22 साल का युवक दे गया दो लोगों को किडनी
punjabkesari.in Tuesday, Feb 21, 2017 - 10:31 AM (IST)

चंडीगढ़ (पाल): पी.जी.आई. में पिछले 4 साल से डायलिसिस पर जी रहे 2 मरीजों को उस दौरान नई जिंदगी मिल गई जब 22 वर्षीय ब्रेनडैड युवक के परिजनों ने बेटे के अंगदान करने का फैसला लिया। जिन मरीजों में युवक के अंग ट्रांसप्लांट किए गए वे 4 वर्ष से डायलिसिस पर थे। इन दोनों मरीजों को किडनी ट्रांसप्लांट की गई है। पटियाला के पास बारही खेड़ी के रहने वाला 22 वर्ष का बागरी 7 फरवरी को सड़क हादसे का शिकार हो गया। हादसे में बागरी के सिर में गंभीर चोटें आई थीं। परिजन उसी दिन उसे पी.जी.आई. लाए जहां उसे एडमिट किया गया पर हालत गंभीर होने पर डाक्टरों ने उसे 17 फरवरी को ब्रेनडैड घोषित कर दिया।
बेटा हमेशा जिंदा रहेगा
जवान बेटे को खोने का दर्द जिंदगी भर दिल में रहेगा। ये शब्द बागरी के पिता के मुंह से निकले जब उनसे अंगदान के बारे में पूछा गया, लेकिन इतनी मुश्किल घड़ी में भी एक पिता ने जिस जज्बे के साथ बेटे के अंगदान का फैसला लिया वह वाकई बड़ी बात है। परिजनों की मानें तो बेटे की कमी तो हमेशा रहेगी लेकिन अगर उनके बेटे की मौत किसी दूसरे के काम आती है तो इससे पुण्य का काम शायद नहीं होगा। इससे हमारा बेटा इन लोगों के जरिए उनके दिलों में हमेशा जीवित रहेगा।
नहीं मिल रहा था मैचिंग डोनर
जिन दो मरीजों को किडनी ट्रांसप्लांट की गई है वो कई वर्षों से डायलिसिस पर थे। पी.जी.आई. में ओर्गन ट्रांसप्लांट लिस्ट में उनका नाम भी दर्ज था लेकिन इतने डोनर और मैचिंग न होने की वजह से उनका ट्रांसप्लांट नहीं हो पा रहा था। बागरी की बदौलत दोनों को नई जिंदगी मिली है। पी.जी.आई. में इस वर्ष का यह 10वां ओर्गन ट्रांसप्लांट है।