चंडीगढ़ के 13 गांव नगर निगम में नहीं होंगे शामिल

punjabkesari.in Wednesday, Jun 01, 2016 - 10:29 AM (IST)

चंडीगढ़। केन्द्रीय सरकार के लैंड रिकार्ड पायलेट प्रॉजेक्ट की मंगलवार को चंडीगढ़ से शुरुआत होने के साथ ही यहां के 13 गांवों के बने रहने की संभावना भी पुख्ता हो गई है। लाल डोरे के अंतर्गत इन गांवों के मुद्दे पर केन्द्र ने भी अपना रुख साफ कर दिया है।  बीरेंद्र चौधरी ने 13 गांव के लोगों को राहत देते हुए घोषणा की कि नगर निगम में फिलहाल इन गांव को लाने का इरादा नहीं है। केंद्र सरकार के इस फैसले से इन सभी गांव में रहने वाले लोगों को काफी राहत मिलेगी जो इस फैसले के खिलाफ थे। इस मामले को नगर निगम द्वारा भी काफी बार चंडीगढ़ प्रशासन के सामने उठाया गया था। जिस पर पूरे मामले को केंद्रीय मंत्री ने विराम लगा दिया। इस अवसर पर चंडीगढ़ प्रशासक के सलाहकार परिमल राय भी मौजूद थे। 
 
इन गांवों की निगम में शामिल करने की थी चर्चा :
निगम द्वारा प्रशासन को भेजे गए एक प्रस्ताव के मुताबिक किशनगढ़, मौलीजागरां, दड़वा, रायपुरकलां, मक्खन माजरा, बहलाना, रायपुर खुर्द, धनास, सारंगपुर, खुड्डा अलीशेर, कैंबवाला, खुड्डा लहौरा और खुड्डा जस्सू ऐसे गांव हैं, जिन्हें निगम में शामिल करने पर अब तक चर्चा रही।
 
5 गांव हैं निगम के अधीन :
शहर में कुल 18 गांव हैं, जिनमें पांच गांवों हल्लोमाजरा, कजेहड़ी, पलसौरा, मलोया और डड्डूमाजरा  को साल 2006 में नगर निगम में शामिल करके वार्ड की संख्या 20 से बढ़ाकर 26 कर दी गई थी। इन गांवों का विकास अब नगर निगम ही कर रहा है।

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