चंडीगढ़: इतिहास बन कर न रह जाये, शहर का 133 साल पुराना रेलवे स्टेशन

punjabkesari.in Tuesday, Mar 27, 2018 - 01:19 PM (IST)

पंचकूला (चंदन): अंग्रेजों के जमाने मेंं बना पंचकूला स्थित चंडीमंदिर रेलवे स्टेशन कही इतिहास बन कर न रह जाये। क्यूकिं अब इस कर छत्त गिरने लगी है। शहर का सबसे पुराना रेलवे स्टेशन हैं, जहां की पुरी ईमारत अंग्रेजों के जमाने की है। यह रेलवे स्टेशन सन 1885 में बनाया गया था। 

 

इस रेलवे स्टेशन को बने करीब 133 साल हो चुके है। यहां से 5 ट्रेने प्रतिदिन गुजरती हैं । लेकिन 25 मार्च तक दो ट्रेने रद्द की गई हैं। जिस कारण फिलहाल 3 ट्रेने ही यहां से गुजरती हैं। समय रहते चंडीमंदिर रेलवे स्टेशन की रिपेयर नहीं की गई तो यह जल्द ही गिरने की कगार पर आ जाएगा।

 

128 साल पुरानी वजन करने वाली मशीन
चंडीमंदिर रेलवे स्टेशन पर सन 1890 में स्टेशन पर सामान का वजन करने के लिए लंदन से मशीन मंगाई गई थी। जो आज भी काम कर रही है। इस मशीन को यह लाए हुए करीब 128 साल हो गए  है। 

 

जो आने वाले समय मेंं शायद ही किसी और जगह देखने को मिले। चंडीमंदिर पंचकूला से कालका की ओर जाने वाले रास्ते मेंं पड़ता है। लेकिन कई लोगों को चंडीमंदिर रेलवे स्टेशन की जानकारी भी नहीं है।

 

रेलवे स्टेशन की छत की लकडिय़ां आज भी सही-सलामत 
रेल यात्रियों का कहना की 133 साल पुराने इस रेलवे स्टेशन की लकडिय़ां आज भी सुरक्षित है। जब  की इतनी पुरानी लकडिय़ां बरसात के दिनों में भिगती भी और तेज धूप को भी सहती है। जिस के बावजूद इस लकडिय़ां आज भी सुरक्षित है। 

 

चंडीमंदिर रेलवे स्टेशन भी ऐतिहासिक धरोहर की तरह ही है। इस लिए इस धरोहर को संजोने की जरूरत है। रेलवे स्टेशन के प्रवेश द्वार पर उसी समय के गेट भी लगे है। जो धिरे-धिरे खराब होते जा रहे है। रेलवे विभाग की ओर से जल्द ही इन्हे रिपेयर नही किया गया तो यह टूट जाएंगे।

 

हावड़ा जाने वाली ट्रेन यहीं से गुजरती है
चंडीमंदिर रेलवे स्टेशन के नाम पर छोटा सा स्टेशन है। यहां पर जनरल यात्रा के लिए बुकिंग ऑफिस भी है। इसके बगल में ही रेलवे के क्वॉर्टर भी हैं। जहां कर्ई परिवार रहते है। इस स्टेशन पर कर्मचारी भी नाम मात्र के ही हैं। यहां से प्रतिदिन 5 ट्रेने गुजरती है। जिसमें शताब्दी, कालका हावड़ा के साथ तीन अन्य टे्रने भी शामिल हैं।


 


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