सहायता के अलावा अपराधियों को भी गिरफ्त में लेंगे डायल 112 कर्मी

punjabkesari.in Thursday, May 19, 2022 - 08:50 PM (IST)

चंडीगढ़,(अविनाश पांडेय): हरियाणा में आम जनता को त्वरित गति से पुलिस सहायता मुहैया करवाने में तल्लीन डायल 112 से अब अपराध रोकने में भी मदद ली जाएगी। पुलिस के आई.टी. विभाग ने इसका प्रारूप तैयार कर लिया है। डायल 112 के कर्मियों को स्थानीय स्तर पर पुलिस की मदद करने और अन्य तरह के अपराधों के लिए तैयार किया जा रहा हैं। इसमें किसी भी तरह के अपराध पर अपराधियों का पीछा करने, रात्रि गश्त करने और सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्तियों को तत्काल अस्पताल पहुंचाना मुख्य काम होगा। हालांकि अभी भी डायल 112 के कर्मचारी सड़क दुर्घटना की स्थिति में तुरंत प्रभाव से घायलों की मदद कर रहे हैं लेकिन नए प्रारूप में इसे और बेहतर किया जा रहा है। वहीं, प्रदेश में एम्बुलैंस और फायर ब्रिगेड की सेवाओं को 112 से जोडऩे का काम तेजी से चल रहा है। मौजूदा समय में गुरुग्राम, फरीदाबाद और पंचकूला में इसका ट्रायल पूरा हो चुका है। मसलन भविष्य में पुलिस, महिला हैल्पलाइन, एम्बुलैंस और फायर ब्रिगेड का नंबर 112 में ही तबदील हो जाएगा।

 


गौरतलब है कि हरियाणा पुलिस की महत्वाकांक्षी डायल 112 योजना बीते वर्ष 12 जुलाई को शुरू की गई थी जिसमें अब तक लाखों लोगों को तुरंत प्रभाव से पुलिस की सहायता मिल चुकी हैं। इस सेवा में काफी हद तक महिला हैल्पलाइन व एम्बुलैंस सेवाएं भी शामिल हो चुकी है। नए प्रारूप में अब डायल 112 की गाडिय़ों और मुलाजिमों का इस्तेमाल अपराध रोकने के लिए किया जाएगा। इसके अलावा पुलिसकर्मियों की कमी को देखते हुए दो पुलिसकर्मियों के साथ एक एस.पी.ओ. की तैनाती का भी फैसला लिया गया है। वहीं, किसी भी जगह डायल 112 की गाडिय़ां जाने की जानकारी अब स्थानीय पुलिस थानों में दर्ज की जाएगी।  

 


जी.पी.एस. सिस्टम से मुलाजिमों की होगी निगरानी 
डायल 112 की गाडिय़ों पर तैनात मुलाजिमों की निगरानी का प्रारूप भी तैयार किया गया है। अब जी.पी.एस. सिस्टम के जरिए हर समय इन गाडिय़ों के मुलाजिमों की मूवमैंट मुख्यालय को मिलती रहेगी। नए प्रारूप में यदि पुलिसकर्मियों की ओर से खड़ी गाड़ी में ए.सी. चलाया जाता है तो उसकी जानकारी मुख्यालय तक पहुंच जाएगी। इसके अलावा मुलाजिमों के गाड़ी से बाहर, 70 की स्पीड से ज्यादा गाड़ी चलाने और अपने लोकेशन से अन्य स्थान पर जाने की सूचना भी जी.पी.एस. के जरिए मुख्यालय तक पहुंचती रहेगी। बताया गया कि यदि किसी भी गाड़ी का मुलाजिम 70 की स्पीड से ज्यादा गाड़ी दौड़ाएगा तो खुद ही मुख्यालय को अलर्ट मिल जाएगा। किसी गाड़ी का पीछा करने की स्थिति में पुलिसकर्मियों को पूरा ब्यौरा मुख्यालय को देना पड़ेगा। 

 


डायल 112 से हर व्यक्ति को तुरंत मिल रही पुलिस सहायता : विज
गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि डायल 112 योजना से प्रदेश में काफी हद तक अपराध में कमी आई है। इस सेवा के शुरू होने से जहां आम जनता को 15 से 20 मिनट में पुलिस सहायता मिल रही है तो वहीं अपराधियों में भी अब भय दिखने लगा है। उन्होंने कहा कि इस सेवा को अब महिला हैल्पलाइन व एम्बुलैंस से भी जोड़ा जा रहा है और हाईवे पर अलग से 112 की गाडिय़ां लोगों की सेवा में लगाई गई हैं।


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News Editor

Ajay Chandigarh

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