हुड्डा का 3 दिन का विदेश दौरा और खर्चा सवा दो करोड़ रुपए
punjabkesari.in Tuesday, Apr 26, 2016 - 10:45 AM (IST)

चंडीगढ़, (पांडेय): हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपने कार्यकाल में विभिन्न क्षेत्रों में पूंजी निवेश के लिए जहां विदेश दौरे पर 4 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए, वहीं महज 3 दिन के जापान दौरे पर 2 करोड़ रुपए से अधिक फूंक दिए।
हुड्डा के इन विदेश दौरों से हरियाणा को कितना लाभ हुआ इसका खुलासा आज तक नहीं हो सका है। हरियाणा के आर.टी.आई. कार्यकर्ता पी.पी. कपूर ने सूचना अधिकार के तहत जानकारी मांगी तो मौजूदा सरकार ने आधी अधूरी जानकारी दी। मामला राज्य सूचना आयोग के दरबार में पहुंच गया है।
पी.पी. कपूर ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने 10 वर्ष के कार्यकाल में विदेशी दौरों पर कुल 4 करोड़ 85 लाख रुपए खर्च किए। हुड्डा ने भारत-जापान वैश्विक पार्टनरशिप सम्मिट-2011 के 3 दिवसीय विदेशी दौरे पर 2 करोड़ 28 लाख 55 हजार 676 रुपऐ खर्च किए।
हैरानी वाली बात यह है कि हुड्डा शासन के 10 वर्ष में कितना पूंजी निवेश हुआ और कितने युवाओं को रोजगार मिले, यह आंकड़े खट्टर सरकार के पास उपलब्ध नहीं है। एम.ओ.यू. की प्रतियों को निजी व गोपनीय बताते हुए हरियाणा सरकार ने इन्हें सार्वजनिक करने से इंकार कर दिया।
यह भी खुलासा हुआ है कि जिस स्मार्ट सिटी परियोजना के लिए मौजूदा केंद्र सरकार दावे कर रही है उस स्मार्ट सिटी परियोजना पर तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के वर्ष 2011 के जापान दौरे के दौरान भारत तथा जापान की 2 बड़ी कंपनियों के साथ एम.ओ.यू. हुआ था।
10 वर्ष के हुड्डा शासन में विदेशी कंपनियों को एफ.डी.आई. श्रेणी के तहत प्रदेश भर में कुल 54 औद्योगिक प्लाट एच.एस.आई.आई.डी.सी. ने अलॉट किए। इनमें कुल 9540.67 करोड़ रुपए का निवेश प्रस्तावित था। इस प्रस्तावित कुल पूंजी निवेश में से जापानी मारुति उद्योग लि. द्वारा अकेले कुल 6000 करोड रुपए का निवेश प्रस्तावित था।
सरकार के पास नहीं है रोजगार की जानकारी
हरियाणा में सत्ता परिवर्तन होने के बाद भी पूंजी निवेश की स्थिति ऐसी ही है। वर्तमान खट्टर सरकार एक वर्ष-सर्वत्र हर्ष व हैपनिंग हरियाणा के सफल होने के दावे कर रही है।
आर.टी.आई. के माध्यम से वर्तमान सरकार से पिछले डेढ़ वर्ष में उपलब्ध करवाए गए रोजगार, प्रदेश में हुए पूंजी निवेश तथा बेरोजगार हुए युवाओं के बारे में जानकारी मांगी गई लेकिन सरकार इस बारे में जवाब नहीं दे सकी। जिसके चलते राज्य सूचना आयोग ने एच.एस.आई.आई.डी.सी. के अधिकारियों को नोटिस भेजकर 5 मई तक जवाब देने व 6 जून को आयोग में तलब किया है।