बिना ज्ञान और अध्ययन के स्थापित कर दिए मानव रहित 15 सब-स्टेशन

Sunday, Mar 07, 2021 - 09:33 PM (IST)

चंडीगढ़, (बंसल): हरियाणा सरकार जहां लगातार बिजली विभाग में सुधार को ढिढोरा पीट रही है तो वहीं कैग ने इस बात पर सवाल उठाए हैं कि बिना ज्ञान और अध्ययन मानव रहित 15 बिजली सब स्टेशन स्थापित कर दिए। इस निर्णय से सरकार को 11 करोड़ 14 लाख रुपए का फटका लगा है। हालांकि यह प्रयास सुधार के तौर पर किया था लेकिन उल्टा पड़ गया और विभाग को फिर पुराने ढर्रें पर लौटना पड़ गया। ऑडिट के दौरान जब कैग ने सरकार को इस बारे में अपत्ति भेजी तो रिपोर्ट पब्लिश होने तक भी जवाब नहीं दिया गया। इसका भी उल्लेख कैग ने अपनी रिपोर्ट में किया है।

 


मार्च, 2007 से अप्रैल, 2012 के बीच ये सब-स्टेशन स्थापित किए गए। 33 किलोवाट के पावर स्टेशन पर 34 करोड़ 46 लाख रुपए खर्च किए गए। उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम ने सब स्टेशन स्थापित किए। पायलट प्रोजैक्ट के तौर पर पहले 1 सब स्टेशन बनाना चाहिए था। लेकिन, एक साथ 15 बना दिए और विभाग को नुकसान झेलना पड़ा तो वहीं उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति की परेशानी से जूझना पड़ा। 


रिपोर्ट में उल्लेख है कि तकनीकी अधिकारियों और कर्मचारियों को ऐसे स्टेशन खराब होने पर ठीक करने का ज्ञान ही नहीं था। यह भी कहा है कि तकनीकी और आर्थिक अध्ययन के बिना लिए फैसले से सरकार को 11 करोड़ 14 लाख रुपए की चपत लगी। निगम ने दावा किया कि उन्होंने कोशिश की लेकिन मार्केट में आधुनिक उपकरण नहीं मिले। जिस कंपनी ने सब-स्टेशन स्थापित किए थे, उसके रेट काफी अधिक थे। ऐसे में सब-स्टेशन में बार-बार ट्रिपिंग और ब्रेकडाउन की समस्या बढ़ गई। 

Ajesh K Dharwal

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