण की शुरुआत 50 करोड़ रुपए से की जाएगी। सैंटर्स के निर्माण के लिए रिसर्च ब्लॉक के पीछे बनी वर्कशॉप को तोड़ा जाएगा।
सूत्रों की मानें तो मिश्रा ने बैठक में कहा कि सैंटर्स का काम दो सालों की अवधि में पूरा हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पूरे बजट के इंतजार में निर्माण कार्य को टालने की जरूरत नहीं है। दोनों सैंटर्स के निर्माण की मंजूरी दो साल पहले ही मिल गई थी, परंतु मामला एडवांस न्यूरोसाइंस सैंटर के बजट में अटका हुआ था।
न्यूरोलॉजी और न्यूरो सर्जरी विभाग ने सैंटर के लिए अतिरिक्त बजट की मांग कर दी थी, क्योंकि न्यूरोसाइंस सैंटर का प्रस्ताव जिस समय बनाया गया था उस समय सैंटर निर्माण का बजट बहुत ही कम था, परंतु सालों बीत जाने के बाद निर्माण की कीमत और उपकरणों को ध्यान में रखते हुए बजट बढ़ाना पड़ा। न्यूरोसाइंस समेत एडवांस मदर एंड चाइल्ड केयर सैंटर की मंजूरी स्टैंडिंग फाइनांस कमेटी से पहले कई सब कमेटियां दे चुकी हैं।
कब होगा 47 करोड़ रुपए का काम पूरा?
बैठक में 250 बैड अस्पताल का निर्माण चर्चा का विषय रहा। मिश्रा ने कहा कि अस्पताल को जुलाई में शुरू किया जाना था, परंतु आज तक इसका काम अटका हुआ है। पी.जी.आई. प्रबंधन ने बताया कि सैंट्रल पब्लिक वर्क डिपार्टमैंट (सी.पी.डब्ल्यू.डी.) की वजह से अस्पताल का काम पूरा नहीं हो सका है। अस्पताल का निर्माण 92.97 करोड़ रुपए में करने के लिए केंद्र सरकार ने मंजूरी दी थी, परंतु अस्पताल के अंदर गैसपाइप लाइन, एयरकंडीशनिंग, एलीवेटर्स के काम को ध्यान में रखते हुए बजट को 92.97 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 106 करोड़ रुपए कर दिया था।
बैठक में बताया गया कि सी.पी.डब्ल्यू.डी. ने अब तक अस्पताल में 47 करोड़ रुपए का काम लटकाया हुआ है। 47 करोड़ रुपए में अस्पताल के अंदर फायर से टी इक्यूपमैंट्स, फायर अलार्म, एलीवेटर्स, ऑक्सीजन पाइप लाइन, एयरकंडीशनर्स इत्यादि आंतरिक कार्य लटके हुए हैं। मिश्रा ने कहा कि अस्पताल का काम पूरा होने में जो भी रूकावटें हैं उन्हें पी.जी.आई. को तुरंत दूर करना चाहिए। उन्होंने दिसम्बर तक अस्पताल को पूरी तरह से तैयार करवाने के लिए पी.जी.आई. को निर्देश जारी कर दिए।
पुराने उपकरणों को फैंकों मत, इस्तेमाल करो :
सूत्रों की मानें तो सी.के.मिश्रा ने बैठक में यह साफ साफ कहा कि पी.जी.आई. में नए उपकरणों की भले खरीददारी करो, लेकिन पुराने उपकरणों को बेकार न करो। पुराने उपकरणों का भी बैस्ट इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि हैल्थ मिनिस्ट्री नए उपकरणों या सामान की खरीददारी से इंकार कर रही है, परंतु जो चीजें काम में आ सकती हैं उनका बेहतर उपयोग करो।
डाक्टर्स और इम्प्लाइज को मिलेंगे घर :
एस.एफ.सी. ने पी.जी.आई. में बनाए जाने वाले 144 घरों के निर्माण को मंजूरी दे दी। 144 घरों में 72 घर फैकल्टी के लिए बनए जाएंगे, जबकि अन्य 72 घर पी.जी.आई. के इम्प्लाइज के लिए बनाए जाने हैं। बैठक में घरों के लिए 81 करोड़ रुपए के बजट को स्वीकृत्त कर लिया गया है। 81 करोड़ रुपए में टाइप-3 और टाइप-5 घरों का निर्माण किया जाएगा। बैठक में पी.जी.आई. के संगरूर सैटेलाइट सैंटर के बजट को लेकर भी बात की गई। बताया गया कि संगरूर में शुरू की जाने वाली ओ.पी.डी., ट्रामा सैंटर, कैंसर सैंटर और लर्निंग रिसोर्स सैंटर के लिए हैल्थ मिनिस्ट्री चंडीगढ़ प्रशासन को करीब 1000 करोड़ रुपए का बजट भेजेगा।
पेशैंट लोड को देखने के लिए मिश्रा विभागों में घूमे :
पी.जी.आई. में बढ़ते हुए पेशैंट लोड को देखने के लिए सी.के.मिश्रा ने विभिन्न विभागों का राऊंड भी किया। इमरजैंसी, एडवांस ट्रामा सैंटर, एडवांस कार्डियक सैंटर, एडवांस आई सैंटर, नेहरू अस्पताल और ओ.पी.डी. का निरीक्षण किया। इमरजैंसी और ओ.पी.डी. में पेशैंट लोड को देखकर मिश्रा ने कहा कि पेशैंट लोड को कंट्रोल करने के लिए कुछ प्लानिंग होनी चाहिए, जबकि एडवांस आई सैंटर की कार्यप्रणाली से मिश्रा प्रभावित हुए। उन्होंने रेटिना, कोर्निया लैब और पेशैंट वार्ड को विजिट करने के बाद आई सैंटर में आने वाले पेशैंट्स के अनुपात में डाक्टर्स की संख्या का जायजा लिया।
इमरजैंसी और एडवांस ट्रामा सैंटर के पेशैंट लोड की मैनेजमेंट पर मिश्रा ने जब पी.जी.आई. अधिकारियों से जवाब मांगा तो उन्होंने बताया कि संगरूर सैटेलाइट सैंटर में ओ.पी.डी., ट्रामा सैंटर बनने के बाद पी.जी.आई. का लोड कम हो जाएगा। यह भी बताया कि इमरजैंसी में पेशैंट्स के स्टे को छोटा कर दिया गया है ताकि लोड कंट्रोल भी हो सके और ज्यादा पेशैंट्स को ट्रीटमैंट दी जा सके। इसके बाद मिश्रा ने 250 बैडेड अस्पताल का दौरा भी किया।